चकबंदी की जमीन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस के बाद दोनों पक्षों को बुलाया गया था। दोनों पक्षों को सुन लिया गया है। 468 एकड़ भूमि के कुछ हिस्से पर कब्जा किया हुआ है। जिस को कब्जा मुक्त करवाने के लिए आगामी कानूनी कार्रवाई की जाएगी:अदिति,एसडीएम,घरौंडा
घरौंडा 25 मई,प्रवीण कौशिक
जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद यमुना के साथ लगती चकबंदी की विवादित भूमि पर एक बार फिर तनाव उत्पन्न हो गया है। जिला प्रशासन की ओर से अचानक दिए गए नोटिस के बाद चकबंदी की सैकड़ों एकड़ भूमि के मामले में पांचों गांव के दोनों पक्षों के सैकड़ों किसान आज एसडीएम कार्यालय पहुंचे। एसडीएम घरौंडा ने दोनों पक्षों के 10 -10 व्यक्तियों की एक कमेटी बनाकर करीब 1 घंटे तक उनसे बातचीत की। और दोनों और का पक्ष जाना। बातचीत के बाद एक पक्ष ने प्रशासन पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी एक गज जगह छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। एक पक्ष ने चेताया की अगर प्रशासन ने जमीन को छुड़वाने के लिए किसी भी प्रकार की जोर जबरदस्ती की तो वह किसी भी हद तक गुजर सकते हैं। प्रशासन के साथ मीटिंग के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसडीएम कार्यालय में भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
बता दें कि चकबंदी की सैकड़ों एकड़ भूमि पर कब्जा कार्रवाई को लेकर पिछले कई वर्षों से गांव कॉलरम,अराइनपुरा, कैरवाली लालूपुरा व अमृतपुर के किसानों के बीच विवाद चला आ रहा है। और इस जमीन पर कब्जा कार्रवाई के लिए पहले भी दोनों पक्षों में काफी तनाव उत्पन्न हो चुका है। हालांकि कई वर्ष पूर्व जिला प्रशासन की ओर से कब्जा कार्रवाई की प्रयास किया गया था लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते कबजा कार्रवाई नहीं हो पाई और पूरा मामला जिला प्रशासन के साथ-साथ उच्च न्यायालय में चला गया। वह दोनों पक्ष इस विवादित जमीन पर अपना हक जताने के लिए आज भी न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं।
मंगलवार को जिला प्रशासन की ओर से इन पांचों गांवों के सैकड़ों किसानों को दिए गए नोटिस के बाद किसानों में हड़कंप मच गया। और मंगलवार को ही इन किसानों ने प्रशासन से लेकर राजनेताओं तक भागदौड़ शुरू कर दी। और बुधवार को एक पक्ष एसडीम घरौंडा अदिति से मिला और अपना पक्ष रखा। लेकिन एसडीएम ने दोनों पक्षों को जानने के लिए आज वीरवार को दोनों पक्षों को एसडीम कार्यालय बुलाया था।
वीरवार को पांचो गावों के सैकड़ों ग्रामीण एसडीएम से मिले और दोनों पक्षों के कुछ प्रमुख व्यक्तियों ने एसडीएम से मिलकर अपना-अपना पक्ष रखा।
एक पक्ष के किसानों का कहना है कि इन गावों के कुछ किसानों ने चकबंदी की करीब 468 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है और पिछले कई वर्षों से इस बारे में वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं। इस बारे में कई बार राजनीतिक हस्तक्षेप भी हुआ लेकिन हर बार दूसरा पर कब्जे पर ही अडा रहा। जो गलत है और हमें प्रशासन पर पूरी उम्मीद है कि हमारे साथ न्याय होगा।
वहीं दूसरे पक्ष के किसानों का कहना है कि वे 1938 से इस जमीन पर काबिज है और मामला 468 एकड़ भूमि पर विवाद नहीं है बल्कि 16660 एकड़ भूमि पर विवाद चला हुआ है। जिसके बारे में भी उच्च न्यायालय तक जा चुके हैं और न्यायालय पर उन्हें भी पूरा भरोसा है।
उन्होंने प्रशासन पर आपसी मिलीभगत से भेदभाव पूर्ण रवैया से कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया। व चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने पक्षपात पूर्ण रवये से उनकी जमीन पर कार्रवाई की तो वे किसी भी कीमत पर उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे जमीन से 1 गज भी पीछे नहीं हटेंगे।
वर्जन -एसडीम घरौंडा अदिति।
चकबंदी की जमीन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस के बाद दोनों पक्षों को बुलाया गया था। दोनों पक्षों को सुन लिया गया है। 468 एकड़ भूमि के कुछ हिस्से पर कब्जा किया हुआ है। जिस को कब्जा मुक्त करवाने के लिए आगामी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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