प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी व फड़ी संचालकों को दस हजार रुपए तक का लोन मुहैया करवाया जा रहा है। नगरपालिका की टीमें रेहड़ी व फड़ी संचालकों को स्वनिधि योजना के प्रति जागरूक कर रहे है और योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रहे है। नगरपालिका अधिकारियों के मुताबिक, आर्थिक मंदी से जुझ रहे रेहड़ी व फड़ी संचालकों के लिए यह सुनहरी अवसर है। दस हजार की राशि के साथ संचालक अपने रोजगार को गति दे सकता है।शनिवार को नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा के निर्देश पर लाइब्रेरियन संदीप लोहट की अगुवाई में एक टीम ने शहर के रेहड़ी संचालकों को स्वनिधि योजना के प्रति जागरूक किया और लोन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।
टीम में शामिल संदीप लोहट, राजेश कुमार, रेनूभूषण व राहुल बामनिया ने रेहड़ी संचालकों को बताया है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना लोगों की आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए शुरू की गई है। लॉकडाउन के दौरान लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। सबसे ज्यादा दिक्कतें रेहड़ी व फड़ी संचालकों को पेश आई थी। आर्थिक स्थिति के चलते इनका रोजगार खत्म सा हो गया था। जिसको देखते हुए यह योजना शुरू की गई। इसके तहत 10 हजार रुपए तक का लोन मिलता है और यह लोन आसान किश्तों में बैंक को वापिस किया जा सकता है। नपा अधिकारियों के मुताबिक, योजना के तहत सैंकड़ो रेहड़ी व फड़ी संचालकों की पहचान की गई थी। इन सभी को नगरपालिका द्वारा स्ट्रीट वेंडर पहचान पत्र जारी किए गए थे। नपा को ऑनलाइन 124 एलओआर मिले। जिनमें से 113 स्ट्रीट वेंडरों को स्ट्रीट वेंडिंग सर्टिफिकेट ईशू कर दिए है। जिनमें से 91 लोगों के एलओआर अप्रूवड हो चुके है और 22 किन्हीं कारणों से रिजेक्ट हो गए है, जबकि 11 एलओआर पेंडिंग है।
नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा ने बताया कि शहर में लगभग 204 स्ट्रीट वेंडरों की पहचान की गई थी। जिनको एलओआर सर्टिफिकेट ईशू किए जा रहे है। वेंडर बैंक से लोन लेकर आसान किश्तों में उसको अदा कर सकता है और अपने रोजगार को बढ़ा सकता है।
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