गोकुल मिशन से बढ़ेगा अब देश में दुध का उत्पादन:आलुवालिया
दुध में मिलावट करने वालों पर कसा जाएगा शिकंजा-मोहन सिंह आलुवालिया
कुरुक्षेत्र 29 मार्च -
भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह आलुवालिया ने कहा कि देश में गोकुल मिशन के तहत दुध का उत्पादन बढाया जाएगा। इस योजना के तहत देश की चयनित 500 गऊशालाओं में 50 हजार गाय देने का प्रस्ताव रखा जाएगा और इस मिशन के लिए साढ़े सात हजार रुपए का बजट भी केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा। इस योजना के तहत दुध देने वाली गाय खरीद कर सीधी गऊशालाओं में भेजी जाएगी।
वे बुधवार को देर सायं लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों और गऊशालाओं के प्रतिनिधियों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह आलुवालिया और पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. धर्मेन्द्र ने शहर की बाहरी और अन्य गऊशालाओं का निरीक्षण कर गायों की देखरेख से सम्बन्धित व्यवस्था का आंकलन किया और गऊशाला संचालकों से गऊशाला से संचालन से सम्बन्धित समस्याओं को जानने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 3 मार्च 2017 को गाय व अन्य जीव-जंतुओं तथा पर्यावरण को बचाने के उदेश्य से बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। पिछले 20 सालों से पशुओं की संख्या घटी है, दुध उत्पादक और दुध का काम भी घटा हैं, लेकिन आबादी के हिसाब से दुध का उत्पादन बढ़ा है। इससे यह तथ्य सामने आए है कि दुध में मिलावट करने काम जोरों पर चल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 68.75 प्रतिशत मिलावटी और जहरीला दुध बिक रहा है और गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सैनिकों में दुध और पैकिंग सामाग्री में रसायन पदार्थो से 17 प्रतिशत सैनिकों को खतरनाक बिमारियों ने घेर लिया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में गऊशालाओं की उपयोगिता बढ़ी है और दुध देने वाली गायों को गऊशालाओं में रखने की तरफ सरकार का पूरा फोकस है। इस चिंताजनक स्थिति और तथ्यों को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोकुल मिशन के तहत देश में दुध का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना के अनुसार साढ़े सात हजार करोड़ के बजट से दुध का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। युवाओं को डेयरी व्यवसाय अपनाने की प्रति जागरुक किया जाएगा और डेयरी के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले लोगों को केन्द्र सरकार की तरफ से सम्मानित भी किया जाएगा। इसके लिए सरकार प्रस्ताव तैयार कर रही है कि देश की चयनित 500 गऊशालाओं में 50 हजार दुध देने वाली गाय खरीदकर गऊशालाओं में भेजी जाए।
बोर्ड के सदस्य ने कहा कि सरकार दुध में मिलावट करने वालो पर शिकंजा कसने जा रही हैं। सरकार का पूरा ध्यान रहेगा की मिलावटी दुध के सैम्पल क्यों पास हो रहे है और किसानों के पास कितनी गाया है, सम्बन्धित क्ष्ेात्र का दुध उत्पादन किता है और किस दर से दुध बेचा जा रहा है आदि से सम्बन्धित डाटा बैंक तैयार किया जाएगा और फिर दुध में मिलावट करने वालों पर शिंकजा कसा जाएगा। इसके लिए सम्बन्धित अधिकारियों को कुछ विशेष अधिकार भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दुध में मिलावट करने वाले लोग मानवता के दुश्मन हैं। इसके उपरांत कुछ गऊशालाओं संचालकों ने अपनी समस्याएं और कुछ सुझाव भी रखे। इन सुझावों पर चर्चा करते हुए बोर्ड के सदस्य ने कहा कि हरियाणा सरकार से अपील की जाएगी कि गऊ चराण भूमि पर सरकार का मालिकाना हक रहे और इस गऊ चराण जमीन पर कुछ रकम का चार्ज लगाकर जमीन पर चारा लगाने की इजाजत दी जाए ताकि गऊशाालाओं में गायों को भरपेट चारा मिल सके। एडीसी धर्मवीर सिंह ने मेहमानों का स्वागत किया और पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. धर्मेन्द्र ने आंगुतकों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर नगराधीश डा. गौरव अंतिल, डीएसपी मुख्यालय राज सिंह, कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद, नगरपालिका सचिव केएल बठला, डीएफओ विरेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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