PARVEEN KAUSHIK
करनाल --
अंतराष्ट्रीय स्तर की सहकारी क्षेत्र में सबसे बडी उर्वरक उत्पादन व वितरण करने वाली सहकारी संस्था इफको अपनी स्थापना का 50वां वर्ष स्वर्ण जंयती के रूप् में बड़े हर्षोल्लास से मना रही है। इफको आज अपने कार्यक्रमों, कार्य संस्कृृति तथा किसानों का वास्तविक साथी बनकर अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए प्रयासरत है। इस स्वर्ण जंयती वर्ष में आगामी 26 अप्रैल को एन.डी.आर.आई. करनाल के सभागार में क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत आने वाले सभी 7 जिलों के लगभग 1000 प्रतिभागियों की उपस्थिति में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इफको सदस्य समितियों के सहकार बन्धु एवं प्रगतिशील किसान भाग लेगें तथा इस भव्य आयोजन को इफको के प्रबंध निदेशक डा. यू.एस. अवस्थी सुबह 10 बजे सम्बोधित करेगें।
उक्त जानकारी चीफ एरिया मैनेजर एसपीएस पंवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि इस संस्था की स्थापना 3 नवम्बर 1967 को हुई थी। वर्तमान इफको के भारत में 5 व विदेश में 1 संयत्र ( ओमान )में है। इफको संस्था द्वारा किसानों को प्रत्येक उर्वरक बैग की खरीद पर 4000/- रूपये का बीमा कुल 25 बैग की खरीद पर कुल 1 लाख रूपये तक का बीमा दिया जाता है जो कि उर्वरक खरीद के एक माह बाद स्वत: लागू हो जाता है तथा इसके एक साल बाद तक वैधता बनी रहती है। इसी प्रकार इफको द्वारा कृषि रसायन के क्षेत्र में भी उच्च गुणवता के कृषि रसायन की आपूर्ति के लिए मित्सूबिसी कार्पोरेशन जापान के साथ संयुक्त उद्यम इफको एम.सी. के नाम से स्थापित किया है। इफको एम.सी. द्वारा कृषि रसायन सहकारी समितियों पैक्सों व इफको किसान सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध कराये जा रहें हैं,जिसमें कृषि रसायनों की खरीद पर भी दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इफको क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत 7 जिले आते हैं। जिसमें करनाल, पानीपत, कैथल, अम्बाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र व पंचकुला हैं। क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों में कुल उर्वरक आपूर्ति में इफको का 25 प्रतिशत हिस्सा है तथा सहकारी क्षेत्र की आपूर्ति में 60 प्रतिशत हिस्सा लगातार कई वर्षो से रहा है। इस क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत इन जिलों में मुख्य फ सलें गेहंू, धान, गन्ना के साथ-साथ सरसों, सुरजमुखी, आलू के अलावा अन्य सब्जियों व फ लों की खेती की जाती है। इफको द्वारा कृषक समाज को कृषि ज्ञान उपलब्ध करने बारे व नयी कृंिष तकनीक फसल विविधिकरण प्रोत्साहन व हरी खाद अपनाने बारे अनेक कार्यक्रम वर्ष भर में गांवों में आयोजित किये जाते है। रासायनिक उर्वरकों के लगातार तथा असंतुलित उपयोग से खेतों की मिटटी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है, इस बात को पहचानते हुए इफको द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों में मृदा स्वास्थ्य सुधार हेतू हरी खाद परियोजना चलाई गई जिसके द्वारा 29 गांवों के 490 किसानों के 570 हैक्टैयर क्षेत्र में मूंग व ढैचंा बीज इफको अनुदान पर हरी खाद के रूप में लगाने हेतू किसानों को उपलब्ध करवाया गया जिससे जमीन की तासीर सुधार हुआ तथा आगामी फ सल में उर्वरकों की बचत हुई। किसानों को उच्च गुणवता के कृषि यंत्र उपयोग को बढावा देने हेतू 25 स्प्रै पम्प किसानों को इफको द्वारा अनुदान पर उपलब्ध करवाये गये। इन जिलों में 56 किसान सभा व 14 खेत दिवस का आयोजित करके किसानों को कृषि ज्ञान से शिक्षित किया गया। इन जिलों के प्रगतिशील किसानों को कृषि संस्थानों का भ्रमण करवा कर प्रशिक्षित किया गया।
