दिनांक 13.10.18 को एक फुड सेफटी आफीसर द्वारा थाना सिविल लाईन करनाल में शिकायत दी गई कि कुछ महीने पहले उनकी तबादला जिला करनाल से जिला पलवल में हो गया था। जिस संबंध में एक व्यक्ति उसे फोन करता है, जो स्वयं को उच्च अधिकारीयों का पी.ए. या प्रषनल सैक्टरी बताता है। वह व्यक्ति अपना नाम संजीव कुमार बताता है और कहता है कि वह उसका तबादला वापीस करनाल करवा देगा। जो वह मुझे मिलने के लिए बुलाता रहा पर मै टाल मटोल करता रहा, लेकिन उसके बार-बार फोन करने पर मै उसकी बातों में आकर दिनांक 11.09.18 को निर्मल कुटिया चैंक करनाल पर उससे मिला। उसने मुझे कहा कि मै तुम्हारा तबादला वापिस करवा दूगां, जिसके लिए तुम्हें 05 लाख रूपये देने होगें। मैने उसे मना करते हुए कहा कि यह तो बहुत ज्यादा है, परंतु वह अपनी मिठी बातों के जाल में मुझे फंसाकर 20,000 रूपये मुझसे ले गया। उसके कुछ दिन बाद उसने मुझे सचिवालय में कई उच्च अधिकारीयों के नाम लेकर उनसे मिलने के लिए बुलाया और जब मै वहां पर पहुंच गया व मैने उससे अधिकारीयों से मिलवाने के लिए कहा तो उसने अधिकारीयों से मिलवाने के बजाय मुझे ईधर-उधर की बातों में उलछाये रखा और मुझे बहका कर बिना किसी अधिकारी से मिलवाए वापिस भेज दिया। जिससे मुझे उस पर शक हो गया, इसके बाद मैने कई बार उसे अधिकारीयों से मिलवाने के लिए कहा लेकिन वह हर बार टाल देता और हर बार पैसे की डिमांड करते हुए मुझपर दबाव बनाने की कोषिष करता था। षिकायत मिलते ही थाना सिविल लाईन पुलिस टीम द्वारा मुकदमा नं0-860/13.10.18 धारा 419,420,384 भा.द.स. के तहत दर्ज किया गया।
यह मामला जैसे पुलिस अधीक्षक करनाल श्री सुरेन्द्र सिंह भौरिया के संज्ञान में आया तो उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत मामले की जांच कर आरोपी को गिरफतार करने की जिम्मेवारी सी.आई.ए-02 इन्चार्ज निरीक्षक मनोज कुमार को सौंप दी। निरीक्षक मनोज कुमार द्वारा उप-निरीक्षक षिवकुमार और ए.एस.आई. मनोज कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर मामले की जांच शुरू की गई। मामले की जांच के दौरान बिती शाम दिनांक 17.10.18 को उप-निरीक्षक षिवकुमार को गुप्त सुत्रों के माध्यम से सुचना प्राप्त हुई, जिसके आधार पर उन्होंने छापामारी करके आरोपी को एन.डी.आर.आई. चैंक के पास करनाल से गिरफतार कर लिया। पुलिस छानबीन में मालुम हुआ कि आरोपी का सही नाम ..... संजय कुमार पुत्र बलवंत सिंह वासी गांव डोगरा स्टेट थाना सदर षिमला हिमाचल प्रदेष है। जिसने एम.ए. पोल्टीकल साईंस व जरनलिजम में अपनी षिक्षा प्राप्त की है और कुछ समय पहले वह सै0-28 चंडीगढ़ में स्थित डे एण्ड नाईट न्युज चैनल में काम करता था। जांच के दौरान पता चला कि यह चैनल करीब 08/09 महीने से बंद है। चैनल के बंद होने के बाद से आरोपी ने सरकारी कर्मचारीयों व अधिकारीयों को ब्लैकमेल करने का काम शुरू कर दिया।
ऐसे देता था वारदात को अंजाम.....
आरोपी अखबार व न्युज में देखता था कि किस सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को सस्पेंड किया गया है या उसका तबादला किया गया है। तो यह आन लाईन उस विभाग के आफिस का नंबर लेकर उस आफिस में फोन करके, वहां से उसका प्रषनल नंबर लेता था और फिर उस अधिकारी को फोन करके स्वयं को उच्च अधिकारीयों का पी.ए. या प्रषनल सैक्टरी बताकर बात करता था। यह उन अधिकारीयों से कहता था कि वह उनका सस्पेंषन या तबादला रूकवा सकता है, जिसके लिए उसने अपने अधिकारी से भी बात कर ली है, इस प्रकार से उस अधिकारी को अपने जाल में फांसकर उससे पैसे ऐंठता था।
उसने करनाल से पलवल ट्ांसफर हुए एक फुड सेफटी आफीसर के साथ भी ऐसा ही किया और 20 हजार रूपये भी उससे ले लिए, लेकिन उसका यह खेल ज्यादा दिन नही चला और उसे करनाल पुलिस की सी.आई.ए-2 शाखा द्वारा गिरफतार कर लिया गया। पुलिस द्वारा उसके कब्जे से अधिकारी से लिए गए पैसों में से 10,000 रूपये भी बरामद किए गए।
आज दिनांक 18.10.18 को आरोपी को माननीय अदालत के सामने पेष कर 03 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया, जो दौराने रिमांड आरोपी से पूछताछ कर पता लगाया जाएगा कि क्या उसके किसी उच्च अधिकारी के साथ किसी प्रकार के संबंध हैं और इस प्रकार से उसने पहले भी किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को इस प्रकार से अपने जाल में फंसाया है। इसके अलावा उसका फोन और बकाया राषि भी उसके कब्जे से बरामद की जाएगी।
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