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Friday, 14 May 2021

आज ज़ो चल रहा है तीसरे विश्व युद्ध की दस्तक तो नहीं*



-वीरेन्द्र पाठक,पूर्व सैन्य कर्मचारी एवं पूर्व बैंक अधिकारी

हमारी पिछली पीढ़ी ने दो विश्व युद्ध झेले जो पारम्परिक हथियारों से आपने सामने लड़े गए।
आज ज़ो चल रहा है तीसरे विश्व युद्ध की दस्तक तो नहीं जिसका रणक्षेत्र हमारे देश को तो नहीं बनाया जा रहा, वैसे भी दुसरे महायुद्ध के उपरांत विशेषज्ञों ने भविष्य के महायुद्ध का क्षेत्र एशिया को संभावित किया था।
अगर ऐसा है तो यह भी स्पष्ट हो रहा है कि ये युद्ध जैविक हथियारों से लड़ा जाएगा।
क्या करोना की दूसरी लहर भारत के विरुद्ध जैविक युद्ध नहीं है?
संकेत स्पष्ट है, भौगोलिक रचना के अनुसार हमारा देश कई देशों से घिरा हुआ है, चीन, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार आदि, क्या इन देशों में दूसरी लहर का कोई संकेत नज़र आता है? इन सभी देशों में आज भी फ़रवरी से पहले की ही स्थिति है जैसी भारत में भी थी।
लम्बे समय से हमारे दुश्मन रहे चीन व पाकिस्तान आज हमें सहायता की पेशकश क्यों दे रहे हैं, वामपन्थी शक्तियाँ नहीं चाहती कि ये देश आगे बढ़े, आत्मनिर्भर बने।
भारत के विकास की गति व आत्मनिर्भर होना चीन आदि शक्तिशाली देश सहन नहीं कर पा रहे, एक षड्यंत्र के तहत सत्ता पक्ष को बदनाम कर 2024 के लिए मोदी सरकार के विरुद्ध वातावरण तैयार हो रहा है, जैसा अमेरिका के चुनावों से पहले डोनाल्ड ट्रंप के विरुद्ध करोना को हथियार बना कर दुष्प्रचार किया गया था।
मिडिया के दुष्प्रचार का आचरण यही संकेत दे रहा है।
मिडिया द्बारा बार बार मेडिकल सुविधाओं का अभाव, अस्पतालों की कुव्यवस्था, शमशानों के हृदय विदारक प्रचार क्या संकेत करता है? क्यों नहीं मिडिया क़ब्रिस्तानों को कवर करता, क्या करोना केवल हिन्दू सम्प्रदाय के लोगों को ही निशाना बना रहा है।धर्म के नाम पर बाँट कर सरकार को बदनाम करने का सुनियोजित षड्यंत्र हो रहा है।
साफ़ है कि मिडिया व सम्पूर्ण विपक्ष षड्यंत्र के भागीदार हैं।
जिनकी सत्ता की आक्सीजन छिन गई हो वो ही लोग तो वर्तमान में आक्सीजन की कमी को हथियार बना कर सरकार को बदनाम कर रहे हैं, वरना क्या औचित्य रहा था कि समस्या के पाँव पड़ने से पहले ही आक्सीजन कन्सेनट्रेटरस की जमाख़ोरी हो चुकी थी।
दुनिया की फ़ार्मा लाबी, आयल लाबी, आर्मस लाबी आज ये सहन नहीं कर पा रही कि लगातार एक विकट समस्या से जूझ रहा ये देश  पी पी ई किट, मास्क व वैक्सीन बनाने में सफल कैसे हो पाया, रक्षा हथियारों के लिए विकसित देशों का मुँह ताकने वाला आज ब्रह्मोस मिसाईल निर्यात करने कि स्थिति में कैसे?
मोदी इन सभी लॉबी के रास्ते में एक बड़ा कांटा है ...
और यह लोग अच्छी तरह से जानते है कि इस कांटे को केवल भारत की जनता में मोदी के ख़िलाफ़ गुस्सा भरके ही हटाया जा सकता है।
मानो या न मानो, भारत में चीनी वायरस की दूसरी लहर मोदी को हर मोर्चे पर विफल करने और देश में गृह युद्ध जैसी स्तिथि पैदा करने के लिए डिज़ाइन की गई है”
ना तो मैं कोई विशेषज्ञ हूँ और न ही किसी पक्ष का समर्थक या आलोचक, मैं तो एक राष्ट्रवादी नागरिक, जैसा महसूस किया या सुना वही प्रस्तुत कर रहा हूँ ।

*प्रस्तुति:डॉ. प्रवीण कौशिक*

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