ददलाना, राजपाल प्रेमी
बालजाटान गांव में दल बल के साथ पंचायत की मलकीयत पर हुए कब्जे को हटाने पहुंचा प्रशासनिक अमला बेरंग लौट गया।
ग्रामीणों को यह समझ में नही आया कि आखिर क्यों तो दल बल के साथ अधिकारी गांव में आए थे और क्यों बिना कार्रवाई किए वापिस लौट गए। प्रशासनिक की इस ढुलमुल कार्रवाई से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। गांव के लोग पानीपत उपायुक्त से मिलें और पूरे मामले की शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कब्जा कार्रवाई को लेकर मौके पर पहुंचें अधिकारियों के खिलाफ आलाधिकारियों को शिकायत करेंगे।
गांव बाल जाटान निवासी सूरजमल राठी, धर्मबीर राठी, सोहन लाल, अनिल, देवेन्द्र व अन्य ने बताया कि गुरूवार की सुबह नायब तहसीलदार जयसिंह व एससीपीओ अजीत सिंह भारी पुलिस बल व जेसीबी मशीन लेकर ग्राम पंचायत की मलकीयत की भूमि पर हुए कब्जों को हटवाने के लिए पहुंचें थे। सूरजमल राठी ने बताया कि कुछ देर चहल कदमी करने के बाद अधिकारी बिना कार्रवाई किए गांव से वापिस लौट गए। जब अधिकारियों से ग्रामीणों ने पूछा कि कोई कार्रवाई क्यों नही की गई, तो अधिकारियों ने एक ही जवाब दिया कि मकान बने हुए है, जिन्हें हम नही गिरा सकते।
तो फिर डीसी ने क्यों भेजे थे-
ग्रामीण सूरजमल राठी ने बताया कि ग्राम पंचायत की ओर से कब्जों को हटाने के लिए कार्रवाई की गई थी। जिसके तहत 24/1 व 24/2 के तहत नोटिस जारी किए गए थे। इसके बाद डीसी पानीपत की ओर से ग्राम पंचायत की मलकीयत पर हुए कब्जों को हटवाने के लिए बकायदा मतलौडा नायब तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। कब्जा हटवाने के दौरान किसी तरह की कोई दिक्कत न आए, इसके लिए पुलिस बल तैनात किया गया था। बावजूद इसके, कोई कार्रवाई आखिर क्यों नही हुई। ग्रामीणों ने सवाल किया तो फिर इतने भारी भरकम अमले जमले को डीसी साहब ने गांव में किस लिए भेजा था। अधिकारियों की ओर से कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर गुस्साएं ग्रामीण पानीपत डीसी दरबार में पहुंचें और पूरे मामले की शिकायत की।
वर्जन-
जिस जगह कब्जा हटाना था, वहां पर मकान बना हुआ है। इसे गिराने के आदेश कोर्ट से ही मिलते है। इसी कारण प्रशासन वापिस आ गया। -जयसिंह, नायब तहसीलदार, मतलौडा
फोटो केप्शन-गांव बालजाटान में कब्जा कार्रवाई के लिए पहुंचें प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस
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