प्रदेश की लोंगो की बना पसंद -घरौंडा दर्पण समाचार पत्र -- मुख्य संपादक - डॉ.प्रवीण कौशिक
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Tuesday, 27 February 2018
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2017 राजकीय प्राथमिक स्कूल रविदास बस्ती सफीदों ने पाया प्रथम स्थान
सडक दुर्घटना मे युवक की मौत
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
होलिका दहन समिति घरौंडा द्वारा तीसरा होलिका दहन महोत्सव 1 मार्च को
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
राणा ने युवाओं से आह्वान किया कि युवा अपने त्यौहारों में दिलचस्पी दिखाएं ओर समारोह में बढ़ चढ़ कर सम्मिलित हो।
Thursday, 22 February 2018
कार ने बाइक व ऑटो को जबरदस्त टक्कर --महिला सहित पांच लोग घायल
घरौंडा : 22 फरवरी-PARVEEN KAUSHIK

नेशनल हाईवे पर स्थानीय विश्रामगृह के नजदीक एक एसेंट कार का संतुलन बिगड़ गया। कार ने बाइक व ऑटो को जबरदस्त टक्कर मारी। जिससे थ्री व्हीलर पलट गया। हादसे में एक महिला सहित पांच लोग घायल हो गए। घायलों को गंभीर अवस्था में नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां महिला सहित तीन लोगों की हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल रेफर कर दिया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


गुरूवार की दोपहर एसेंट कार करनाल से पानीपत की तरफ जा रही थी। रेस्ट हाउस के पास एक वाहन को ओवरटेक करते समय कार चालक ने संतुलन खो दिया। कार आगे चल रहे थ्री व्हीलर से जा टकराई। जिससे ऑटो का संतुलन बिगड़ा और वह आगे खड़ी कार व बाइक से जा टकराया और सड़क पर पलट गया। दुर्घटना में ऑटो में सवार खरकाली निवासी निर्मला देवी(62), उसका पुत्र राकेश व मोनू गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं बाइक चालक घरौंडा निवासी बलवान पान्नू व भीम सिंह बुरी तरह से घायल हो गए। गनीमत रही एसेंट कार में सवार दम्पति व बच्चों को मामूली चोटें आई। दुर्घटना में कार, ऑटों व बाइक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। दुर्घटना स्थल पर आस-पास के लोग एकत्रित हो गए। डीएसपी ऑफिस के सामने हादसा होने पर डीएसपी विरेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचें और ऑटो को सीधा करवाया। घायलों को सीएचसी घरौंडा में भर्ती करवाया। सीएचसी के डॉक्टरों ने महिला निर्मला देवी, बलवान पान्नू व भीम सिंह की स्थिति नाजुक देखते हुए उन्हें करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
वर्जन-
डीएसपी विरेंद्र सिंह ने बताया कि हाइवे पर एक्सीडेंट में एक महिला सहित पांच लोग घायल हो गए। जिनको सीएचसी घरौंडा में भर्ती करवाया गया है। जांच जारी है।
सतीश राणा ने कहा कि जीवन में भोजन व वस्त्र की तरह मनोरंजन भी बहुत जरूरी होता है।
PARVEEN KAUSHIK
घरौंडा : 22 फरवरी



इस मौके पर भाजपा किसान मोर्चा के जिला सचिव विकास गुर्जर, सरपंच कुलदीप ढाकवाला, सरपंच गोपाल दिलावरा, सतीश कुमार आदि मौजूद रहे।
Monday, 19 February 2018
सकारात्मक सोच पैदा करता है साहित्य : हवा सिंह
राधेश्याम भारतीय द्वारा लिखित पुस्तक "कीचड़ में कमल" का विमोचन
घरौंडा : 19 फरवरी

इस मौके पर प्राध्यापक मोहन, विक्रम, राज सिंह, महेंद्र पाल, जोगिंद्र, सुषमा, रीमा जैन, नीलम, रेनू, सुमन, यशपाल दत्त, विरेंद्र शास्त्री, विनोद गुप्ता, रामफल, देवी सिंह मौजूद रहे।
Friday, 16 February 2018
रोगियों में मृत्यु का मुख्य कारण है, आंतों का आपस में दब कर घुट जाना-डॉ.के.के.त्रेहण
जानलेवा हर्निया से सुरक्षा संभव : विशेषज्ञ
पानीपत, 16 फरवरी:प्रवीण कौशिक
आज यहां एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, शालीमारबाग, नई दिल्ली से डॉ.के.के.त्रेहण, डायरेक्टर जनरल एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, डॉ.विश्वास शर्मा, डॉ.सतीश त्यागी एवं डॉ.एस.बासु, कंसल्टेंट-जनरल एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, ने इन विचारों को साझा किया ।
> डॉ. त्रेहन, ने कहा कि रोगियों में मृत्यु का मुख्य कारण है, आंतों का आपस में दब कर घुट जाना, जो कि हर्निया में फंसने के कारण होता है। वे अपनी सामान्य स्थिति को छोड़ देती हैं और पेट की दीवार में अंतर या छेद में आ जाती हैं।
> डॉ. विश्वास शर्मा ने इस रोग की जल्द पहचान और उपचार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसका इलाज ना करना, एक सांप का सामने करने के समान होता है जो कि कभी भी चेतावनी के संकेत नहीं देता है, लेकिन अचानक दर्द और उल्टी के साथ सामने आ जाता है और जान जोखिम में डाल देता है।
> डॉ.सतीश त्यागी ने कहा कि लगभग 2 करोड़ (1.7 प्रतिशत) लोगों के पास भारत में एबडोमिनल वाल हर्निया की समस्या है। अध्ययनों से पता चलता है कि 50 प्रतिशत हर्निया के मामले बाधा के साथ इमरजेंसी के रूप में सामने आते हैं।
> डॉ. सीतांगशु बसु ने कहा कि हर्निया के उपचार केवल सर्जरी है और ये जितनी जल्दी हो जाए, उतना ही बेहतर है। लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर, एक उच्च जोखिम वाले और वयस्क रोगियों में विकल्प का उपचार है जो अन्य सह-रोगी परिस्थितियों में हैं, क्योंकि इसमें रक्त की क्षति नहीं होती है और ना कोई कट लगता है ओर ओपन हर्नियर रिपेयर के मुकाबले ये काफी तेजी से ठीक होता है।
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> लक्षण:
> • स्पर्श के माध्यम से उभार या एक गांठ को महसूस करना या दिखना
> • छाती में दर्द और असुविधा जैसे तेजाबी डकार आना, गुडग़ुड़ होना और कुछ भी निगलने में मुश्किल का अनुभव
> • झुकने, खांसी लगने या भार उठाना आदि के समय प्रभावित क्षेत्र में दर्द, भारीपन और कमजोरी
> • उल्टी अथवा मितली
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> जोखिम
> • क आनुवांशिक- परिवार में या पूर्व में हर्निया का इतिहास
> • मोटापा और वजन संबंधित मामले
> • पेट में मांसपेशियों को स्थिर किए बिना भारी भार उठाना
> • गंभीर खांसी और छींकने जो ठीक नहीं हो रहे हैं
> • गंभीर डायरिया या कब्ज
> • सिस्टिक फाइब्रोसिस जो फेफड़ों के अच्छी तरह से काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है जिससे क्रोनिक खांसी हो सकती है
> पहचान एवं उपचार
> • सामान्य तौर पर शारीरिक जांच से ही इसकी पुष्टि होती है
> • कुछ हर्निया की पहचान के लिए सीटी स्कैन या एक्स-रे की आवश्यकता होती है
Untreated hernias can be life threatening; Experts
PANIPAT: PARVEEN KAUSHIK

The experts from Max Super Specialty Hospital, Shalimarbagh, New Delhi stated this while addressing a press conference at a hotel here today.
Dr KK Trehan, director general & laparoscopic surgery said what causes death in patients, is strangulation of intestine which gets trapped in the hernia. They leave their normal position & comes into a gap or hole in the abdominal wall. The Intestine gets trapped in the hernia opening and blood supply is cut off causing Gangrene of intestine.

