तीन वर्षो से निर्माण अटक अटक कर चल रहा है। वही काम पूरा होने से पहले ही भवन की दीवारों और पिलर्स में दरारे आ गई है। बिल्डिंग की गुणवत्ता के बारे में की गई शिकायत भी मुकाम तक नही पहुंची। शिकायत में बिल्डिंग की नीवं में भारी अनियमिताए होने के आरोप लगाये गए थे।
घरौंडा,प्रवीण कौशिक
चौरा गाँव में चल रहा पीएचसी का निर्माण कार्य सवालों के घेरे में है। बिल्डिंग की लागत बढकर डबल हो चुकी है बावजूद इसके स्वास्थ्य केंद्र का काम पूरा नहीं हुआ। तीन वर्षो से निर्माण अटक अटक कर चल रहा है। वही काम पूरा होने से पहले ही भवन की दीवारों और पिलर्स में दरारे आ गई है। बिल्डिंग की गुणवत्ता के बारे में की गई शिकायत भी मुकाम तक नही पहुंची। शिकायत में बिल्डिंग की नीवं में भारी अनियमिताए होने के आरोप लगाये गए थे।
अप्रैल 2018 चौरा गाँव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तीन करोड़ साठ लाख लागत से बनने वाली इस पीएचसी का काम जुलाई 2019 तक कम्प्लीट होना था। पीएचसी के लिए चिन्हित की गई जमीन जोहड़ से सटी होने की वजह से अनुमानित लागत बढ़ा दी गई . सितम्बर 2020 में आये नए अप्रूवल में लागत लगभग डबल होकर 6 करोड़ 61 लाख पर पहुँच गई है। करोडो की लागत बढ़ने के बावजूद बिल्डिंग की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे है।
बिल्डिंग का निर्माण विभागीय ड्राईंग के मुताबिक नहीं किया गया। सबसे अधिक गड़बड़ी भवन व बाउंड्री वाल की नींव बनाने में की गई है। जोहड़ से सटा होने की वजह से पीएचसी की नींव आरसीसी से बनाई जानी थी जबकि ऐसा नही किया गया . चार दिवारी की नींव में आरसीसी के स्थान पर सीमेंट ब्लाक प्रयोग हुए है। पीएचसी के निर्माण में हुई धांधली के बारे में साईट के लेबर ठेकेदार ने सरकार व अधिकारियो को शिकायत भी की थी। हालाँकि इस शिकायत की जांच किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। वही निर्माण कम्प्लीट होने से पूर्व ही पीएचसी भवन में दिखाई से रही दरारे दर्शा रही है कि निर्माण में गड़बड़ी हुई है।--पीएचसी का निर्माण जोहड़ की जमीन में हुआ है। रिवाइज अप्रूवल आने में देरी हुई जिस वजह काम अटका। बिल्डिंग की नींव आरसीसी की बनी हुई है बाउंड्री वाल में ब्लाक लगे है। जो दरारे दिखाई दे रही है वे पिलर्स की बजाये ब्रिक्स वर्क में है। ड्राईंग और क्वालिटी के बारे में डीसी को शिकायत की गई थी। जांच कमेटी क्लीन चिट दे चुकी है।
शशांक गर्ग मालिक गर्ग ट्रेडिंग कम्पनी
--पीएचसी के लिए स्टेंडर्ड अप्रूवल 360 लाख की आई थी। जोहड़ में बाउंड्री वाल होने की वजह से रिवाइज अप्रूवल ली गई थी। अप्रूवल में देरी के कारण काम रुका रहा उसके बाद लेबर की कमी से काम बंद हुआ। गुणवत्ता के बारे में शिकायत करने वाला व्यक्ति जांच में शामिल नही हुआ।
नरेंद्र मलिक जे.ई पीडब्ल्यूडी
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