अगर 10 दिन तक इस पीएचसी की समस्या का समाधान नहीं होता तो कांग्रेस को आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी:राठौर
घरौंडा 21 जून,प्रवीण कौशिक
यमुना क्षेत्र के करीब 40 हजार की आबादी के लोगों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं देने के लिए सरकार द्वारा गांव चोरा में करोड़ो रुपए की लागत से बनाया गया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 2 विभागों के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सफेद हाथी बन गया है। अधिकारियों की आपसी खींचतान के कारण पिछले 2 साल से यह पीएचपी बनकर तैयार है लेकिन उस पर ताला लटका हुआ है। क्षेत्र में बंद पड़े कार्यो की पोल खोलने व उनको समय रहते गति दिलवाने के लिए कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव विरेंद्र राठौर ने पोल खोलो अभियान शुरू कर दिया है।
बता दें कि कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव विरेंद्र राठौर ने कल 20 जून को कुटेल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आगमन के समय बस्ताडा टोल प्लाजा पर खड़े होकर सरकार की पोल खोलने का कार्य किया था। जिसमें वीरेंद्र राठौर ने सीधे तौर पर सांसद संजय भाटिया को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा था कि ऐसे नेताओं की कमी के चलते ही लोगों को दोहरे टोल की मार सहनी पड़ रही है।
इसी क्रम के चलते बुधवार को नेता वीरेंद्र राठौर गांव चोरा में लोगो के बीच पहुंचे। और वहां उन्होंने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 5 पीएचसी बनाने का दावा किया गया है। लेकिन यह सभी पीएचसी या तो डॉक्टरों के अभाव में बगले झाँक रही हैं ओर या इन पर ताले लटके हुए हैं।
उन्होंने बताया कि चोरा की इस पीएचसी को 2 वर्ष पूर्व बना कर खड़ा कर दिया गया। लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही व अस्पताल का निर्माण करने में किए गए व्यापक भ्रष्टाचार के चलते यह पीएचसी आज तक भी शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग का दावा है कि उन्होंने पीएचसी को कंप्लीट कर दिया है लेकिन वही स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इस पीएचसी को मापदंड के अनुसार नहीं बनाया गया है। विभागीय अधिकारी जहां इसके मेटेरियल पर सवाल उठा रहे हैं तो वही जगह को भी लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग को कटघरे में खड़ा करते हैं।
राठौर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की मानें तो यह पी एच सी 10 कनाल में बननी थी जबकि इसे 7 कनाल में ही बना कर पूरा कर दिया गया। और इसी का परिणाम है कि इस पीएचसी पर पिछले 2 साल से ताला लटका हुआ है। जहां सरकार एक तरफ गांव में आधुनिक पीएचसी देने का दावा कर रही थी वही सरकार का इस गांव में यह दावा बिल्कुल फेल हो चुका है। गांव व इसके आसपास कोई आधुनिक पीएचसी न होने से यमुना के क्षेत्र के करीब 40 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम रहना पड़ रहा है। उन्होंने बताया छोटी सी बीमारी के चलते भी ग्रामीणों को करनाल या पानीपत भागना पड़ता है ।
वीरेंद्र राठौर ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही जनता की आवाज उठाती आई है और अब भी वह जनता की आवाज उठाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी उन्होंने चेताया है कि अगर 10 दिन तक इस पीएचसी की समस्या का समाधान नहीं होता तो कांग्रेस को आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी।
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