Tuesday, 13 February 2018
जींद रैली में खुद बाईक पर सवार होकर रैली स्थल तक जाएंगें सांसद अश्विनी चोपड़ा
रैली की तैयारियों को लेकर सांसद ने की कार्यकर्ताओं से बैठक
जिलाध्यक्ष से बातचीत कर लिया तैयारियों का जायजा
करनाल : 13 फरवरी : प्रवीण कौशिक
बाद में उन्होने अपने निवास पर कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए दिशा निर्देश दिए कि जींद रैली में करनाल से बडी हाजिरी होनी चाहिए। उन्होने कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता अधिक से अधिक युवाओं को साथ जोडकर उन्हे रैली स्थल पर ले जाए। उन्होने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि देश की मोदी सरकार ने जनहित को लेकर ना केवल बडे फैसले लिए है बल्कि विकास योजनाओं पर भी अधिक कार्य किया है। खासतौर पर मोदी सरकार देश के युवाओं के लिए बडी परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। जिसके चलते देश का युवा मोदी सरकार की कार्यप्रणाली से बेहद प्रभावित है। इसलिए अधिक से अधिक युवा इस रैली में शिरकत करेंगें। उन्होने यह भी कहा कि प्रदेश की मनोहर सरकार भी मोदी के नक्षे कदम पर चल रही है। जिसके चलते सबसे पहले मु यमंत्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार का दमन किया। मु यमंत्री ने समूचे प्रदेश में समान रूप से विकास कार्यों को गति दी है। इसलिए हरियाणा का युवा भी भाजपा की नीतियों से प्रभावित है और भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। उन्होने कहा कि विपक्ष के पास ना तो कोई मुद्दा है और ना ही कोई नीति। इसलिए विपक्ष के नेता भाजपा पर झुठे आरोप लगाकर लोगों को बरगलाने में लगे है। लेकिन हरियाणा की जनता जानती है कि भाजपा सरकार ने जो भी कहा उसे कर के दिखाया है।
कहा किसान नेता राणा ने:
भाजपा के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सतीश राणा ने कहा कि पूरा देश जान गया है कि भाजपा ही किसानों की असली हितैषी है। आम बजट में मोदी सरकार ने किसानों का सबसे अधिक याल रखा और किसानों के हक में अधिक घोषणाएं की। उन्होने कहा कि विपक्षी पार्टियाँ जानती है कि अगले लोकसभा चुनाव में भी उनकी दाल गलने वाली नही है। इसलिए जनता देश में फिर से मोदी की सरकार बनाएगी। उन्होने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जींद रैली में पहुंचें।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष जगमोहन आनंद, भाजपा नेता शमशेर नैन, भाजपा नेता नरेंद्र पंडित, उडाना के सरपंच सुरेंद्र उडाना समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली को लेकर पुरे प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ताओ में भारी उत्साह : कल्याण
बीजेपी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को बैठक लेकर सभी कार्यो को समीक्षा की
घरौंडा : 13 फरवरी : प्रवीण कौशिक

इनेलो प्रदेश की जनता के हकों की लड़ाई लड़ती रहेगी। : जसविंद्र सिंह
बीजेपी पूंजीपतियों की सरकार है: सांगवान
घरौंडा : 13 फरवरी : प्रवीण कौशिक
इनेलो नेता एवं पूर्व कृषि मंत्री जसविंद्र सिंह मंगलवार को नई अनाज मंडी स्थित इनेलो कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को स बोधित कर रहे थे। यहां पहुंचनें पर जिला अध्यक्ष यशवीर राणा, पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, कुलदीप सिंह सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़ों के साथ पूर्व कृषि मंत्री जसविंद्र सिंह का स्वागत किया। इनेलो नेता जसविंद्र सिंह ने कहा कि ताऊ देवी लाल ने प्रदेश के बुजुर्गो को स मान देते हुए पेंशन योजना शुरू की थी। लेकिन बीजेपी इस योजना को आगे बढ़ाने में नाकाम रही है। जो वायदे चुनावी घोषणा पत्र में बीजेपी ने जनता से किए थे, उन पर बीजेपी खरा नही उतर पाई है। जिससे प्रदेश की जनता में बीजेपी के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।

इस मौके पर यशवीर राणा जिलाध्यक्ष, जगरूप संधू, रघबीर कुटेल, कुलदीप,जगदीश पनोडी,प्रमोद फोर, राज पाल कैमला, बलकार संधू, विमल गुप्ता,कुलदीप सिंह पूर्व चैयरमैन वन विभाग, अक्षय डींगरमाजरा, सतीश शर्मा, नरेश फोर, ओम प्रकाश, दिलबाग कश्यप, सतीश कुटेल, डा० बलवान सुलेख मौजूद रहे।
Thursday, 8 February 2018
शिविर में बच्चों की आंखों का किया चेकअप
घरौंडा : प्रवीण कौशिक

देखरेख करना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने नेत्र रोगों से पहले होने वाले
लक्षण भी बताए। शिविर में प्रथम कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के
विद्यार्थियों के नेत्रों की जांच कर उन्हें आवश्यक परामर्श दिए गए। डॉ.
यशपाल ने अध्यापक व अध्यापिकाओं को भी नेत्र रोगों एवं उनसे बचाव के उपाय
बताए ताकि वे भविष्य में विद्यार्थियों को मार्ग दर्शन करते रहे। इस अवसर पर प्रधानाचार्य संजीव कुमार, सूबे ङ्क्षसह भारद्वाज आदि स्कूल के लोग मौजूद रहे।
हिंदी,उर्दू,पत्रकारिता व् लेखन को समर्पित रहे पंडित रामभज शर्मा मुनक
पानीपत :प्रवीण कौशिक
- हिंदी, उर्दू साहित्य, पत्रकारिता एवं लेखन जगत के महान व्यक्तित्व, प्रसिद्ध भजन कर्मी एवं गीतभजनकार तथा जाने माने लोक कलाकार, मातृभाषा सत्याग्रही श्री रामभज शर्मा, मुनक जिला करनाल का गत दिनों 16-1-18 निधन हो गया था ! उनके निधन से न सिर्फ साहित्य जगत बल्कि सामाजिक,पत्रकारिता क्षेत्र को क्षति पहुंची है !
मातृभाषा सत्याग्रही समिति उपमन्यु टुडे
चेरीटेबल ट्रस्ट की एक बैठक समिति के कार्यालय में आयोजित हुई जिसे सम्बोधित करते हुये समिति के वरिष्ठ सदस्य सुभाष जैन ने कहा कि ऐसे मातृभाषी जिन्होने हिंदी के लिए 1957 में हुए आंदोलन में भाग लिया था और करीब 15000 सत्याग्रही व्यक्तित्वो के जरिये अपनी जान की बाजी लगा कर मातृभाषा हिंदी के अस्तित्व को बचाया था और इस दौरान कुछ सत्याग्रहियों की जान भी चली गई थी ! बैठक में सभी सदस्यों द्वारा जोरदार मांग की गई कि ऐसे में बंगाली भाषा की तरह लड़ाई लड़कर हिंदी भाषा को बचाए रखने वालों की तर्ज पर, हरियाणा में भी हिंदी भाषा को बचाए रखने वाले और स्वतंत्र हरियाणा की स्थापना करने में सहयोग अदा करने वाले मातृभाषा सत्याग्रही राज्य स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान प्रदान करने के लिए 1 दिन को मातृभाषा दिवस घोषित किया जाए और जिन मातृभाषा सत्याग्रही आंदोलनकारियों की पहचान व पेंशन अभी तक नहीं बनी है और प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों में जो उनके आवेदन विचारणीय रखे हुये है, उन सभी सत्याग्रहियों की पेंशन भी राज्य सरकार शीघ्र चालू करें ! ताकि उन सभी को भी मान सम्मान मिल सके ! बैठक में नरेन्द्र कुमार , जयभगवान अत्री,हिमांशु शर्मा, भरतो देवी, कृष्णा देवी,विश्वनाथ शर्मा, रामशरण पाल, जगदीश चन्द्र वसु, सुमन शर्मा, शीला देवी, प्रेमो देवी, संदीप कुमार, सुभाष दीपक जैन आदि ने उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया और रामभज शर्मा जी को दो मिनट का मौन धारण कर सच्ची श्रंद्धाजलि दी गई! रामभज शर्मा जी विराट जीवन के व्यक्तित्व थे ! वे युवा नेतृत्व ज्योति पत्र समूह में पिछले लगभग दो दशक से वह अपनी रचनाओं और लेखों के माध्यम से दर्शकों में काफी लोकप्रिय थे ! गत दिनो उनके निधन पर हरियाणा सरकार व विभिन्न अकादमियों के निदेशकों शासी परिषद के सदस्य,सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक सहित काफी पदाधिकारियों ने गहरा दुख जताया था ! 