सरकार ने पत्र में क्लियर नही किया कि कटौती कौन अदा करेगा। जब तक सरकार यह क्लियर नही करती तब तक खरीद बंद रहेगी:विनोद जैन
घरौंडा,प्रवीण कौशिक
गेहूं के सीजन में किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मौसम की मार के बाद मंडी में आए दिन हो रही हड़ताल ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मंगलवार को एक बार फिर केंद्र सरकार की ओर से वैल्यू कट की कटौती का पत्र भेजनें पर किसान व आढ़ती भड़क गए। सरकार के फरमान से गुस्साए आढ़तियो ने खरीद बंद कर दी। खरीद बंद करने की सूचना मिलते ही किसानों ने मार्किट कमेटी का गेट बंद करके सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी । किसानों का कहना है कि पहले ही कुदरत की मार से किसान परेशान चल रहा है। ऊपर से अब कटौती की मार डाल दी।
मंगलवार को भारतीय खादय निगम का एक पत्र सरकारी एजेंसियो के पास आया। जिसमें गेहूं पर 31रूपये 87 पैसे की कटौती के निर्देश जारी कर दिए। जैसे ही आढ़तियों को. इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत गेंहू की खरीद बंद कर दी।
मंडी प्रधान विनोद जैन का कहना है कि सरकार ने पत्र में क्लियर नही किया कि कटौती कौन अदा करेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार यह क्लियर नही करती तब तक खरीद बंद रहेगी। उन्होंने कहा कि आगामी फैसला स्टेट बॉडी के निर्देश पर लिया जाएगा।
बाद में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा ओर किसान एकत्रित होकर नई अनाज मंडी स्थित मार्किट कमेटी ऑफिस में पहुंचे ओर सचिव सूंदर सिंह से मिले, लेकिन कोई संतोषजनक जबाब न मिलने पर किसानों ने मार्किट कमेटी का गेट बंद कर दिया ओर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
किसान नेता जगदीप ओलख ने कहा कि हर फसल पर सरकार कोई न कोई क़ानून लाकर किसानों को परेशान करने का काम करती है। उन्होंने कहा कि खेतों में गेंहू काटने के लिए कंबाइन चल रही है ओर मंडी में खरीद बंद है। जिससे आने वाले समय में मंडी की हालत ख़राब हो जाएगी। उन्होंने सरकार से तुरंत खरीद शुरू करने की मांग की।
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