रिफाइनरी , राजपाल प्रेमी/कौशिक
हिन्दी को दिल से अपनाएं तभी राजभाषा के शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त होंगे तभी हम हिन्दी को उचित स्थान दिला पाएंगे । आईए हिन्दी को रोज़मर्रा के कार्यालयीन कार्य का अंग बनाएं उक्त बातें बुधवार को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति पानीपत की बैठक को संबोधित करते हुए गोपाल चंद्र सिकदर कार्यकारी निदेशक पानीपत रिफाइनरी ने कही ।
सिकदर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिये गए मूलमंत्र “जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं “ को चरितार्थ करना है।
उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाद भी आप सभी सदस्य राजभाषा हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहें हैं । इस उत्साह एवं जोश के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं । इसलिए इस बार नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति पानीपत को हिन्दी का सर्वोच्च पुरस्कार “ राजभाषा कीर्ति पुरस्कार“ से सम्मानित किया गया है । जो हम सभी के लिए गर्व की बात है । उन्होने कहा कि आज हमारी राजभाषा हिंदी इतनी सक्षम हो गई है कि अगर हम ठान लें और अपने सभी कार्य हिन्दी में ही कर सकते है । आज हिन्दी एक समृद्ध भाषा बन गई है । हिंदी को हम पूरी तरह से दैनिक जीवन मे अपना कर भारत का समग्र विकास कर सकते हैं । एस. के. त्रिपाठी, महाप्रबंधक ने विभिन्न केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से प्राप्त छमाही प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की तथा सदस्य कार्यालय को राजभाषा कार्यान्वयन को और भी आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया । नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) पानीपत द्वारा बुधवार को पानीपत रिफाइनरी के सभागार कक्ष में वेबिनार के माध्यम से 43 वीं बैठक का आयोजन किया गया ।
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