15 जनवरी 42 को पिता श्री गीताराम शर्मा, माता छोटी देवी जी के यहां मुनक गांव में जन्मे रामभज शर्मा बचपन से ही मेधावी एवं उत्कृष्ट बुद्धि के व्यक्तित्व थे ! गांव में ही उच्च शिक्षा ग्रहण करके उन्होंने सरकारी क्षेत्र में भी कभी समय नहरी महकमे में तार बाबू जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए बिताया! यह प्रकृति की विडंबना ही है कि 1 दिन पहले उनका जन्मदिन था और अगले ही दिन अपने परिवार के लोगों के बीच उन्होंने दम तोड़ दिया! बताया जाता है कि दो-तीन दिन पहले अचानक वह फिसल गए थे और उन्हें चोट आई थी, चिकित्सकों ने उन्हें मना कर दिया ! ऐसे मे वे घर पर ही प्राकृतिक ऑक्सीजन पर सांस ले रहे थे ! उनके पुत्र को भी लोगों की जान बचाने और समाज सेवा के क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए सैकड़ों बहादुरी वीरता व पत्रकारिता के पुरस्कारों से प्रदेश में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के कर कमलों से सम्मानित किया जा चुका है ! श्री रामभज जी की मृत्यु होने के बाद उनके परिवार में उनकी पत्नी, पुत्रवधू इकलौते पुत्र, दो पोत्रों से भरा पूरा परिवार है! श्री रामभज शर्मा वर्ष 1957 में हिंदी भाषा के लिए खूब लड़े और जत्थों का नेतृत्व किया! राष्ट्रभाषा और राजभाषा हिंदी के अस्तित्व को बचाने के लिए सैकड़ों हिंदी वासियों को जोड़ा और उन्हें संबोधित किया उसी के बूते वर्ष 1966 में हरियाणा राज्य की नींव रखी गई ! वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान भी उनकी सक्रिय भूमिका रही ! श्री रामभज शर्मा के निधन से सामाजिक साहित्यिक वरिष्ठ राजभाषा हिंदी जगत को गहरी ठेस पहुंची है ! उधर उनकी मृत्यु पर शोक जताने वालों में हरियाणा, पंजाबी,साहित्य, उर्दू एवं ग्रंथ अकादमी के डिप्टी चेयरमैन एवं निदेशकगण ने गहरा शोक जताया और 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की! साहित्य लेखक एवं उनके साथ लगभग दो दशक पुराना संपर्क बनाएं रखने वाले प्रमुख इतिहासकार एवं साहित्यकार डॉक्टर नरेंद्र कुमार उपमन्यु बताते हैं कि रामभज शर्मा जी का व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावी था ! रामभज शर्मा जी के लोकप्रिय गीतों, भजनों और उनके व्यक्तित्व को इन दिनों हरियाणा सरकार संकलित कर उसे पुस्तक रूप में प्रस्तुत करने जा रही है! डॉ. उपमन्यु बताते हैं उनका व्यक्तित्व आजीवन उपलब्धि युक्त रहा और जीवन में उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा ! जीवन के लगभग 8 दशक जीने के दौरान उन्होंने जीवन में कभी किसी का दिल नहीं दुखाया और वह सबकी आर्थिक व सामाजिक तौर पर मदद भी करते थे! वह बताते हैं कि भारत की धरा पर इस तरह की विभूतियां कभी कभार ही जन्म लेती है जो मरणोपरांत भी अपने नाम की छाप छोड़ जाती है ! ऐसी महान विभूति को वह नमन करते हैं! पंजाब के गांव ढिंडारू में जन्मे, उसके एक साल बाद मूनक में आगमन, पिता का नाम गीताराम, मां छोटी देवी, दादा गोविन्द राम, माता पिता का जयेष्ठ पुत्र दो छोटी बहनें 1 भाई बड़ा होने के कारण परिवार की सभी जिम्मेदारी। 2 पुत्र 3 पुत्री, 1 पुत्र का देहान्त 5वर्ष मे 2 लडकी देहान्त शादीशुदा धुर्घटना के कारण, परिवार एक जगह से दुसरी जगह होने के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर, पिता के घर कार्य व खेतों का कार्य में पूरा सहयोग पढ़ाई पाचंवी में अपने मामा की मृत्यु के कारण मामा के गांव घोघा (दिल्ली मे रहना) उसके बाद फिर परिवार के पालन के लिये मजदूरी करना जैसे ईट बनाना आता उसके बाद सिचाई विभाग में कच्चे में लगना 1968 में पक्का होना उसके बेलदार, पनसारी, जमादारी ईन्चार्ज पर रिटायर होना, 2002 में रिटायर होना। इन्द्री, खुवडू झालू मूनक खेड़ पर पूरी नोकरी की, ताऊ सीताराम सांगी होने के कारण पिता खूद भी रागनी का शौकिन, रामलिला में नाटक जनक का बहुत का बेहतरीन रोल सभी आधिकारी का प्यारा कई आदमियों को नौकरी लगवाने में सहायता की उस समय आधिकारी के कहने पर नौकरी मिलती थी। कभी रिश्वत नहीं ली जो भी आया सभी का कार्य किया अपने छोटे भाई को भी सिचाई विभाग में कार्य करता है मार बाबू पद पर पूरी नौकरी बेदाग रही। शादी पाठा गांव में प्रेमो देवी के साथ हुआ पहली शादी कलाम पुरा करनाल में हुई कुछ समय के बाद मृत्यु उसके बाद प्रेमो देवी के साथ 1966 में शादी कद 6 फुट खेलकूद जोर आजमाई, कबड्डी नौकरी लगने के बाद लगभग नहर के सरकारी क्वाटर पर रहना उस समय नौकरी हैड़ जमादारी की जिम्मेवारी पूरी 24 घंटे की थी बाकी सभी की आंठ घंटे ड्यूटी थी। भाई शिवचरण शर्मा सिचाई विभाग (तार बाबू) बहन स्व० पनवेश्वरी, बहन अंगूरी देवी 1 पुत्री सुनीता देवी अपने परिवार के उत्थान में अहम भूमिका रही, कई बार जिन्दगी में उतार चढ़ाव आये बचपन में अपने छोटे भाई की मृत्यु, उसके बाद चाचा चन्दगीराम की मृत्यु। जसकी पत्नी आज तक भी दुबारा शादी नहीं की इसके पुत्र सतपाल की 5 वर्ष की आयु में मृत्यु, दो लडकी को कृष्णा, कमल की मृत्यु कृष्णा के दो पुत्र कमला के एक पुत्र जन्म के बाद दुर्घटना में एक ही साथ हो गई कृष्णा व कमला दोनो लेडके आज अपने काम पर तैनात है पौत्र विवेकानन्द 12 वर्ष आयु में दुघर्टना बचपन में ही हो गई अपनी पढाई मामा के घर सम्भालने के लिये चले गये बाद में मामा का लड़का गांव घोधा का तीन बार सरपंच बना, वह अपने बाहर गांव का ब्राहमण समाज का प्रधान रहा। अपने छोटे भाई जो उसके पुत्र की आयु से छोड़ा सा बड़ा अपने पुत्र की तरह पढ़ाया उसकी शादी से पहले उसे नौकरी पर लगवा दिया । उसने अपनी चचेरी साली के साथ धूम-धाम से शादी की, भाई के चार लड़के व एक पुत्री सारी जिन्दगी सादगीपूर्वक व्यतित की एक पुत्र जयेष्ट जेय भगवान भजी, समाजिक कार्यकर्ता जो पहले घड़ी व रेडियो, टीवी की दुकानदारी गॉव में करता ऐसे महान पुरूष से मिला जिसकी जिन्दगी 1 से दो नही 11 बना दिया उसकी तडप बचपन से थी भाई मिल गया । जो बचपन कहॉ करते थे । यदि मुझे भाई की प्यारा है भाई का दुलार है वो मिलना, अनेक प्रकार के समाज सेवा दिन का पैंशन, बुढ़ापा पैंशन, साफ-सफाई पठन-पढ़ाई, साक्षरता, मानव अधिकारों के बारे श्रम विभाग में मजइूरों के बारे एस.सी,बी.सी जनरल को सरकार की स्कीमों के बारे में, जैसे भी तरह के मिले साथ लेते गये, कोई छोड़ा नही जाड़ते चले लड़की गॉव पडवाला तरावड़ी में तीनों लड़की शादी हुई छोटी लड़की आगंन वाड़ी में ऐ.डब्लू. डब्लू हैं वह भी समाज के उत्थान के लिए ज्यादा कार्य करती है दान में ज्यादा विश्वास करती है गाँव की कोई महिला उसके पास आती है तो वह खाली नही जाने देती। गाँव में गरीब लड़की की शादी मे दान देती है जब उसकी शादी गरीब घर में थी। उस समय उसके घर सभी प्रकार की सुविधा प्राप्त थी। उस घर का इतना उत्थान हुआ घर की काया पलट गई, पुत्र की शादी की किसी प्रकार की देहज नहीं मांगा उसने कहां मुझे प्रिय पुत्रवधु नहीं पुत्री चाहिए। मैं बहु को नहीं लाई, पुत्री लाई, उसने अपने पास बहु के समान की कमी होते ही पूरी कर देती थी। शादी पूरी धूम-धाम से की, रामभज आजादी की लड़ाई में जब लगभग 13 वर्ष का था, उस समय लोगों को देखा किस तरह से गाँव के सारे लोग आजादी की लडाई लडने के लिए गाँव से निकल पडे़ थे। मुलक मुसलमान गाँव था। वह अपनी जान बचाने के लिए पास के गाँव गगसीना में रहे। जब मुसलमान गांव से गये तब वे गांव में आये उस समय का दृश्य आँखों के सामने आता तो रोंगटे खडे हो जाते है। बुरा समय जब आजादी के समय आया तब हरे-भरे गाँव में जैसे ग्रहण लग गया। भाई-भाई का दुशमन हो गया पहले हिन्दु मुसलमान भाई-भाई बनकर यहां पर रहते थे, और गोरे लोगों को मिलकर देश से निकाला। सभी कन्धे से कन्धा मिला कर देश को आजादी दी उसके बाद पता नहीं किस ने भाई-भाई के बीच में जहर घोल दिया।
हिन्दूस्तान को दो भागों में बाँट दिया। वह हादसा जिसने भी देखा उसकी आँखों में आज भी खौफ नजर आता है। मूनक गाँव में मुसलमान ज्यादा थे आस-पास के गाँव में मुसलमान कम थे। सभी की नजर मूनक गाँव पर थी की मुसलमानों को यहां से कैसे निकाला जाए। 22 गाँवों के लोग इकट्ठा होकर मूनक गाँव पर हल्ला भोल दिया मूनक की महिलाए व बच्चे पास के गाँव गगसीना में चले गये। हिन्दु मोहल्ला अलग था, बाकी तीन मोहल्ले मुसलमानों के थे इसके कारण सभी हिन्दुओं को गाँव छोड़ कर दूसरे गाँव में जाना पड़ा। वहां गाँव के बाहर पहरे लग गए, जब सभी मुसलमान यहां से चले गए तब पाकीस्तान से आए हिन्दु लोग खाली पड़े चोपालों और मकानों में रहे यहा के लोगों ने उनकी पूरी सहायता की जिस समान की जरूरत होती थी सभी को दिए काफी समय बाद अमन शान्ती हुई, फिर देश की तरक्की के दौर की शुरूआत हुई। 