हरियाणा राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुशील जैन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि सरकार ने हाल ही में जो मार्किट फीस में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि की है उस पर पुनर्विचार करके तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाएगा। जैन ने कहा कि गत एक वर्ष से किसान आंदोलन और कोरोना महामारी के कारण व्यापक स्तर पर असर पडा। इसके प्रतिकूल प्रभाव से व्यापारी पहले ही बड़ी मुश्किल से अपने व्यापार को चला पा रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने मार्किट फीस में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि करके व्यापारियों की कमर तोडऩे का काम किया है। उन्होंने इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि बासमती पर एच.आर.डी.एफ. में वृद्धि न की जाए, ऐसा करने से व्यापार प्रभावित होगा। जैन ने ग्राफ के जरिये मुख्यमंत्री को समझाने का प्रयास किया है कि जब देश में वन टैक्स वन नेशन लागू है ऐसे में अगर अलग-अलग राज्यों में सरकारें धान पर अपनी मनमर्जी से टैक्स में वृद्धि करेंगे तो ऐसे में इसका प्रभाव एक्सपोर्ट पर पड़ेगा। पूरे देश का 35 प्रतिशत धान का उत्पादन हरियाणा में होता है। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे ज्यादा टैक्स हरियाणा में वसूला जा रहा है। प्रदेश में कच्ची दामी अढाई प्रतिशत, मार्किट लेबर एक प्रतिशत, मार्किट फीस दो प्रतिशत और आरडीएफ आधा प्रतिशत है। जबकि यह टैक्स कुल छह प्रतिशत बनता है। इसकी तुलना में पंजाब में पांच प्रतिशत, उत्तरप्रदेश, दिल्ली व उत्तराखंड साढ़े तीन प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 2.45 प्रतिशत और दिल्ली-राजस्थान में 4.10 प्रतिशत चार्ज किया जाता है। अगर उक्त टैक्स का आंकलन करें तो हरियाणा में सबसे अधिक टैक्स वसूला जा रहा है। 22 जून 2021 को हरियाणा सरकार ने पत्र क्रमांक संख्या एच.एस.ए.एम.बी/एम.ई.जे.ए.-2021/
प्रदेश की लोंगो की बना पसंद -घरौंडा दर्पण समाचार पत्र -- मुख्य संपादक - डॉ.प्रवीण कौशिक
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Wednesday, 4 August 2021
मार्किट फीस में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि पर पुनर्विचार कर तत्काल प्रभाव से वापिस ले सरकार: सुशील जैन
घरौंडा: डॉ प्रवीण कौशिक
हरियाणा राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुशील जैन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि सरकार ने हाल ही में जो मार्किट फीस में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि की है उस पर पुनर्विचार करके तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाएगा। जैन ने कहा कि गत एक वर्ष से किसान आंदोलन और कोरोना महामारी के कारण व्यापक स्तर पर असर पडा। इसके प्रतिकूल प्रभाव से व्यापारी पहले ही बड़ी मुश्किल से अपने व्यापार को चला पा रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने मार्किट फीस में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि करके व्यापारियों की कमर तोडऩे का काम किया है। उन्होंने इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि बासमती पर एच.आर.डी.एफ. में वृद्धि न की जाए, ऐसा करने से व्यापार प्रभावित होगा। जैन ने ग्राफ के जरिये मुख्यमंत्री को समझाने का प्रयास किया है कि जब देश में वन टैक्स वन नेशन लागू है ऐसे में अगर अलग-अलग राज्यों में सरकारें धान पर अपनी मनमर्जी से टैक्स में वृद्धि करेंगे तो ऐसे में इसका प्रभाव एक्सपोर्ट पर पड़ेगा। पूरे देश का 35 प्रतिशत धान का उत्पादन हरियाणा में होता है। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे ज्यादा टैक्स हरियाणा में वसूला जा रहा है। प्रदेश में कच्ची दामी अढाई प्रतिशत, मार्किट लेबर एक प्रतिशत, मार्किट फीस दो प्रतिशत और आरडीएफ आधा प्रतिशत है। जबकि यह टैक्स कुल छह प्रतिशत बनता है। इसकी तुलना में पंजाब में पांच प्रतिशत, उत्तरप्रदेश, दिल्ली व उत्तराखंड साढ़े तीन प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 2.45 प्रतिशत और दिल्ली-राजस्थान में 4.10 प्रतिशत चार्ज किया जाता है। अगर उक्त टैक्स का आंकलन करें तो हरियाणा में सबसे अधिक टैक्स वसूला जा रहा है। 22 जून 2021 को हरियाणा सरकार ने पत्र क्रमांक संख्या एच.एस.ए.एम.बी/एम.ई.जे.ए.-2021/4291 के तहत बासमती पर आधा प्रतिशत टैक्स बढ़ाकर दो प्रतिशत कर दिया गया, जो कि गलत है। सरकार को इस पर गहनता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश से इस समय करीब 10 हजार रुपए का चावल निर्यात किया जा रहा है। ऐसे में अगर राज्य सरकार बासमती धान पर बड़ी हुई फीस वापिस नहीं ली तो उसका चावल निर्यात पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मार्किट फीस को दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया जाए और एच.आर.डी.एफ में वृद्धि ना की जाए।
हरियाणा राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुशील जैन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि सरकार ने हाल ही में जो मार्किट फीस में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि की है उस पर पुनर्विचार करके तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाएगा। जैन ने कहा कि गत एक वर्ष से किसान आंदोलन और कोरोना महामारी के कारण व्यापक स्तर पर असर पडा। इसके प्रतिकूल प्रभाव से व्यापारी पहले ही बड़ी मुश्किल से अपने व्यापार को चला पा रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने मार्किट फीस में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि करके व्यापारियों की कमर तोडऩे का काम किया है। उन्होंने इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि बासमती पर एच.आर.डी.एफ. में वृद्धि न की जाए, ऐसा करने से व्यापार प्रभावित होगा। जैन ने ग्राफ के जरिये मुख्यमंत्री को समझाने का प्रयास किया है कि जब देश में वन टैक्स वन नेशन लागू है ऐसे में अगर अलग-अलग राज्यों में सरकारें धान पर अपनी मनमर्जी से टैक्स में वृद्धि करेंगे तो ऐसे में इसका प्रभाव एक्सपोर्ट पर पड़ेगा। पूरे देश का 35 प्रतिशत धान का उत्पादन हरियाणा में होता है। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे ज्यादा टैक्स हरियाणा में वसूला जा रहा है। प्रदेश में कच्ची दामी अढाई प्रतिशत, मार्किट लेबर एक प्रतिशत, मार्किट फीस दो प्रतिशत और आरडीएफ आधा प्रतिशत है। जबकि यह टैक्स कुल छह प्रतिशत बनता है। इसकी तुलना में पंजाब में पांच प्रतिशत, उत्तरप्रदेश, दिल्ली व उत्तराखंड साढ़े तीन प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 2.45 प्रतिशत और दिल्ली-राजस्थान में 4.10 प्रतिशत चार्ज किया जाता है। अगर उक्त टैक्स का आंकलन करें तो हरियाणा में सबसे अधिक टैक्स वसूला जा रहा है। 22 जून 2021 को हरियाणा सरकार ने पत्र क्रमांक संख्या एच.एस.ए.एम.बी/एम.ई.जे.ए.-2021/
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