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Sunday, 31 March 2019

स्कुल करते है मनमानी , स्कूल की मनमानी के खिलाफ देंगे धरना

अखबारों तक ही सीमित रहते है शिक्षा विभाग व मंत्री के आदेश ,
स्कुल करते है मनमानी , स्कूल की मनमानी के खिलाफ देंगे धरना 
घरौंडा(प्रवीण कौशिक  ):
आज नई अनाज मंडी में स्थित एक सामाजिक संस्था के कार्यालय में शहरवासियों की मीटिंग हुई।  इस दौरान प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर पूरी जोर-शोर से चर्चा हुई और प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई ।
इस मीटिंग में प्राइवेट स्कूलों की कमियों को गिनाया गया। जिसमे प्राइवेट स्कूल मार्च तक अपने ऐडमिशन कंप्लीट कर लेते हैं ताकि यह बच्चे बाहर गवर्नमेंट स्कूल में पढना भी चाहे तो वो समय न मिल पाए। प्राइवेट स्कूलों में सातवीं कक्षा और नौवीं कक्षा के बच्चे पूरा साल गायब रहते हैं क्यों की स्कूल वाले ही सातवीं क्लास के अंदर अक्टूबर-नवंबर में आठवीं का सिलेबस शुरू करवा देते हैी और इसी तरह दसवीं का सलेबस नौवीं कक्षा के बच्चे को दे दिया जाता है। वही नर्सरी से लेकर पांचवी तक अपनी मनमर्जी की किताबे लगवाते हैं ताकी जो दुकान किताबों की फिक्स है वहां से मोटा कमीशन आता रहे। और 3 तरह की स्कूल ड्रेसे लगवा देते है I 2 दिन उस रंग की पहन कर आओगे 2 दिन दुसरे कलर पहन कर आओगे और ड्रेस जिस दुकान से खरीदी जाती है वहाँ से भी कमीशन शुरू हो जाता है। अब तो ऐडमिशन फीस के नाम की जगह डेवलपमेंट चार्ज लेने लग गए है जिसमें बिल्डिंग फड के लिए स्कूल मे विकास होता है, सरकार की नजरों में ऐडमिशन फीस खत्म कर दिया जाता है।

असल मे पहले हर साल एडमिशन फीस लेते थे अब इसकी जगह इन्होंने डेवलपमेंट चार्ज नाम रखकर अपना कारोबार शुरू कर दिया है, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट लेते वक्त 100 रूपए स्कूल फीस है जबकि गवर्नमेंट स्कूलों में 3 रुपये फीस है। ये सरकारी आदेशों की कभी पालना नहीं करते। सरकारी स्कूल मौसम के अनुसार छुट्टी करता है, लेकिन यह आदेशों की पालना में असफल रहते हैं। प्राइवेट स्कूल वाले 2 साल के बच्चे को ही स्कूल में पढाने लग जाते हैं, 4 साल तक पूरी तरह से बच्चे के माता-पिता को फीस चार्ज में निचोड़ देते है। टूर प्रोग्रामो में गोलमाल इस कदर होता है की एक बच्चे से एक एक या दो हजार रुपये तक वसूल कर लेते है। 35-ए के फॉर्म को लेकर आम आदमी इन स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला कराता है तो तरह-तरह की परेशानियों को झेलना पड़ता है इन सब बातों को बताते हुए संस्था के संयोजक योगेंद्र शर्मा ने ललकार दी है कि हम अपने आसपास में यह मनमानी नहीं होने देंगे।
इस दौरान संस्था के हरियाणा अध्यक्ष जेपी शेखपुरा ने कहा की आने वाले मंगलवार को घरौंडा एस.डी.एम के सामने यह बात रखी जाएगी और इन पर तुरंत कार्रवाई करवाने का एल्टीमेटम दिया जाएगा, अगर कोई कार्रवाई नहीं होती और स्कूल द्वारा किसी अभिभावक के साथ अन्याय होता है तो उस स्कूल के आगे टेंट गाड़ कर धरने पर बैठ जाएंगे।
अखबारों में घोषणा तक ही सीमित रहते है आदेश ---
उन्होंने कहा सरकार के मंत्री और अधिकारी अखबारों मे कहते हैं कि छुट्टियों की फीस नहीं ली जाएगी ऐडमिशन फीस अगर कोई लेगा तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा, लेकिन असलियत में यह सब वादे और नियम धरे-धराए रह जाते है और अभिभावकों की जेब पर स्कूली प्रसाशन इसी तरह लूट-मार मचा कर रखता है। वही उन्होंने स्कूलों के मामले में दिल्ली सरकार को शाबाशी देते हुए कहा कि पूरे देश में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के हालात मे जबरदस्त तरक्की हुई है और यही सिस्टम हम अपने हरियाणा में भी देखना चाहते हैं। इस दौरान अन्य सदस्य भी मौजूद थे।

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