1962 में कच्ची नौकरी पर लगने के बाद 1963 में नौकरी पक्की हो गई, उस दौर में अनेक प्रकार के उतार-चढ़ाव आए। नहर में कड़ी आती थी जब उसे बंद व खोलने के लिए कडी डालनी व निकलनी पडती थी तो काफी पल्लेदारों की जरूरत पड़ती थी जो पानी के बहाव में बह जाती उसे निकालने के लिए तैरने वाले शर्दी व गर्मी में पानी के अन्दर जाकर निकाल कर लाना जान पर खेलने के बराबर था। कच्ची नहर होने के कारण रास्ते में राजबाहे कट जाते थे। बारिश के दिनों में तो पानी आधिक हो जाने के कारण और मिट्टी के बहाव के कारण राजबाहे व नहर टूटते रहते थे। उस समय मशिन आदि न होने के कारण सैकडों लोग नौकरी करते थे, व कच्चे बेलदार लगाकर उनको बन्द किया जाता था। कई-कई दिनों तक वही पर रहना पड़ता था। समय बदल गया नहर पक्की बनने लगी कडी की जगह गेट लगवाये गए। आने लगी आराम की जिन्दगी आदमी रिटायर होते चले गए, आदमी भी कम होते चले गए जहां 24 घंटे रहना पड़ता था वहां 8 घंटे हो गए। दिल्ली का सारा पीने का पानी थर्मल में पानी सभी मूनक नहर से जाता था कभी कंच कर भी पानी कम ज्यादा होता तुरन्त अधिकारी आ जाते थे। पूरी तोल कर पानी दिल्ली ब्रांच गोहाना राजबाहा, हांसी ब्रांच मौली राजबाहा एस्केप आदि ब्रांच होती थी। राजबाहे से सभी जमीदारों को पानी देना पूरा मापतोल के हिसाब से देना पंड़ित रामभज शर्मा के हाथों में किसी की पूछ नहीं रामभज शर्मा से पूछा जाना कभी भी अपनी नौकरी में किसी अधिकारी को नराज नहीं किया। एक बार दिल्ली का अधिकारी एक्स.इ.एन अचानक दौरे पर आके चैक करने लगा। जहां पर पानी नपता था वहां हैड की डेड़ किलोमिटर की दूरी पर था एक्स.इ.एन पानी देखकर आया। उसे पानी ज्यादा मिला और हैड पर आकर हेड इन्चार्ज रामभज शर्मा से पूछने लगा। पानी कितना है उसने कागज के हिसाब से बताया, वह कहने लगा नदी में 2 हिस्से पानी ज्यादा है। वह कहने लगा नहीं साहब पानी पूरा है, तब वह बाप गया और अपने बेलदार से ईशारे में कहां कि दो चक्कर कम कर दो। बेलदार संकेत समझ गया तुरन्त कार्रवाई कर दी। काफी सकय तक बाहस चलती रही। यहां तक की अधिकारी ने बोला की तुझे नहर में डाल दूगा तुने दिल्ली को डुबाने का ठेका ले रखा है। काफी समय तक बहस होती रही अधा घण्टा लग गया वहा गये जितने पानी की जरूरत थी उससे कम पानी मिला। एक्स.इ.एन का परिवार साथ तभी उसका बेटा बोला पिता जी इर्न्चाज सही है। अब बताओं कोन नहर में कूदेगा जैसा होता था। उस समय अधिकारी ने शर्म महसूस कि। कभी उस अधिकारी ने उन्हे सम्मान दिया। उनके नीचे 100 आदमी काम करते थे और वे सभी उनका मान सम्मान करते थे। पता नहीं कतने अधिकारीयों के साथ काम किया परन्तु लक्ष्मी जे.ई. व बृजभूषण शर्मा तार बाबू के साथ काफी समय तक रहे। बृज भूषण शर्मा से काफी अनुभव सीखा उसने कभी भी किसी अधिकारी को अपनी शिकायत का मोका नहीं दिया एक बार एक नहर में पानी ज्यादा आजाने के कारण नहर टूट गई वहा के अधिकारी ने इर्न्चाज की शिकायत कर उसे सस्पैंड करने का ऑर्डर कर दिया। तार भाई रामभज शर्मा ने जवाब दिया कि इसमे मेरी कोई गलती नहीं है। उसने जिस हिसाब से पानी रजिस्टर पर जे.ई से भरवाये तब सभी सबूत अधिकारी को दिखाये फिर भी उन्होंने जे.ई को सस्पैंड कर दिया। अपनी बुद्धि से काम कर मुसीबत के समय पर अपना बचाव करने की उनके अन्दर इतनी क्षमता थी। पढ़ाई कम होने के कारण कम उन्नति कर सका और हैड जमादार पर 2002 में रिटायार हो गई। मेहनत करके कस्सी चला-चला कर खेतों के बडे-बडे गड्ढे़ ठीक-ठाक कर खेत को बनाना मेरी मेहनत कर फसल उगाना गाँव की संस्कृति जैसे गाय, भैंस रखना उसका पालन कर क्रय-विक्रय करना पूरी जिन्दगी एक ही साईकिल पर बता देना घडी का पूरा शोकिन, रेडियो को सूनना हरियाणवी पूरी चाव से सूनना अखबार पढ़ना पत्रिका पढ़ना अपना शौक रखा बिडी पीना उस समय हुक्के का शौक था उसने बिड़ी पीना सीख लिया परन्तु बाद में छोड़ दिया शराब का सेवन कभी नहीं किया गाँव में सभी से मिलन सार सभी जाति के लोगों से मिलना जुलना अपना महत्व स्व० मास्टर मूल चन्द के साथ बैठ कर चाय की चूसकी लेना अगर आपस में न मिले तो मास्टर फूल चन्द अपनी दुकान छोड कर उसके पास आ जाता व हाल चाल पूछता, क्योकि एक साथ पढ़े व बाद में मास्टर के पिता ठेकेदार माहनलाल जी नहर पर रहते थे वही मस्टर जी रहते थे । पण्डित रामभज शर्मा भी वहीं नौकरी करते थे। वे दोनो इकट्ठे रहते थे । बाद में मास्टर जी गांव में आ गये । वहां अपनी दुकानदारी पर बैठ गये । वहां पण्डित रामभज शर्मा भी समय बिताने के लिये आपस में बैठकर समाज व अपने परिवार की बाते करते । मास्टर की मृत्यु 2015 में होने पर जैसे आपस में हंस की जोड़ी टुट गई । काफी जिन्दगी में धक्का लगा । भाई से बढ़कर था प्यार । जहां भी रहा वहां के लोगो को अपना बनाना उसकी अपनी पहचान थी । बचपन में मामा गांव घोघा में रहे । आज भी वहां के लोग जो उसकी उम्र के थे उसकी तारीफ करते है । दो जगह बदली हुई, वहां भी खूबड़ू झाल व इन्द्री में वहां के आस-पास के गांव के लोग जो उसके साथ रहे ! वे सभी पण्डित रामभज शर्मा की तारीफ करते है, काफी दूर-दूर साईकल पर जा कर ड्यूटी की खूबड़ू से कभी माता-पिता के पास नहर के पास साईकल पर आना जाना । रिश्तेदारी में उस समय साईकल पर लोगों का आना जाना होता था ।
दादी का नाम सिबो दादा गोविन्द राम परदादा नत्थू राम लगभग 200 वर्ष पूर्व डिंडाडू पंजाब गाँव से आये मूनक में अपनी रिश्तेदारी में रहने लगे। यहा पर रहने वाले आज भी इस परिवार को पुजनीय मानते है। बडे-बुर्जुग कहते थे कि जब हम यहाँ से जाने लगे तो उस का देवता नाम बन कर गाड़ी के आगे आ गये। जिधर गाड़ी मे जोते बैल को मोड़ते वो उधर ही आगे आ जाता था उसके बाद फिर उनमें से जो छोडने के लिये जा रहे थे उन्होंने उसे जान वापस ले आये तब से आज तक यहां मूनक में निवास करने लगे। वहा कि जमीन भी देकर कुछ न तो लेली परन्तु किसी कारण वश जमीन नहीं ली गई। पिता पर कई जिम्मेदारी थी जो इस तरफ ध्यान न देकर परिवार के पालन-पोषन व मेहनत मे लगे रहे। सीधा सा सुन्दर सढ़ौल शरीर का सीताराम अपने कार्य से कार्य रखना उसका अपना दिन चर्या कार्य करना उसका जैसा जिन्दगी का उद्देश्य था। माता छोटी देवी जो बहुत शरीफ महिला थी। सभी उस समय अलग-अलग मुहल्ले होते थे। मुहल्ले में प्रेम से रहना उनका अपनी दिनचर्या में था।
- हिंदी, उर्दू साहित्य, पत्रकारिता एवं लेखन जगत के महान व्यक्तित्व, प्रसिद्ध भजन कर्मी एवं गीतभजनकार तथा जाने माने लोक कलाकार, मातृभाषा सत्याग्रही श्री रामभज शर्मा, मुनक जिला करनाल का गत दिनों 16-1-18 निधन हो गया था ! उनके निधन से न सिर्फ साहित्य जगत बल्कि सामाजिक,पत्रकारिता क्षेत्र को क्षति पहुंची है !
मातृभाषा सत्याग्रही समिति उपमन्यु टुडे
चेरीटेबल ट्रस्ट की एक बैठक समिति के कार्यालय में आयोजित हुई जिसे सम्बोधित करते हुये समिति के वरिष्ठ सदस्य सुभाष जैन ने कहा कि ऐसे मातृभाषी जिन्होने हिंदी के लिए 1957 में हुए आंदोलन में भाग लिया था और करीब 15000 सत्याग्रही व्यक्तित्वो के जरिये अपनी जान की बाजी लगा कर मातृभाषा हिंदी के अस्तित्व को बचाया था और इस दौरान कुछ सत्याग्रहियों की जान भी चली गई थी ! बैठक में सभी सदस्यों द्वारा जोरदार मांग की गई कि ऐसे में बंगाली भाषा की तरह लड़ाई लड़कर हिंदी भाषा को बचाए रखने वालों की तर्ज पर, हरियाणा में भी हिंदी भाषा को बचाए रखने वाले और स्वतंत्र हरियाणा की स्थापना करने में सहयोग अदा करने वाले मातृभाषा सत्याग्रही राज्य स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान प्रदान करने के लिए 1 दिन को मातृभाषा दिवस घोषित किया जाए और जिन मातृभाषा सत्याग्रही आंदोलनकारियों की पहचान व पेंशन अभी तक नहीं बनी है और प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों में जो उनके आवेदन विचारणीय रखे हुये है, उन सभी सत्याग्रहियों की पेंशन भी राज्य सरकार शीघ्र चालू करें ! ताकि उन सभी को भी मान सम्मान मिल सके ! बैठक में नरेन्द्र कुमार , जयभगवान अत्री,हिमांशु शर्मा, भरतो देवी, कृष्णा देवी,विश्वनाथ शर्मा, रामशरण पाल, जगदीश चन्द्र वसु, सुमन शर्मा, शीला देवी, प्रेमो देवी, संदीप कुमार, सुभाष दीपक जैन आदि ने उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया और रामभज शर्मा जी को दो मिनट का मौन धारण कर सच्ची श्रंद्धाजलि दी गई! रामभज शर्मा जी विराट जीवन के व्यक्तित्व थे ! वे युवा नेतृत्व ज्योति पत्र समूह में पिछले लगभग दो दशक से वह अपनी रचनाओं और लेखों के माध्यम से दर्शकों में काफी लोकप्रिय थे ! गत दिनो उनके निधन पर हरियाणा सरकार व विभिन्न अकादमियों के निदेशकों शासी परिषद के सदस्य,सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक सहित काफी पदाधिकारियों ने गहरा दुख जताया था ! 