घरौंडा के ऐतिहासिक गुरुकुल जिसका बहुत लंबे समय तक स्वामी रामेश्वरा नंद जी एवं स्वामी भीष्म जी के सानिध्य में अनेकों वैदिक विद्वान अपने जीवन का निर्माण करके अनेक ऊंचे से ऊंचे पद में रहकर वैदिक संस्कृति ऋषि दयानंद की एवं वेदों की विचारधारा का प्रचार प्रसार किया। उन दोनों पवित्र आत्माओं के भौतिक शरीर के छोड़ने के बाद स्वामी देवानंद जी के सानिध्य में कुछ समय तक गुरुकुल में विद्यार्थियों ने अध्ययन किया।
वर्तमान स्थिति में गुरुकुल में एक भी विद्यार्थी नहीं है उसी श्रृंखला में आर्य समाज घरौंडा के पदाधिकारियों ने स्वामी देवानंद जी से मुलाकात की और पुनः गुरुकुल का संचालन किया जाए। जिसमें आर्य समाज घरौंडा के समस्त सदस्य एवं पदाधिकारी आपके साथ हैं जिस पर स्वामी देवानंद जीने आश्वासन दिया की मार्च माह में मैं पुनः आप सबके सहयोग से चलाने का प्रयास किया जाएगा । उक्त जानकारी पदाधिकारी सुभाष आर्य ने दी।
फोटो....समस्त चर्चा के पश्चात 1945 की बनी हुई यज्ञशाला के पास आर्य समाज घरौंडा की टीम के साथ स्वामी देवानंद जी..
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