महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न औरछेड़खानी का समाधान!
घरौंडा/बसताड़ा, प्रवीण कौशिक
आजकल महिलाओं और छात्रों के खिलाफ अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं | मौजूदा उपायों से इन अपराधों में कमी आने की कोई आशा की उम्मीद नज़र नहीं आ रही है | परेशान करने वाली बात यह है कि हमारे देश में ऐसा हो रहा है जहाँ देवियों की पूजा की जाती है | पर सभी नाउम्मीदों के बीच आर पी आई आई टी के छात्रों ने एक उम्मीद की किरण जगाई है |
आर पी आई आई टी के रचनात्मक छात्रों के समूह में सम्मिलित टीम लीडर अरुणाभ प्रताप सिंह और उनकी टीम (अनिरुद्ध साहा, विनीत चौहान, अमनदीप सिंह, आयुष्मान शर्मा व सौरभ) ने एक स्मार्ट-कार्ड बनाया है |
इस स्मार्ट-कार्ड के आ जाने के बाद महिलाओं और छात्रों को डर के साए में रहने की कोई जरुरत नहीं है | अरुणाभ के अनुसार हमने अपने आस पास हो रहे अपराधों के बाद ही तकनीक का इस्तेमाल इन अपराधों के खिलाफ करने का विचार किया | 2 साल पहले हमने एक ऐसे स्मार्ट-कार्ड पर काम शुरू किया जो इन अपराधों के खिलाफ कारगर और सबसे बेहतरीन उपकरण है |
आई-कार्ड कई वर्षो से प्रचलन में है और हर जगह इस्तेमाल होते है इसलिए हमनें इन्हें ही स्मार्ट बनाने पर काम शुरू किया |नया स्मार्ट-कार्ड आई-कार्ड की तरह ही इस्तेमाल होने के इलावा हर तरीके से आई-कार्ड से बेहतर है | हमने इसे स्मार्ट बनाने के लिए इसमें लोकेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग के फीचर डाले हैं | ये स्मार्ट-कार्ड एक मोबाइल एप्लीकेशन के साथ काम करता है | ये स्कूल, कॉलेज, कार्य-स्थल और पब्लिक यातायात के साधनों में भी छेड़खानी नहीं होने देगा और अगर हुई तो छेड़खानी करने वाले बच नहीं पाएंगे | ये इंडोर और आउटडोर लोकेशन ट्रैक कर सकता है | अगर कहीं भी कोई भी परेशान करता है तो बस आपको अपने स्मार्ट कार्ड पर मौजूद एक बटन को दबाना होगा |
अगर आप स्कूल, कॉलेज या कार्य स्थल पर है | तो वहां के गार्ड आपके पास पहुंच जाएंगे | ओर बाहर है तो पुलिस ओर आपके घर वालो को आपके खतरे में होने की सूचना चली जाएगी | ओर सबसे खास बात यह है कि छात्राएँ बिना किसी को पता चले छेड़खानी करने वालों की विडियो रिकॉर्ड करके एप्लीकेशन की सहायता से बिना अपनी पहचान उजागर किए सीधे पुलिस मे शिकायत कर सकती है वो भी प्रूफ के साथ |
इस कार्ड का इस्तेमाल होने पे अब मनचलो का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है |
हम सभी इंजीनियर हैं और हम सभी को एक सुरक्षित भविष्य देना चाहते हैं | ये सब कभी बन नहीं पता अगर आर पी आई आई टी के मैनेजमेंट और अध्यापक हमारा सहयोग न करते | हमें हर तरह की मदद और सुविधाएं देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया | हर कदम पर हमें सहयोग दिया गया जो हर कहीं नहीं मिलता |
अब हम सबसे पहले करनाल के लिए पुलिस प्रशासन के सहयोग से एक सिस्टम शुरू करने जा रहे हैं जो पहले कहीं इस्तेमाल नहीं हुआ है | बहुत जल्दी यहाँ छेड़खानी और उत्पीड़न समाप्त हो जायेगा |
सबको एक सुरक्षित भविष्य देने के लिए हम अभी बहुत कुछ बना रहे है |
आर पी आई आई टी के चेयरमैन ने बताया कि हमारे संस्थान हमेशा से ही सामाजिक और रचनात्मक कार्यो के लिए प्रतिबन्ध रहा है |
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