15 जनवरी 42 को पिता श्री गीताराम शर्मा, माता छोटी देवी जी के यहां मुनक गांव में जन्मे रामभज शर्मा बचपन से ही मेधावी एवं उत्कृष्ट बुद्धि के व्यक्तित्व थे ! गांव में ही उच्च शिक्षा ग्रहण करके उन्होंने सरकारी क्षेत्र में भी कभी समय नहरी महकमे में तार बाबू जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए बिताया! यह प्रकृति की विडंबना ही है कि 1 दिन पहले उनका जन्मदिन था और अगले ही दिन अपने परिवार के लोगों के बीच उन्होंने दम तोड़ दिया! बताया जाता है कि दो-तीन दिन पहले अचानक वह फिसल गए थे और उन्हें चोट आई थी, चिकित्सकों ने उन्हें मना कर दिया ! ऐसे मे वे घर पर ही प्राकृतिक ऑक्सीजन पर सांस ले रहे थे ! उनके पुत्र को भी लोगों की जान बचाने और समाज सेवा के क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए सैकड़ों बहादुरी वीरता व पत्रकारिता के पुरस्कारों से प्रदेश में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के कर कमलों से सम्मानित किया जा चुका है ! श्री रामभज जी की मृत्यु होने के बाद उनके परिवार में उनकी पत्नी, पुत्रवधू इकलौते पुत्र, दो पोत्रों से भरा पूरा परिवार है! श्री रामभज शर्मा वर्ष 1957 में हिंदी भाषा के लिए खूब लड़े और जत्थों का नेतृत्व किया! राष्ट्रभाषा और राजभाषा हिंदी के अस्तित्व को बचाने के लिए सैकड़ों हिंदी वासियों को जोड़ा और उन्हें संबोधित किया उसी के बूते वर्ष 1966 में हरियाणा राज्य की नींव रखी गई ! वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान भी उनकी सक्रिय भूमिका रही ! श्री रामभज शर्मा के निधन से सामाजिक साहित्यिक वरिष्ठ राजभाषा हिंदी जगत को गहरी ठेस पहुंची है ! उधर उनकी मृत्यु पर शोक जताने वालों में हरियाणा, पंजाबी,साहित्य, उर्दू एवं ग्रंथ अकादमी के डिप्टी चेयरमैन एवं निदेशकगण ने गहरा शोक जताया और 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की! साहित्य लेखक एवं उनके साथ लगभग दो दशक पुराना संपर्क बनाएं रखने वाले प्रमुख इतिहासकार एवं साहित्यकार डॉक्टर नरेंद्र कुमार उपमन्यु बताते हैं कि रामभज शर्मा जी का व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावी था ! रामभज शर्मा जी के लोकप्रिय गीतों, भजनों और उनके व्यक्तित्व को इन दिनों हरियाणा सरकार संकलित कर उसे पुस्तक रूप में प्रस्तुत करने जा रही है! डॉ. उपमन्यु बताते हैं उनका व्यक्तित्व आजीवन उपलब्धि युक्त रहा और जीवन में उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा ! जीवन के लगभग 8 दशक जीने के दौरान उन्होंने जीवन में कभी किसी का दिल नहीं दुखाया और वह सबकी आर्थिक व सामाजिक तौर पर मदद भी करते थे! वह बताते हैं कि भारत की धरा पर इस तरह की विभूतियां कभी कभार ही जन्म लेती है जो मरणोपरांत भी अपने नाम की छाप छोड़ जाती है ! ऐसी महान विभूति को वह नमन करते हैं! पंजाब के गांव ढिंडारू में जन्मे, उसके एक साल बाद मूनक में आगमन, पिता का नाम गीताराम, मां छोटी देवी, दादा गोविन्द राम, माता पिता का जयेष्ठ पुत्र दो छोटी बहनें 1 भाई बड़ा होने के कारण परिवार की सभी जिम्मेदारी। 2 पुत्र 3 पुत्री, 1 पुत्र का देहान्त 5वर्ष मे 2 लडकी देहान्त शादीशुदा धुर्घटना के कारण, परिवार एक जगह से दुसरी जगह होने के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर, पिता के घर कार्य व खेतों का कार्य में पूरा सहयोग पढ़ाई पाचंवी में अपने मामा की मृत्यु के कारण मामा के गांव घोघा (दिल्ली मे रहना) उसके बाद फिर परिवार के पालन के लिये मजदूरी करना जैसे ईट बनाना आता उसके बाद सिचाई विभाग में कच्चे में लगना 1968 में पक्का होना उसके बेलदार, पनसारी, जमादारी ईन्चार्ज पर रिटायर होना, 2002 में रिटायर होना। इन्द्री, खुवडू झालू मूनक खेड़ पर पूरी नोकरी की, ताऊ सीताराम सांगी होने के कारण पिता खूद भी रागनी का शौकिन, रामलिला में नाटक जनक का बहुत का बेहतरीन रोल सभी आधिकारी का प्यारा कई आदमियों को नौकरी लगवाने में सहायता की उस समय आधिकारी के कहने पर नौकरी मिलती थी। कभी रिश्वत नहीं ली जो भी आया सभी का कार्य किया अपने छोटे भाई को भी सिचाई विभाग में कार्य करता है मार बाबू पद पर पूरी नौकरी बेदाग रही। शादी पाठा गांव में प्रेमो देवी के साथ हुआ पहली शादी कलाम पुरा करनाल में हुई कुछ समय के बाद मृत्यु उसके बाद प्रेमो देवी के साथ 1966 में शादी कद 6 फुट खेलकूद जोर आजमाई, कबड्डी नौकरी लगने के बाद लगभग नहर के सरकारी क्वाटर पर रहना उस समय नौकरी हैड़ जमादारी की जिम्मेवारी पूरी 24 घंटे की थी बाकी सभी की आंठ घंटे ड्यूटी थी। भाई शिवचरण शर्मा सिचाई विभाग (तार बाबू) बहन स्व० पनवेश्वरी, बहन अंगूरी देवी 1 पुत्री सुनीता देवी अपने परिवार के उत्थान में अहम भूमिका रही, कई बार जिन्दगी में उतार चढ़ाव आये बचपन में अपने छोटे भाई की मृत्यु, उसके बाद चाचा चन्दगीराम की मृत्यु। जसकी पत्नी आज तक भी दुबारा शादी नहीं की इसके पुत्र सतपाल की 5 वर्ष की आयु में मृत्यु, दो लडकी को कृष्णा, कमल की मृत्यु कृष्णा के दो पुत्र कमला के एक पुत्र जन्म के बाद दुर्घटना में एक ही साथ हो गई कृष्णा व कमला दोनो लेडके आज अपने काम पर तैनात है पौत्र विवेकानन्द 12 वर्ष आयु में दुघर्टना बचपन में ही हो गई अपनी पढाई मामा के घर सम्भालने के लिये चले गये बाद में मामा का लड़का गांव घोधा का तीन बार सरपंच बना, वह अपने बाहर गांव का ब्राहमण समाज का प्रधान रहा। अपने छोटे भाई जो उसके पुत्र की आयु से छोड़ा सा बड़ा अपने पुत्र की तरह पढ़ाया उसकी शादी से पहले उसे नौकरी पर लगवा दिया । उसने अपनी चचेरी साली के साथ धूम-धाम से शादी की, भाई के चार लड़के व एक पुत्री सारी जिन्दगी सादगीपूर्वक व्यतित की एक पुत्र जयेष्ट जेय भगवान भजी, समाजिक कार्यकर्ता जो पहले घड़ी व रेडियो, टीवी की दुकानदारी गॉव में करता ऐसे महान पुरूष से मिला जिसकी जिन्दगी 1 से दो नही 11 बना दिया उसकी तडप बचपन से थी भाई मिल गया । जो बचपन कहॉ करते थे । यदि मुझे भाई की प्यारा है भाई का दुलार है वो मिलना, अनेक प्रकार के समाज सेवा दिन का पैंशन, बुढ़ापा पैंशन, साफ-सफाई पठन-पढ़ाई, साक्षरता, मानव अधिकारों के बारे श्रम विभाग में मजइूरों के बारे एस.सी,बी.सी जनरल को सरकार की स्कीमों के बारे में, जैसे भी तरह के मिले साथ लेते गये, कोई छोड़ा नही जाड़ते चले लड़की गॉव पडवाला तरावड़ी में तीनों लड़की शादी हुई छोटी लड़की आगंन वाड़ी में ऐ.डब्लू. डब्लू हैं वह भी समाज के उत्थान के लिए ज्यादा कार्य करती है दान में ज्यादा विश्वास करती है गाँव की कोई महिला उसके पास आती है तो वह खाली नही जाने देती। गाँव में गरीब लड़की की शादी मे दान देती है जब उसकी शादी गरीब घर में थी। उस समय उसके घर सभी प्रकार की सुविधा प्राप्त थी। उस घर का इतना उत्थान हुआ घर की काया पलट गई, पुत्र की शादी की किसी प्रकार की देहज नहीं मांगा उसने कहां मुझे प्रिय पुत्रवधु नहीं पुत्री चाहिए। मैं बहु को नहीं लाई, पुत्री लाई, उसने अपने पास बहु के समान की कमी होते ही पूरी कर देती थी। शादी पूरी धूम-धाम से की, रामभज आजादी की लड़ाई में जब लगभग 13 वर्ष का था, उस समय लोगों को देखा किस तरह से गाँव के सारे लोग आजादी की लडाई लडने के लिए गाँव से निकल पडे़ थे। मुलक मुसलमान गाँव था। वह अपनी जान बचाने के लिए पास के गाँव गगसीना में रहे। जब मुसलमान गांव से गये तब वे गांव में आये उस समय का दृश्य आँखों के सामने आता तो रोंगटे खडे हो जाते है। बुरा समय जब आजादी के समय आया तब हरे-भरे गाँव में जैसे ग्रहण लग गया। भाई-भाई का दुशमन हो गया पहले हिन्दु मुसलमान भाई-भाई बनकर यहां पर रहते थे, और गोरे लोगों को मिलकर देश से निकाला। सभी कन्धे से कन्धा मिला कर देश को आजादी दी उसके बाद पता नहीं किस ने भाई-भाई के बीच में जहर घोल दिया।
