हाइवे स्थित टोल के जरिये टोल कम्पनी घरौंडा विधानसभा के लोगों को जोर का झटका धीरे से देने की तैयारी कर चुकी हैं। टोल कम्पनी की ओर से जारी फरमान के अनुसार स्थानीय वाहन चालकों को अब मुफ्त में टोल क्रॉस करने की सुविधा नहीं मिलेगी। लोकल वाहन चालकों को टोल क्रॉसिंग के लिए अब मासिक पास बनवाना पड़ेगा। जिसके लिए उन्हें डेढ़ सौ रूपये प्रति माह अदा करने होंगे। टोल कम्पनी के अधिकारी मासिक पास के भुगतान को बेहद मामूली बता रहे हैं, लेकिन घरौंडा के लोगों की जेब पर पडऩे वाला टोल का यह बोझ मामूली नहीं, बल्कि दो करोड़ रूपये सालाना के करीब हो सकता हैं।
टोल टेक्स के खिलाफ लामबंद हुई सामाजिक संस्थाओं और शहरवासियों ने टोल कम्पनी के फरमान के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया हैं। स्थानीय लोगों के विरोध को दरकिनार करने के लिए टोल कम्पनी द्वारा कई तर्क दिए जा रहे हैं। सोमा कम्पनी के डीजीएम संजय माथुर का दावा है कि हाइवे पर लगने वाले दूसरे टोल टैक्स की तुलना में बसताड़ा टोल पर लोकल वाहन चालकों के लिए सबसे सस्ती दरें तय की गई हैं। बसताड़ा टोल पर लोकल वाहन चालकों के लिए मासिक पास की सुविधा शुरू की गई हैं। मासिक पास के लिए एलएमवी वाहन चालक को प्रति माह डेढ़ सौ रूपये अदा करने होंगे। ऐसे में घरौंडा व आसपास के गांवों के कार चालकों को मात्र पांच रुपए प्रतिदिन ही टोल टेक्स देना पड़ेगा। मासिक पास फास्ट टैग से जुड़ा होगा। जिससे कार चालक फास्ट टैग लेन से बे-रोक टोक आवागमन कर सकेंगे।
शहर के इलावा करीब सौ गांवों होंगे प्रभावित-
टोल प्लाजा पर लोकल वाहनों से टैक्स लिए जाने के निर्णय का सिर्फ घरौंडा शहर पर ही नहीं बल्कि इलाके के करीब सौ गांवों पर असर पड़ेगा। घरौंडा के उपमंडल बनने के बाद करीब एक दर्जन नए गांवों को तहसील से जोड़ा गया था। जिसमें नगला मेघा, शेखपुरा जागीर, सुहाना, मंगलौरा, अन्धेडा, दिलावरा, ऊँचा समाना, गंजोगढ़ी, रान्वर व अन्य कई गाँव शामिल है। इन गांवों के ग्रामीणों को टोल क्रॉस करके उपमंडल कार्यालय में आना पड़ता हैं। घरौंडा शहर के सत्रह वार्डो, कोहंड, गुढा, बेगमपुर, खोराखेडी, शेखपुरा, मलिकपुर, रायपुर, शाहजानपुर, फुरलक, स्टोंडी, उपली, हसनपुर, रसीन, झिन्वरहेड़ी, बसताड़ा, अराईपुरा, चौरा, सदरपुर, मुंडीगढ़ी, पीर बडोली, डिंगर माजरा, कल्हेडी, बरसत, फरीदपुर, पुंडीर, हरीसिंह पूरा, कैमला, गढ़ी मुल्तान, संजय नगर, देवीपुरा, बल्हेडा व अन्य गांवों के ग्रामीणों को अपने कार्यो के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता हैं।
करीब दस हजार वाहनों पर सालाना दो करोड़ का बोझ-
घरौंडा विधानसभा और उपमंडल में शामिल गांवों में अनुमानित करीब दस हजार छोटे वाहन है। टोल कम्पनी ने जिस तरह लोकल वाहन चालकों के लिए मासिक पास जरुरी कर दिया हैं। उससे सीधे-सीधे दस हजार वाहन मालिकों पर असर पड़ेगा। मासिक पास के लिए निर्धारित 150 रूपये शुल्क के अनुसार प्रत्येक वाहन मालिक को सालाना 1800 रुपए सिर्फ बसताड़ा टोल टैक्स के लिए चुकाने पड़ेगें। इस हिसाब से दस हजार वाहन चालकों को सालाना एक करोड़ अस्सी लाख रूपये टोल के रूप में देने होंगे। ऐसे में टोल कम्पनी का फरमान घरौंडा के लोगो पर भारी भरकम बोझ पड़ेगा।
No comments:
Post a Comment