जानलेवा हर्निया से सुरक्षा संभव : विशेषज्ञ
पानीपत, 16 फरवरी:प्रवीण कौशिक
आज यहां एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, शालीमारबाग, नई दिल्ली से डॉ.के.के.त्रेहण, डायरेक्टर जनरल एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, डॉ.विश्वास शर्मा, डॉ.सतीश त्यागी एवं डॉ.एस.बासु, कंसल्टेंट-जनरल एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, ने इन विचारों को साझा किया ।
> डॉ. त्रेहन, ने कहा कि रोगियों में मृत्यु का मुख्य कारण है, आंतों का आपस में दब कर घुट जाना, जो कि हर्निया में फंसने के कारण होता है। वे अपनी सामान्य स्थिति को छोड़ देती हैं और पेट की दीवार में अंतर या छेद में आ जाती हैं।
> डॉ. विश्वास शर्मा ने इस रोग की जल्द पहचान और उपचार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसका इलाज ना करना, एक सांप का सामने करने के समान होता है जो कि कभी भी चेतावनी के संकेत नहीं देता है, लेकिन अचानक दर्द और उल्टी के साथ सामने आ जाता है और जान जोखिम में डाल देता है।
> डॉ.सतीश त्यागी ने कहा कि लगभग 2 करोड़ (1.7 प्रतिशत) लोगों के पास भारत में एबडोमिनल वाल हर्निया की समस्या है। अध्ययनों से पता चलता है कि 50 प्रतिशत हर्निया के मामले बाधा के साथ इमरजेंसी के रूप में सामने आते हैं।
> डॉ. सीतांगशु बसु ने कहा कि हर्निया के उपचार केवल सर्जरी है और ये जितनी जल्दी हो जाए, उतना ही बेहतर है। लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर, एक उच्च जोखिम वाले और वयस्क रोगियों में विकल्प का उपचार है जो अन्य सह-रोगी परिस्थितियों में हैं, क्योंकि इसमें रक्त की क्षति नहीं होती है और ना कोई कट लगता है ओर ओपन हर्नियर रिपेयर के मुकाबले ये काफी तेजी से ठीक होता है।
>
> लक्षण:
> • स्पर्श के माध्यम से उभार या एक गांठ को महसूस करना या दिखना
> • छाती में दर्द और असुविधा जैसे तेजाबी डकार आना, गुडग़ुड़ होना और कुछ भी निगलने में मुश्किल का अनुभव
> • झुकने, खांसी लगने या भार उठाना आदि के समय प्रभावित क्षेत्र में दर्द, भारीपन और कमजोरी
> • उल्टी अथवा मितली
>
> जोखिम
> • क आनुवांशिक- परिवार में या पूर्व में हर्निया का इतिहास
> • मोटापा और वजन संबंधित मामले
> • पेट में मांसपेशियों को स्थिर किए बिना भारी भार उठाना
> • गंभीर खांसी और छींकने जो ठीक नहीं हो रहे हैं
> • गंभीर डायरिया या कब्ज
> • सिस्टिक फाइब्रोसिस जो फेफड़ों के अच्छी तरह से काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है जिससे क्रोनिक खांसी हो सकती है
> पहचान एवं उपचार
> • सामान्य तौर पर शारीरिक जांच से ही इसकी पुष्टि होती है
> • कुछ हर्निया की पहचान के लिए सीटी स्कैन या एक्स-रे की आवश्यकता होती है
No comments:
Post a Comment