हिन्दूस्तान को दो भागों में बाँट दिया। वह हादसा जिसने भी देखा उसकी आँखों में आज भी खौफ नजर आता है। मूनक गाँव में मुसलमान ज्यादा थे आस-पास के गाँव में मुसलमान कम थे। सभी की नजर मूनक गाँव पर थी की मुसलमानों को यहां से कैसे निकाला जाए। 22 गाँवों के लोग इकट्ठा होकर मूनक गाँव पर हल्ला भोल दिया मूनक की महिलाए व बच्चे पास के गाँव गगसीना में चले गये। हिन्दु मोहल्ला अलग था, बाकी तीन मोहल्ले मुसलमानों के थे इसके कारण सभी हिन्दुओं को गाँव छोड़ कर दूसरे गाँव में जाना पड़ा। वहां गाँव के बाहर पहरे लग गए, जब सभी मुसलमान यहां से चले गए तब पाकीस्तान से आए हिन्दु लोग खाली पड़े चोपालों और मकानों में रहे यहा के लोगों ने उनकी पूरी सहायता की जिस समान की जरूरत होती थी सभी को दिए काफी समय बाद अमन शान्ती हुई, फिर देश की तरक्की के दौर की शुरूआत हुई। 1962 में कच्ची नौकरी पर लगने के बाद 1963 में नौकरी पक्की हो गई, उस दौर में अनेक प्रकार के उतार-चढ़ाव आए। नहर में कड़ी आती थी जब उसे बंद व खोलने के लिए कडी डालनी व निकलनी पडती थी तो काफी पल्लेदारों की जरूरत पड़ती थी जो पानी के बहाव में बह जाती उसे निकालने के लिए तैरने वाले शर्दी व गर्मी में पानी के अन्दर जाकर निकाल कर लाना जान पर खेलने के बराबर था। कच्ची नहर होने के कारण रास्ते में राजबाहे कट जाते थे। बारिश के दिनों में तो पानी आधिक हो जाने के कारण और मिट्टी के बहाव के कारण राजबाहे व नहर टूटते रहते थे। उस समय मशिन आदि न होने के कारण सैकडों लोग नौकरी करते थे, व कच्चे बेलदार लगाकर उनको बन्द किया जाता था। कई-कई दिनों तक वही पर रहना पड़ता था। समय बदल गया नहर पक्की बनने लगी कडी की जगह गेट लगवाये गए। आने लगी आराम की जिन्दगी आदमी रिटायर होते चले गए, आदमी भी कम होते चले गए जहां 24 घंटे रहना पड़ता था वहां 8 घंटे हो गए। दिल्ली का सारा पीने का पानी थर्मल में पानी सभी मूनक नहर से जाता था कभी कंच कर भी पानी कम ज्यादा होता तुरन्त अधिकारी आ जाते थे। पूरी तोल कर पानी दिल्ली ब्रांच गोहाना राजबाहा, हांसी ब्रांच मौली राजबाहा एस्केप आदि ब्रांच होती थी। राजबाहे से सभी जमीदारों को पानी देना पूरा मापतोल के हिसाब से देना पंड़ित रामभज शर्मा के हाथों में किसी की पूछ नहीं रामभज शर्मा से पूछा जाना कभी भी अपनी नौकरी में किसी अधिकारी को नराज नहीं किया। एक बार दिल्ली का अधिकारी एक्स.इ.एन अचानक दौरे पर आके चैक करने लगा। जहां पर पानी नपता था वहां हैड की डेड़ किलोमिटर की दूरी पर था एक्स.इ.एन पानी देखकर आया। उसे पानी ज्यादा मिला और हैड पर आकर हेड इन्चार्ज रामभज शर्मा से पूछने लगा। पानी कितना है उसने कागज के हिसाब से बताया, वह कहने लगा नदी में 2 हिस्से पानी ज्यादा है। वह कहने लगा नहीं साहब पानी पूरा है, तब वह बाप गया और अपने बेलदार से ईशारे में कहां कि दो चक्कर कम कर दो। बेलदार संकेत समझ गया तुरन्त कार्रवाई कर दी। काफी सकय तक बाहस चलती रही। यहां तक की अधिकारी ने बोला की तुझे नहर में डाल दूगा तुने दिल्ली को डुबाने का ठेका ले रखा है। काफी समय तक बहस होती रही अधा घण्टा लग गया वहा गये जितने पानी की जरूरत थी उससे कम पानी मिला। एक्स.इ.एन का परिवार साथ तभी उसका बेटा बोला पिता जी इर्न्चाज सही है। अब बताओं कोन नहर में कूदेगा जैसा होता था। उस समय अधिकारी ने शर्म महसूस कि। कभी उस अधिकारी ने उन्हे सम्मान दिया। उनके नीचे 100 आदमी काम करते थे और वे सभी उनका मान सम्मान करते थे। पता नहीं कतने अधिकारीयों के साथ काम किया परन्तु लक्ष्मी जे.ई. व बृजभूषण शर्मा तार बाबू के साथ काफी समय तक रहे। बृज भूषण शर्मा से काफी अनुभव सीखा उसने कभी भी किसी अधिकारी को अपनी शिकायत का मोका नहीं दिया एक बार एक नहर में पानी ज्यादा आजाने के कारण नहर टूट गई वहा के अधिकारी ने इर्न्चाज की शिकायत कर उसे सस्पैंड करने का ऑर्डर कर दिया। तार भाई रामभज शर्मा ने जवाब दिया कि इसमे मेरी कोई गलती नहीं है। उसने जिस हिसाब से पानी रजिस्टर पर जे.ई से भरवाये तब सभी सबूत अधिकारी को दिखाये फिर भी उन्होंने जे.ई को सस्पैंड कर दिया। अपनी बुद्धि से काम कर मुसीबत के समय पर अपना बचाव करने की उनके अन्दर इतनी क्षमता थी। पढ़ाई कम होने के कारण कम उन्नति कर सका और हैड जमादार पर 2002 में रिटायार हो गई। मेहनत करके कस्सी चला-चला कर खेतों के बडे-बडे गड्ढे़ ठीक-ठाक कर खेत को बनाना मेरी मेहनत कर फसल उगाना गाँव की संस्कृति जैसे गाय, भैंस रखना उसका पालन कर क्रय-विक्रय करना पूरी जिन्दगी एक ही साईकिल पर बता देना घडी का पूरा शोकिन, रेडियो को सूनना हरियाणवी पूरी चाव से सूनना अखबार पढ़ना पत्रिका पढ़ना अपना शौक रखा बिडी पीना उस समय हुक्के का शौक था उसने बिड़ी पीना सीख लिया परन्तु बाद में छोड़ दिया शराब का सेवन कभी नहीं किया गाँव में सभी से मिलन सार सभी जाति के लोगों से मिलना जुलना अपना महत्व स्व० मास्टर मूल चन्द के साथ बैठ कर चाय की चूसकी लेना अगर आपस में न मिले तो मास्टर फूल चन्द अपनी दुकान छोड कर उसके पास आ जाता व हाल चाल पूछता, क्योकि एक साथ पढ़े व बाद में मास्टर के पिता ठेकेदार माहनलाल जी नहर पर रहते थे वही मस्टर जी रहते थे । पण्डित रामभज शर्मा भी वहीं नौकरी करते थे। वे दोनो इकट्ठे रहते थे । बाद में मास्टर जी गांव में आ गये । वहां अपनी दुकानदारी पर बैठ गये । वहां पण्डित रामभज शर्मा भी समय बिताने के लिये आपस में बैठकर समाज व अपने परिवार की बाते करते । मास्टर की मृत्यु 2015 में होने पर जैसे आपस में हंस की जोड़ी टुट गई । काफी जिन्दगी में धक्का लगा । भाई से बढ़कर था प्यार । जहां भी रहा वहां के लोगो को अपना बनाना उसकी अपनी पहचान थी । बचपन में मामा गांव घोघा में रहे । आज भी वहां के लोग जो उसकी उम्र के थे उसकी तारीफ करते है । दो जगह बदली हुई, वहां भी खूबड़ू झाल व इन्द्री में वहां के आस-पास के गांव के लोग जो उसके साथ रहे ! वे सभी पण्डित रामभज शर्मा की तारीफ करते है, काफी दूर-दूर साईकल पर जा कर ड्यूटी की खूबड़ू से कभी माता-पिता के पास नहर के पास साईकल पर आना जाना । रिश्तेदारी में उस समय साईकल पर लोगों का आना जाना होता था ।
दादी का नाम सिबो दादा गोविन्द राम परदादा नत्थू राम लगभग 200 वर्ष पूर्व डिंडाडू पंजाब गाँव से आये मूनक में अपनी रिश्तेदारी में रहने लगे। यहा पर रहने वाले आज भी इस परिवार को पुजनीय मानते है। बडे-बुर्जुग कहते थे कि जब हम यहाँ से जाने लगे तो उस का देवता नाम बन कर गाड़ी के आगे आ गये। जिधर गाड़ी मे जोते बैल को मोड़ते वो उधर ही आगे आ जाता था उसके बाद फिर उनमें से जो छोडने के लिये जा रहे थे उन्होंने उसे जान वापस ले आये तब से आज तक यहां मूनक में निवास करने लगे। वहा कि जमीन भी देकर कुछ न तो लेली परन्तु किसी कारण वश जमीन नहीं ली गई। पिता पर कई जिम्मेदारी थी जो इस तरफ ध्यान न देकर परिवार के पालन-पोषन व मेहनत मे लगे रहे। सीधा सा सुन्दर सढ़ौल शरीर का सीताराम अपने कार्य से कार्य रखना उसका अपना दिन चर्या कार्य करना उसका जैसा जिन्दगी का उद्देश्य था। माता छोटी देवी जो बहुत शरीफ महिला थी। सभी उस समय अलग-अलग मुहल्ले होते थे। मुहल्ले में प्रेम से रहना उनका अपनी दिनचर्या में था।
Wednesday, 7 February 2018
अज्ञात बदमाशों ने फुरलक रोड़ पर दिन-दिहाड़े पिस्तौल की नोंक पर 50 हजार रुपए लूटे
घरौंडा :7 फरवरी-प्रवीण कौशिक

पिचौलिया निवासी सतपाल व रामपाल पुत्र दया सिंह बाइक पर सवार होकर बुधवार को लगभग साढ़े पांच बजे अपने गांव लौट रहे थे। गांव फुरलक रोड पर रजवाहे के पास फुरलक गांव की ओर से बाइक पर सवार होकर आए दो युवकों ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे वे सड़क पर जा गिरे। एक बदमाश ने सतपाल की कनपटी पर रिवोल्वर तान दी, तो दूसरे ने उसके मुंह पर वार किया। दोनों भाईयों के साथ मारपीट करते हुए बदमाशों ने सतपाल से 50 हजार रुपए की नकदी लूट ली और मौके से फरार हो गए। दिन दिहाड़े हुई इस वारदात से इलाके में हड़कंप मच गया और घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस व सीआईए की टीम मौके पर पहुंच गई।
रामपाल ने बताया कि उसके भाई सतपाल की लड़की की 18 फरवरी को शादी है और वे करनाल से शगुन का सामान खरीदकर गांव कैमला में देकर अपने घर लौट रहे थे। उनके पास लगभग 60 हजार रुपए की राशि थी। उनकी एक जेब में 50 हजार, जबकि दूसरी जेब में 10 हजार रुपए थे। गगसीना की ओर से एक बाईक पर सवार होकर दो युवक घरौंडा की ओर आ रहे थे। फुरलक के पास उन्होंने उनकी बाइक को सीधी टक्कर मारी और पिस्तौल निकालकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। बदमाश उनसे 50 हजार की राशि लूटकर फरार हो गए।
लूटपाट की घटना से लोगों में रोष।
फुरलक रोड पर बाइक पर सवार दो सगे भाईयों के साथ मारपीट व लूटपाट की घटना से लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए। अगर इसी प्रकार बदमाश घटनाओं को अंजाम देकर फरार होते रहे तो लोगों में कानून व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा।
शहर में बढ़ा अपराध का ग्राफ।

सतबीर सिंह, सब इंस्पेक्टर, घरौंडा।
फुरलक रोड पर दो भाईयों से 50 हजार रुपए की लूट की सूचना मिली है। शिकायत कर्ता से मोटरसाइकिल का एक नम्बर मिला है। जिसकी पड़ताल की जाएगी। जिसके आधार पर छानबीन की जा रही है। -