उन्होंने बताया कि इफको द्वारा कृषि में कार्यरत ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच हेतू निशुल्क स्वास्थय जांच शिविर लगाया गया व किसानों के दुधारू पशुओं के स्वास्थय जांच हेतू निशुल्क पशु स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इफको नारी सशक्तिकरण और नारी के प्रति सकारात्मक सोच के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रही है। आज इफको द्वारा ट्रैक्टर- ट्राली व वाल पेन्टिग व सभी होने वाले कार्यक्रमों में बेटी बचाओ बेटी पढाओं की भावना लाने वाले सदेंश प्रचारित -प्रसारित किए जा रहे है। सहकारी तंत्र के विकास हेतू सहकारी समितियों के प्रभारियों को 20 कार्यक्रम आयोजित करके प्रशिक्षित किया गया। इफको द्वारा ग्राम अंगीकरण कार्यक्रम इस उदेश्य से शुरू किया गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र सामाजिक व आर्थिक विकास हो सके,जिसको लागू करने हेतू हर जिलें में एक गांव अंगीकृत करके किसानों को हर संभव कृषि ज्ञान व कृषि यन्त्रों व हरी खाद बीज पर अर्थ सहायता भी उपलब्ध करवाई गई।
क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत जिला करनाल के गांव शाहपुर को आदर्श गांव के रूप में भी विकसित करने हेतू इस गांव में किसान सभा महिला प्रशिक्षण, खेत दिवस, जैव उर्वरक प्रसार अभियान आदि कार्यक्रमों का आयोजन करके ग्रामीणों खासकर किसानों व महिलाओं को लाभान्वित किया गया। इफको के सभी 12 किसान सेवा केन्द्रों पर स्वाईप मशीन से भुगतान स्वीकार किया जा रहा है जिससे किसानों को सभी कृषि आदान कैशलैस प्रणाली से मिल रहें हैं जिससे भारत सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटलाईजेशन पद्वति को भी बढावा दिया जा रहा है। क्षेत्रीय कार्यालय करनाल में भी सभी स्तर के भुगतान भी कैशलैस प्रणाली से किए जा रहें हैं।
करनाल --
अंतराष्ट्रीय स्तर की सहकारी क्षेत्र में सबसे बडी उर्वरक उत्पादन व वितरण करने वाली सहकारी संस्था इफको अपनी स्थापना का 50वां वर्ष स्वर्ण जंयती के रूप् में बड़े हर्षोल्लास से मना रही है। इफको आज अपने कार्यक्रमों, कार्य संस्कृृति तथा किसानों का वास्तविक साथी बनकर अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए प्रयासरत है। इस स्वर्ण जंयती वर्ष में आगामी 26 अप्रैल को एन.डी.आर.आई. करनाल के सभागार में क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत आने वाले सभी 7 जिलों के लगभग 1000 प्रतिभागियों की उपस्थिति में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इफको सदस्य समितियों के सहकार बन्धु एवं प्रगतिशील किसान भाग लेगें तथा इस भव्य आयोजन को इफको के प्रबंध निदेशक डा. यू.एस. अवस्थी सुबह 10 बजे सम्बोधित करेगें।
उक्त जानकारी चीफ एरिया मैनेजर एसपीएस पंवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि इस संस्था की स्थापना 3 नवम्बर 1967 को हुई थी। वर्तमान इफको के भारत में 5 व विदेश में 1 संयत्र ( ओमान )में है। इफको संस्था द्वारा किसानों को प्रत्येक उर्वरक बैग की खरीद पर 4000/- रूपये का बीमा कुल 25 बैग की खरीद पर कुल 1 लाख रूपये तक का बीमा दिया जाता है जो कि उर्वरक खरीद के एक माह बाद स्वत: लागू हो जाता है तथा इसके एक साल बाद तक वैधता बनी रहती है। इसी प्रकार इफको द्वारा कृषि रसायन के क्षेत्र में भी उच्च गुणवता के कृषि रसायन की आपूर्ति के लिए मित्सूबिसी कार्पोरेशन जापान के साथ संयुक्त उद्यम इफको एम.सी. के नाम से स्थापित किया है। इफको एम.