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Monday, 11 January 2021

पानीपत रिफाइनरी प्रारंभ से ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित है । अब तक 6 लाख से ज्यादा पेड़-पौधे लगा चुकी है:त्रिपाठी

घरौंडा, प्रवीण कौशिक/राजपाल प्रेमी
     पानीपत रिफाइनरी प्रारंभ से ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित है । अब तक 6 लाख से ज्यादा पेड़-पौधे लगा चुकी है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा ये जानकारी रिफाइनरी मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक एस.के. त्रिपाठी ने एक वार्ता के दौरान दी ।       उन्होंने बताया कि रिफाइनरी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बहुत बड़ा कार्य किया जा रहा है । जिसमें ग्वालडा गांव में लगभग 500 एकड़ पंचायती भूमि पर लगभग दो लाख से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं । जिस पर लगभग 7 करोड 18 लाख रुपए खर्च किया जाएगा । जिसका उद्घाटन अभी हाल ही में शिक्षा मंत्री हरियाणा कंवर पाल गुज्जर द्वारा किया गया था ।     
   उन्होंने बताया कि पानीपत रिफाइनरी का पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्राम पंचायत की आमदनी बढाने का अनोखा प्रयास है ।                      - ग्रामीणों को करवाया जाएगा शुद्ध पेयजल मुहैया ।     
 महाप्रबंधक त्रिपाठी ने बताया कि रिफाइनरी जन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर आसपास के क्षेत्र के गांवों में पीने के लिए शुद्ध पेयजल मुहैया करवाएगी । जिसके लिए रिफाइनरी 50 लाख रुपए जन स्वास्थ्य विभाग को दे चुकी है । जिससे सिंहपुरा और सिठाना गांव में ट्यूबवैल और पाइपलाइन बिछाने का काम होगा । इसके अलावा रजापुर , कचरौली , बोहली , बाल-जाटान आदि गांव में भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे ।
एक लाख पेड-पोधे लगाने की और है योजना ।
 त्रिपाठी ने बताया कि रिफाइनरी द्वारा आसपास के क्षेत्र का वातावरण शुद्ध रखने के लिए पेड पौधे लगाना जारी रहेगा । अभी हाल ही में पानीपत रिफाइनरी ने धर्मगढ़ गांव में 1001 पौधे लगाए । और 12 हजार पौधे 2 जी एवं 3 जी प्लांट के लिए लगाए गए हैं । पानीपत रिफाइनरी 1 लाख पेड़-पौधे और लगाने की योजना बना रही है । ताकि पर्यावरण संरक्षण में और मदद मिल सके ।
 बीएस-6 परियोजना पर्यावरण संरक्षण के लिए लाभदायक ।                 
   पानीपत रिफाइनरी ने समय से पहले बीएस 6 परियोजना को पूरा कर पर्यावरण संरक्षण का कार्य किया है । रिफाइनरी अब पर्यावरण हितैषी पैट्रोल एवं डीजल की आपूर्ति निर्बाध रूप से कर रही है । उन्होंने बताया कि बीएस 6 परियोजना के लगने से पहले जहां पैट्रोल एवं डीजल में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम होती थी । अब उसे कम करके 10 पीपीएम तक ला दिया है । जिससे गाड़ियों से निकलने वाले धुंए से वायु प्रदूषण में बहुत कमी हो रही है ।

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