घरौंडा, प्रवीण कौशिक/राजपाल प्रेमी
पानीपत नेफ्था क्रैकर संयंत्र में विभिन्न विभागों द्वारा आग के खतरे से निपटने की तैयारियों तथा इस संबंध में स्थापित दिशानिर्देशों के अनुसरण में आपातकालीन कार्य प्रणाली का आंकलन करने के लिए मंगलवार देर रात एक ऑनसाइट आपदा ड्रिल का आयोजन किया गया । जिसमें कोविड-19 महामारी को देखते हुए मॉक ड्रिल फेस मास्क , फेस शील्ड, सैनिटाईजेशन, सोशल डिसटेंसिंग, तथा अन्य आवश्यक दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए किया गया ।
ड्रिल मे "नेफ्था प्लांट के टैंक नंबर 68 टी - 0 - 10 ए में पूर्ण रूप से आग लगी " दर्शाया गया । रात 2:35 पर टैंक में आग की सूचना मिली । तत्पश्चात स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 2:56 पर आपदा घोषित की गई । उसके बाद पानीपत नेफ्था क्रैकर एवं रिफाइनरी के संबन्धित कर्मचारी आग की रोकथाम मे लग गए।
आपातकालीन सायरन बजते ही फायर स्टेशन से दमकल गाड़ियां साइट पर गई और ज्वलनशील पदार्थ के रिसाव पर काबू करने के लिए फोम तथा वाटर कर्टन के माध्यम से आपातकाल नियंत्रण कार्य प्रारंभ किया । जी.सी. सिकदर, कार्यकारी निदेशक पीआरपीसी को इस बारे तुरंत सूचना दी गई । जो तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का आंकलन करके लगभग एक घंटे के सफल प्रयास के बाद 3:41 पर आग पर नियंत्रण कर स्थिति सामान्य होने की घोषणा की गई।
ड्रिल के बाद एक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी । जहां आपातकालीन तैयारी योजना में और सुधार के लिए आपातकालीन समन्वयकों द्वारा दी गई रिपोर्ट की समीक्षा सिकदर तथा संबन्धित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में की गई। जिसमे गैस की रोकथाम के लिए और पूरी सावधानी के साथ-साथ तत्परता से कार्रवाई करने पर बल दिया गया।
गौरतलब है कि पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स (पीआरपीसी) द्वारा आग और गैस जैसे खतरे से निपटने के लिए इस तरह के माक ड्रिल समय- समय पर आयोजित किए जाते हैं ।
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