Monday, 5 February 2018
वार्ड 4 में पुरानी तहसील हुआ खंडर बना असामाजिक तत्वों का गढ़, गंदगी का लगा यह अम्बार,
वार्ड 4 में पुरानी तहसील हुआ खंडर बना असामाजिक तत्वों का गढ़, गंदगी का लगा यह
अम्बार, कालोनीवासी परेशान।.चेयरमैन का वार्ड आया चर्चा में।
चिराग तले अँधेरा
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
एक तरफ घरौंडा को स्वच्छता के तहत नगरपालिका प्रधान नम्बर एक पर लाने का दम भरते नज़र आते है। और घरौंडा को पेरिस में तब्दील करने की बाते अक्सर करते है। मगर हैरानगी है की उन्होंने अपने ही वार्ड में फ़ैल रही गंदगी और बजाज कालोनी वासियों की समस्या की और से मुँह फेरा हुआ है। कई बार अवगत कराने पर भी कार्यवाही शून्य रही।
घरौंडा के एक सामाजिक कार्यकर्ता आत्मजीत मान ने सोशल मिडिया पर जारी एक वीडियो में इस समस्या को उजाकर कर
प्रशासन का ध्यान इस और खींचा है।देखना रहेगा की प्रशासन की आँखे खुलती है।या नहीं। मान का कहना है कि क्या प्रशासन सफाई के प्रति पूरी तरह सजग है। या सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जा रही है।
यहां सवाल पैदा होता है कि क्या घरौंडा सही मायने में नम्बर एक की और बढ रहा है।या जुमलों में ही है।या नेताओं को दिखाया कुछ और ही जाता है।पर हकीकत कुछ और ही है। ये चर्चा में है।।
जहां कभी सारा क्षेत्र तहसील में कार्यों के लिए पहुंचता था। जहां रहती थी चहल पहल। आज वो भवन खंडर नुमा होकर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन कर रह गया है। साथ ही इसमें फैली गंदगी आसपास के लोगो के भयंकर बीमारियों को न्योता दे रही है। हैरानी है ये भवन उस वार्ड में है जिसके पार्षद आज नगरपालिका में प्रधान पद पर है। और स्वच्छता पर पूरा ध्यान रखकर घरौंडा को पहले नम्बर पर लाने के प्रयास में जुटे है।और घरौंडा को पेरिस बनाने का सपना सँजोये है।उनकी ही नाक तले वार्ड के वासी इस गंदगी से परेशान है। क्या कहा जा सकता है इसे * चिराग तले अँधेरा*।
सामाजिक संस्थाओं ह्यूमन राइट्स एंड एंटी क्रप्शन फ्रंट, समाज कल्याण क्लब ने प्रधान नगरपालिका से आग्रह किया है कि इस और जल्द ध्यान दे।
Saturday, 3 February 2018
विधायक की बुजुर्ग मां ने सीएम को आशीर्वाद देते हुए कहा कि बेटा सी.एम., सदा जिंदा रहो,
कुटेल : प्रवीण कौशिक

बाद में प्रदेश मुख्यमंत्री ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना। बाद में सीएम विधायक हरविंद्र कल्याण के परिजनों से मिलने पहुंचें और एक-एक करके परिवार के सभी सदस्यों से मिले। साथ ही उन्होंने हरविंद्र कल्याण की माता सोना देवी व प्रेमकोर से आशीर्वाद लियाऔर उनको हरियाणवी भाष में बातचीत की और उन्होंने सीएम को लंबी आयु का आशीर्वाददिया और कहा कि उसके बेटे हरविंद्र कल्याण को अपने साथ रखना। सीएम ने विधायककी भतीजी गरिमा को सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। विधायक हरविंद्र कल्याण नेबताया कि सीएम मनोहरलाल उनकी भतीजी गरिमा की शादी में आशीर्वाद देने के लिए पहुंचें थे। इस मौके पर परिवार के साथ-साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का हाल चाल भी जाना। उन्होंने कहा कि सीएम इस क्षेत्र से काफी जुड़े हुए है।
इसलिए उन्होंने सरपंचों से गांव के लोगों के बारे में भी जानकारी हासिल की।*
*फिर तोड़ा मिथक-*
* सीएम ने मधुबन अकादमी में सीएम आने की बात को एक बार फिर मिथ्या साबित करने के लिए उन्होंने अपना हेलीकोप्टर मधुबन अकादमी में उतारा। बाद में गाड़ी में सवार होकर हल्का विधायक की भतीजी की शादी में पहुंचें। मधुबन में सीएम का हेलीकोप्टर उतरना शादी में चर्चा का विषय बना रहा। जब पत्रकारों ने हल्का विधायक से इस प्रकार का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अंधविश्वास को खत्म करना जरूरी होता है। इसलिए सीएम दूसरी बार मधुबन अकादमी में पहुंचें है। *
*सीएम ने दिया रैली का न्यौता-*
* विधायक हरविंद्र कल्याण की भतीजी गरिमा की शादी में पहुंचें सीएम ने बीजेपी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को जींद में आयोजित बाइक रैली मे
पहुंचनें का न्यौता दिया और कहा कि रैली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता अनुशासन में रैली में पहुंचें। किसी प्रकार से यातायात नियमों का उल्लंघन होना चाहिए। *

Thursday, 1 February 2018
दिग्विजय सिंह चौटाला -बीजेपी ने गाय व गीता का राजनीतिककरण बाजारों में बेचने का काम कर रहीं है।
घरौडा: प्रवीण कौशिक


इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अपराधियों के साथ मिलकर काम कर रही है। पुलिस को प्रदेश मुख्यमंत्री कोई डर नही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अधिकारियों के इशारे पर सरकार चला रहे है। जिस कारण आज प्रदेश में अधिकारियों व पुलिस का पूरा बोलबाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन रिर्पोट लागू करने का वायदा किया ,लेकिन आज तक इस पर सरकार कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने वायदा किया था,सरकार बनने के बाद काला धन वापिस लाएंगे और प्रत्येक व्यक्ति के खाते में 15-15 लाख रूपए देने का वायदा किया था,लेकिन जनता को कुछ हासिल नही हुआ।
इस अवसर पर पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान,रजनीश धनखड,अजमेर राणा,रामबीर घनघस,अनिल राणा,गौरव राणा,सोनू संधू ,आकाश राणा,साहब राणा,रणजीत बैनीवाल,जादू जुनेजा,अकुंश शर्मा,सुमित संधू,कपिल संधू,निटू राणा,सोनू फोर रिंकू रोड आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कब्जे को हटाने पहुंचा प्रशासनिक अमला बेरंग लौट गया।
ददलाना, राजपाल प्रेमी
बालजाटान गांव में दल बल के साथ पंचायत की मलकीयत पर हुए कब्जे को हटाने पहुंचा प्रशासनिक अमला बेरंग लौट गया।
ग्रामीणों को यह समझ में नही आया कि आखिर क्यों तो दल बल के साथ अधिकारी गांव में आए थे और क्यों बिना कार्रवाई किए वापिस लौट गए। प्रशासनिक की इस ढुलमुल कार्रवाई से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। गांव के लोग पानीपत उपायुक्त से मिलें और पूरे मामले की शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कब्जा कार्रवाई को लेकर मौके पर पहुंचें अधिकारियों के खिलाफ आलाधिकारियों को शिकायत करेंगे।
गांव बाल जाटान निवासी सूरजमल राठी, धर्मबीर राठी, सोहन लाल, अनिल, देवेन्द्र व अन्य ने बताया कि गुरूवार की सुबह नायब तहसीलदार जयसिंह व एससीपीओ अजीत सिंह भारी पुलिस बल व जेसीबी मशीन लेकर ग्राम पंचायत की मलकीयत की भूमि पर हुए कब्जों को हटवाने के लिए पहुंचें थे। सूरजमल राठी ने बताया कि कुछ देर चहल कदमी करने के बाद अधिकारी बिना कार्रवाई किए गांव से वापिस लौट गए। जब अधिकारियों से ग्रामीणों ने पूछा कि कोई कार्रवाई क्यों नही की गई, तो अधिकारियों ने एक ही जवाब दिया कि मकान बने हुए है, जिन्हें हम नही गिरा सकते।
तो फिर डीसी ने क्यों भेजे थे-
ग्रामीण सूरजमल राठी ने बताया कि ग्राम पंचायत की ओर से कब्जों को हटाने के लिए कार्रवाई की गई थी। जिसके तहत 24/1 व 24/2 के तहत नोटिस जारी किए गए थे। इसके बाद डीसी पानीपत की ओर से ग्राम पंचायत की मलकीयत पर हुए कब्जों को हटवाने के लिए बकायदा मतलौडा नायब तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। कब्जा हटवाने के दौरान किसी तरह की कोई दिक्कत न आए, इसके लिए पुलिस बल तैनात किया गया था। बावजूद इसके, कोई कार्रवाई आखिर क्यों नही हुई। ग्रामीणों ने सवाल किया तो फिर इतने भारी भरकम अमले जमले को डीसी साहब ने गांव में किस लिए भेजा था। अधिकारियों की ओर से कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर गुस्साएं ग्रामीण पानीपत डीसी दरबार में पहुंचें और पूरे मामले की शिकायत की।
वर्जन-
जिस जगह कब्जा हटाना था, वहां पर मकान बना हुआ है। इसे गिराने के आदेश कोर्ट से ही मिलते है। इसी कारण प्रशासन वापिस आ गया। -जयसिंह, नायब तहसीलदार, मतलौडा
फोटो केप्शन-गांव बालजाटान में कब्जा कार्रवाई के लिए पहुंचें प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस
रैली प्रदेश की सभी रैलियों से रिकार्ड तोड़ रैली साबित होगी।-कल्याण
