घरौंडा, प्रवीण कौशिक
हरियाणा के पूर्व आईजी रणबीर सिंह शर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार सत्ता के नशे और अहंकार में डूबी हुई है लेकिन अहंकार तो रावण का भी टूट गया था। वह समय दूर नही जब किसानों की मांगों के आगे घमंडी मोदी सरकार को झुकना पडेगा। वे सोमवार को बसताडा टोज प्लाजा पर किसानों को संबोधित कर रहे थे। शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार की ऐसी भी क्या मजबूरी है कि देश के अन्नदाता की जमीनें चंद पंूजीपतियों के हाथों में देना चाहती है। सरकार को चाहिए तो ये था कि वे कोरोना काल में कोरोना योद्धाओं के लिए कोई अध्यादेश लाती लेकिन अंबानी-अडानी जैसे पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए देश के अन्नदाता को लुटने के लिए धक्के से कानून बना दिया। अब जब किसान आंदोलन का रास्ता अपनाकर अपना हक मांग रहे हैं तो किसान की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों के धरने को विफल करने का रोजाना कोई न कोई षडयंत्र सरकार रच रही है।
पूर्व आईजी ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि जब किसान कृषि बिलों को स्वीकार नहीं कर रहे तो इन बिलों को वापस ले लेकिन सरकार अपने राजहठ पर पड़ी हुई है। इसी का नतीजा है कि देश भर के किसानों में सरकार के खिलाफ रोष पनप रहा है। पूर्व आईजी ने किसानों से आग्रह किया की सभी किसान अपने घर से एक व्यक्ति व 100 रुपए आंदोलन में भेजें ताकि आंदोलन कर रहे किसानों का हौसला बढ़ सके व जमीनों को बिकवाने वाले काले कानून सरकार वापस लेने को मजबूर हो सके। प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नही हैं ऐसे में कानूनों को रद्द कर किसानों को उनके घर भेजना चाहिए।पूर्व आईजी ने किसानों से आह्वान किया कि वे अपने आंदोलन को संभल कर चलाएं, किसी भी असमाजिक तत्व को जगह न दें व राजनीति से आंदोलन को दूर रखें ताकि आंदोलन लंबे समय तकि चल सके व किसानों की सभी मांगों को राजहठ पर अडी सरकार से पूरा करवाया जा सके।
पूर्व आईजी ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि जब किसान कृषि बिलों को स्वीकार नहीं कर रहे तो इन बिलों को वापस ले लेकिन सरकार अपने राजहठ पर पड़ी हुई है। इसी का नतीजा है कि देश भर के किसानों में सरकार के खिलाफ रोष पनप रहा है। पूर्व आईजी ने किसानों से आग्रह किया की सभी किसान अपने घर से एक व्यक्ति व 100 रुपए आंदोलन में भेजें ताकि आंदोलन कर रहे किसानों का हौसला बढ़ सके व जमीनों को बिकवाने वाले काले कानून सरकार वापस लेने को मजबूर हो सके। प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नही हैं ऐसे में कानूनों को रद्द कर किसानों को उनके घर भेजना चाहिए।पूर्व आईजी ने किसानों से आह्वान किया कि वे अपने आंदोलन को संभल कर चलाएं, किसी भी असमाजिक तत्व को जगह न दें व राजनीति से आंदोलन को दूर रखें ताकि आंदोलन लंबे समय तकि चल सके व किसानों की सभी मांगों को राजहठ पर अडी सरकार से पूरा करवाया जा सके।
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