सी. द्वारा कृषि रसायन सहकारी समितियों पैक्सों व इफको किसान सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध कराये जा रहें हैं,जिसमें कृषि रसायनों की खरीद पर भी दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इफको क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत 7 जिले आते हैं। जिसमें करनाल, पानीपत, कैथल, अम्बाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र व पंचकुला हैं। क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों में कुल उर्वरक आपूर्ति में इफको का 25 प्रतिशत हिस्सा है तथा सहकारी क्षेत्र की आपूर्ति में 60 प्रतिशत हिस्सा लगातार कई वर्षो से रहा है। इस क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत इन जिलों में मुख्य फ सलें गेहंू, धान, गन्ना के साथ-साथ सरसों, सुरजमुखी, आलू के अलावा अन्य सब्जियों व फ लों की खेती की जाती है। इफको द्वारा कृषक समाज को कृषि ज्ञान उपलब्ध करने बारे व नयी कृंिष तकनीक फसल विविधिकरण प्रोत्साहन व हरी खाद अपनाने बारे अनेक कार्यक्रम वर्ष भर में गांवों में आयोजित किये जाते है। रासायनिक उर्वरकों के लगातार तथा असंतुलित उपयोग से खेतों की मिटटी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है, इस बात को पहचानते हुए इफको द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों में मृदा स्वास्थ्य सुधार हेतू हरी खाद परियोजना चलाई गई जिसके द्वारा 29 गांवों के 490 किसानों के 570 हैक्टैयर क्षेत्र में मूंग व ढैचंा बीज इफको अनुदान पर हरी खाद के रूप में लगाने हेतू किसानों को उपलब्ध करवाया गया जिससे जमीन की तासीर सुधार हुआ तथा आगामी फ सल में उर्वरकों की बचत हुई। किसानों को उच्च गुणवता के कृषि यंत्र उपयोग को बढावा देने हेतू 25 स्प्रै पम्प किसानों को इफको द्वारा अनुदान पर उपलब्ध करवाये गये। इन जिलों में 56 किसान सभा व 14 खेत दिवस का आयोजित करके किसानों को कृषि ज्ञान से शिक्षित किया गया। इन जिलों के प्रगतिशील किसानों को कृषि संस्थानों का भ्रमण करवा कर प्रशिक्षित किया गया।
उन्होंने बताया कि इफको द्वारा कृषि में कार्यरत ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच हेतू निशुल्क स्वास्थय जांच शिविर लगाया गया व किसानों के दुधारू पशुओं के स्वास्थय जांच हेतू निशुल्क पशु स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इफको नारी सशक्तिकरण और नारी के प्रति सकारात्मक सोच के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रही है। आज इफको द्वारा ट्रैक्टर- ट्राली व वाल पेन्टिग व सभी होने वाले कार्यक्रमों में बेटी बचाओ बेटी पढाओं की भावना लाने वाले सदेंश प्रचारित -प्रसारित किए जा रहे है। सहकारी तंत्र के विकास हेतू सहकारी समितियों के प्रभारियों को 20 कार्यक्रम आयोजित करके प्रशिक्षित किया गया। इफको द्वारा ग्राम अंगीकरण कार्यक्रम इस उदेश्य से शुरू किया गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र सामाजिक व आर्थिक विकास हो सके,जिसको लागू करने हेतू हर जिलें में एक गांव अंगीकृत करके किसानों को हर संभव कृषि ज्ञान व कृषि यन्त्रों व हरी खाद बीज पर अर्थ सहायता भी उपलब्ध करवाई गई।
क्षेत्रीय कार्यालय करनाल के अंतर्गत जिला करनाल के गांव शाहपुर को आदर्श गांव के रूप में भी विकसित करने हेतू इस गांव में किसान सभा महिला प्रशिक्षण, खेत दिवस, जैव उर्वरक प्रसार अभियान आदि कार्यक्रमों का आयोजन करके ग्रामीणों खासकर किसानों व महिलाओं को लाभान्वित किया गया। इफको के सभी 12 किसान सेवा केन्द्रों पर स्वाईप मशीन से भुगतान स्वीकार किया जा रहा है जिससे किसानों को सभी कृषि आदान कैशलैस प्रणाली से मिल रहें हैं जिससे भारत सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटलाईजेशन पद्वति को भी बढावा दिया जा रहा है। क्षेत्रीय कार्यालय करनाल में भी सभी स्तर के भुगतान भी कैशलैस प्रणाली से किए जा रहें हैं।
NYC
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