जींद में 15 फरवरी को आयोजित बीजेपी की रैली के लिए कार्यकर्ताओं की जिम्मेवारी सौंपने के लिए हलका विधायक व हेफैड के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण ने बरसत व घरौंडा मंडल के पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस रैली को उत्सव के रूप में मनाएगी है। इसलिए सभी कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी पर जुट जाए। रैली प्रदेश की सभी रैलियों से रिकार्ड तोड़ रैली साबित होगी।
वीरवार को हलका विधायक हरविंद्र कल्याण अग्रवाल धर्मशाला में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बूथ स्तर से कम से कम पांच बाइक लेकर कार्यकर्ता रैली में पहुंचे। सभी कार्यकर्ता पूरे कागजातों,हैलमेट और अनुशासन के साथ रैली में पहुंचे। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी को नई अनाज मंडी में सभी कार्यकर्ता एकत्रित होकर अपनी-अपनी बाइकों पर सवार होकर देश भक्ति के गीतों के साथ रैली में रवाना होंगे। विधायक कल्याण ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने अपने शासनकाल में हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाए शुरू की है। प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में एक समान विकास कार्यो करवा रहीं है। उन्होंने कहा कि जींद की रैली एक ऐतिहासिक रैली साबित होगी और पूरे प्रदेश से लाखों की संख्या में लोग पहुंचेगे। प्रदेश की जनता में रैली को लेकर भारी उत्साह नजर आ रहा है। जिससे साफ जाहिर की प्रदेश में सभी रैलियों से रिकार्ड तोड़ रैली होगी। रैली को लेकर सरंपचों,नगर पार्षदों,मंडल के सभी पदाधिकारियों की जिम्मेवारी सौंपी।
इस अवसर पर बीजेपी के प्रचारक राजेंद्र सिंह, नपा चेयरमैन सुभाष गुप्ता, मंडल प्रधान रविंद्र त्यागी, मार्किट कमेटी के उपचेयरमैन सुरेंद्र जैन, सरपंच एसोसिएशन के प्रधान अमर सिंह, सरपंच महेंद्र ङ्क्षसह अराईपूरा, सरपंच शोकिन आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खोला अपने बजट का पिटारा –
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खोला अपने बजट का पिटारा –
नई दिल्ली -विशेष प्रतिनिधि
वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट आज पेश करने जा रहे हैं. अगले साल आम चुनावों से पहले इस बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. आम लोगों और उद्योग जगत ने बजट से कई उम्मीदें पाल रखी हैं. 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद सरकार पहला बजट पेश करने जा रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि बजट में अरुण जेटली लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं. 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है, उन्होंने देश को भरोसा दिलाया कि खेती की नीति के तहत साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करनी है.
आइये जानते है बजट की कुछ खास बाते-
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में बजट पेश किया. कहा गरीबी दूर करके मजबूत भारत बनाएंगे.
-गरीबों के लिए 50 लाख नए घर बनाए जाएंगे.
– हमारा फोकस गांवों के विकास पर होगा. लोगों के जीवन में सरकारी दखल कम हो रहा है.
– देश के आम नागरिक के जीवन को आसान बनाया जा रहा है. वहीं विदेशी निवेश में भी बढ़ोत्तरी हुई है.
– अर्थव्यवस्था पटरी पर है. भारत जल्द दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.
– जीएसटी के बाद टैक्स कलेक्शन बढ़ा है, बाजार में कैश का प्रचलन कम हुआ है. वित्त मंत्री अरुण जेटली
1- सीमा पर सड़के बनाने पर जोर दिया जाएगा. धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए हेरिटेज सिटी योजना बनाई गई है. स्मार्ट सिटी के लिए 99 शहर चुने गए हैं. 100 स्मारकों को आदर्श बनाया जाएगा.
2-डिजिटल माध्यम से शिक्षकों को नई ट्रेनिंग दी जाएगी.
3-नए कर्मचारियों के ईपीएफ में सरकार 12 फीसदी योगदान देगी. सरकार ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके बनाना चाहती है. इसके लिए 70 लाख नई नौकरियां पैदा करेंगे.
4- व्यापार शुरू करने के लिए मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा. छोटे उद्योगों के लिए 3794 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकार ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके बनाना चाहती है.
5- 5 करोड़ गरीब घरों में बिजली कनेक्श्न दिए जाएंगे.
6- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत 1 परिवार को सालाना 5 लाख रुपये दिए जाएंगे. 10 करोड़ गरीब परिवारों को इसका फायदा होगा और मेडिकल खर्च मिलेगा. हेल्थ वेलनेस केंद्र बनाने के लिए 1200 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा. 50 करोड़ लोगों को हेल्थ बीमा मिलेगा. देश की 40 फीसदी आबादी को हेल्थ बीमा मिलेगा. 24 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. 5 लाख स्वास्थ्य सेंटर खोले जाएंगे. टीबी मरीज को हर महीने 500 रुपये की मदद दी जाएगी.
7- 8 करोड़ गरीब महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाएंगे.
8- शिक्षा को लेकर सरकार बड़ा काम करेगी. बच्चों को स्कूल तक पहुंचाना बड़ा लक्ष्य होगा. प्री-नर्सरी से 12वीं तक पढ़ाई के लिए एक नीति होगी. अब तक प्राथमिक, मध्य, उच्च के लिए अलग-अलग नीति होती है. आदिवासियों के लिए बड़ा एलान किया गया है और इनके लिए एकलव्य विद्यालय बनाए जाएंगे.
9- दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए स्कीम, पराली के धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए स्कीम लाई जाएगी.
10- अब तक 6 करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं और 2 करोड़ शौचालय और बनाए जाएंगे.
11: 2022 तक हर गरीब को घर दिए जाएंगे. पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को घर दिए जाएंगे.
12- खेती के कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे. जिससे किसान का कर्ज लेना आसान होगा|
13- 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे. किसान पशुपालक कार्ड किसानों को भी मिलेगा. 1290 करोड़ रुपये की मदद से बांस मिशन चलाया जाएगा. आलू, टमाटर प्याज के लिए 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. बांस को वन क्षेत्र से अलग किया. 2 नए फंड पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाने का प्रस्ताव किया है.
14- सरकार ने पासपोर्ट नियम आसान किए हैैं और अब 2-3 दिनों में पासपोर्ट सुविधा उपलब्ध होगी |
15- नया ग्रामीण बाजार ई-नैम बनाया जा रहा है. 2 हजार करोड़ की लागत से कृषि बाजार बनाया जाएगा.
16- अनाज का उत्पादन बढ़कर 217.5 टन हो गया है और किसान, गरीबों की आय बढ़ी है. फलों का उत्पादन 30 टन हुआ है. खरीफ का समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से डेढ़ गुना हुआ है. किसानों को पूरा एमएसपी देने की कोशिश है.
17- खेती की नीति के तहत साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करनी है.
18-: हमारी सरकार ने स्टेंट की कीमत कम की है. देश में किसानों के फोकस गांवों के विकास पर होगा.
19- एयरपोर्ट की संख्या 5 गुना करेंगे अभी 124 एयरपोर्ट से फ्लाइट उड़ी हैं. एयरपोर्ट पर सुविधाओं बेहतर की जाएंगी.
20- रेल पर 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पटरी, गेज बदलने जैसे काम पर खर्च किए जाएंगे. पूरा रेल नेटवर्क ब्रॉड गेज बनाया जाएगा. सुरक्षा वॉर्निग सिस्टम पर जोर होगा. 600 स्टेशनों को आधुनिक बनाया जाएगा. मुंबई में लोकल रेल नेटवर्क के लिए खास योजना के तहत मुंबई लोकल का दायरा बढ़ाया जाएगा. मुंबई में 90 किलोमीटर पटरी का विस्तार होगा. माल ढुलाई के लिए 12 वैगन बनाएंगे. स्टेशनों पर वाई-फाई, सीसीटीवी लगाए जाएंगे.
21 -राष्ट्रपति, राज्यपाल का वेतन बढ़ेगा, राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपये होगा और उप-राष्ट्रपति का वेतन 4 लाख होगा. राज्यपाल का वेतन 3 लाख रुपये होगा. सांसदों के वेतन हर साल में बढ़ेंगे और सांसदों के भत्तों में इजाफा होगा.
रोजगार-
इस साल 70 लाख नौकरियों का लक्ष्य
50 लाख युवाओं को नौकरी के लिए ट्रेनिंग देगी सरकार
रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
व्यापार शुरू करने के लिए सरकार 3 लाख करोड़ का फंड देगी
मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये ऋण देने का लक्ष्य
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