बाहरवीं क्लास की छात्रा को स्कूल से निकालने के मामले में अभिभावक एकता मंच व पार्थ पब्लिक स्कूल के बीच पिछले चार दिनों से चला आ रहा विवाद मंच की सभी मांगे मान लेने के बाद समाप्त हो गया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष पवन जैन के निवास पर दोनों पक्षों की करीब तीन घंटे तक हुई बैठक के बाद स्कूल प्रशासन ने अभिभावक संघ की सभी मांगों को मानते हुए पीड़ित छात्रा को कल से ही स्कूल में भेजने की बात कही है। इतना ही नहीं बैठक में पहुंचे स्कूल प्रशासन ने ये भी माना की कोरोना के चलते जिन अभिभावकों के पास अभी स्कूल की बकाया पूरी फ़ीस देने की सामर्थता नहीं है वो लिखित में स्कूल को दे उसकी फ़ीस उसी हिसाब से एडजेस्ट कर ली जाएगी। भविष्य में किसी भी बच्चे को फ़ीस या अन्य कारणों से स्कूल में प्रताड़ित नहीं किया जायेगा।
बता दे कि पार्थ पब्लिक स्कूल में बीते बीरवार को बाहरवीं क्लाश की एक छात्रा को स्कूल से इस लिए निकाल दिया था की उसके पैरंट्स कोरोना के चलते बच्ची की पिछले एक साल की फ़ीस नहीं जमा करवा पाए थे। स्कूल प्रशासन ने बच्ची को न सिर्फ क्लाश में अन्य बच्चो के सामने खड़ा कर बेज्जत किया बल्कि स्कूल से भी निकाल दिया था।गुस्साए मंच के सदस्यों ने स्कूल गेट के सामने धरना प्रदर्शन कर प्रशासन से स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन प्रशासन की और से कोई कार्यवाही न होते देख मंच ने स्कूल को सोमवार तक का एल्टीमेटम दिया था। जिसके चलते आज रविवार को ही स्कूल प्रशासन और मंच के सदस्यों की एक गुप्त बैठक पवन जैन के निवास पर हुई। बैठक करीब तीन घंटे तक चली।
बैठक के बाद मंच पदाधिकारी अनिल कादियान ,रवि गुलाटी, महिंद्र सोनी ,हरि , मुनीष गुप्ता ,नविन कुमार , राजीव कुमार ने बताया की मीटिंग में स्कूल प्रशासन ने मंच की ओर से रखी सभी मांगे जो बच्चो व् अभिभावकों के हकों की मंच की और से रखी गयी थी। स्कूल प्रशासन ने मान ली है।
स्कूल प्रशासन ने आश्वस्त किया की मंच की ओर से रखे मुद्दों के बारे भविष्य में किसी भी अभिभावक या बच्चे को प्रताड़ित नहीं किया जायेगा। साथ ही मंच ने अन्य स्कूलों प्रबंधको से भी आग्रह किया की वे अपने स्कूल के बच्चो की समस्याओं को उनके अभिभावकों के साथ मील बैठ कर आपस में ही सुलझाने का प्रयास करें। ताकि किसी भी बच्चे का भविष्य खराब न हो।
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