बंदियों के बीच हुई मारपीट व तोडफ़ोड के मामले की जांच शुरू
घरौंडा 31 मार्च। प्रवीण कौशिक
मधुबन स्थित सेफ्टी हाऊस में बीती रात बंदियों के बीच हुई मारपीट व तोडफ़ोड के मामले की जांच शुरू हो गई है। बंदियों द्वारा स्पेशल होम में लगे उपकरणों को तोडक़र रिकॉर्ड में आग लगा दी गई थी। इस मामले की जांच के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस व फोरेंसिक विभाग की टीम मधुबन पहुंची। सेफ्टी हाउस में सुबह शुरू हुई जांच लगभग छह घंटे तक चली। इस दौरान अधिकारियों ने सभी बंदियों की काउंस्लिंग की और उनके ब्यान दर्ज किए। उत्पात में 8 बंदियों को गंभीर चोटें आई है। जिनको ईलाज के लिए अम्बाला में भेजा गया है। पुलिस ने सेफ्टी हाऊस के अधीक्षक की शिकायत पर 33 नामजद सहित सभी 105 बंदियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
रविवार को सुबह जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, ज्यूविनाइल बोर्ड के सदस्य चरण सिंह, एसडीएम गौरव कुमार, डीएसपी रामदत्त, एफएसएल टीम, थाना प्रभारी घरौंडा संदीप कुमार सहित भारी पुलिस सेफ्टी हाऊस पर पहुंच गए थे। जांच में झगड़े के बाद हुई तोड़-फोड़ के नुकसान का आंकलन लगाया गया। जांच लगभग छह घंटे तक चली। घायल कुछ बंदियों को अर्पणा अस्पताल में उपचार
कराया गया। जबकि 8 बंदियों को अम्बाला अस्पताल भेज दिया है। सेफ्टी हाउस में डॉक्टर कमलेश के नेतृत्व में एफएसएल की टीम जांच के लिए पहुंची। एफएसएल टीम ने सेफ्टी हाउस में बारीकी से जांच की और महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए।
यह है मामला।
शनिवार की रात को सेफ्टी हाऊस में दो गुटों में झगड़ा हो गया था। झगड़े के दौरान सेफ्टी हाउस के सीसीटीवी कैमरें व अन्य उपकरणों को क्षति पहुंचाई गई। साथ ही सेफ्टी हाउस के रिकार्ड में भी आग लगा दी गई थी। इतना ही नहीं बंदियों में सेफ्टी हाउस से फरार होने की भी कोशिश की थी लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण कोई भी बंदी भागने में कामयाब नहीं हो सका। हालांकि इस झगड़े का कारण क्या है, अभी तक इसका कोई भी खुलासा नहीं हो पाया है। और अघिकारी भी इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही झगड़े के कारणों को पता चल पाएगा। झगड़े में बंदियों ने सेफ्टी हाऊस में जमकर तोडफ़ोड़ की थी। यहां तक रिकार्ड जलाया था। सेफ्टी हाऊस में झगड़े की सूचना मिलने के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को काबू किया।
जघन्य अपराधों में संलिप्त बंदी है सेफ्टी हाउस में-
बताया जा रहा है कि सेफ्टी हाऊस में 18 से 21 वर्ष तक के वे 15 पंद्रह बंदी वे है, जिनका नाम जघन्य वारदातों में शामिल है। अधिकारियों के अनुसार ये सभी बंदी जघन्य मामलों में विचाराधीन है, इसलिए इनको सेफ्टी हाउस में रखा गया है।
तैनात रहा पुलिस बल-
शनिवार की रात को सेफ्टी हाउस में लड़ाई झगड़े व तोडफ़ोड के बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया। रविवार को अधिकारियों ने छह घंटे तक सभी मामलें पर जांच की। जांच के दौरान सेफ्टी हाउस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा। यहां तक की मीडिया को भी जांच से दूर रखा गया।
क्या कहते है एसडीएम।
एसडीएम गौरव कुमार ने बताया कि शनिवार की रात को सेफ्टी हाऊस में दो गुटों में झगड़ा हो गया था। जिसमें बंदियों ने जमकर तोडफ़ोड़ की थी तथा रिकॉर्ड जलाया गया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही झगड़ों के कारणों का पता चल पाएगा। उन्होंने कहा कि झगड़े के समय 5 कर्मचारी है। सेफ्टी हाऊस में कर्मचारी कितने होने के सवाल पर कहा
कि कर्मचारी बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
वर्जन-
शनिवार की रात को दो गुटों में सेफ्टी हाऊस में झगड़ा होने के मामले में 33 नामजद सहित 105 बंदियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच चल रही है। झगड़े के कई बंदियों को चोटे आई है। कुछ का इलाज अर्पणा अस्पताल में कराया गया। जबकि 8 बंदियों को इलाज के लिए अम्बाला में भेजा
गया है।
डीएसपी रामदत्त , घरौंडा।
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