एक तरफ शिक्षक दिवस मनाने की तैयारी तो दूसरी तरफ छात्र कई दिनों से गन्दे व बदबूदार पानी से निकलने को मज़बूर।
सरपंच ने ग्रांट न होने की आड़ में खड़े किये हाथ।
खण्ड के गांव गढ़ी भरल के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के छात्रों का दो महीना से गन्दे पानी मे से गुजर कर जाना और छुट्टी होने के बाद वहां से आना बेहद चिंता का विषय बन गया है।
मिली जानकारी के अनुसार आज छुट्टी के समय एक सामाजिक संस्था ने देखा की छात्रा समीना, रक्षा ,सोनिया पूजा अपने हाथ में चप्पलों जूतों को लेकर जैसे ही स्कूल के गेट से मोजूद इस गन्दे पानी से गुजरने लगी तो जोर जोर से प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी भी कर रही थी ।
छात्राओं का कहना रहा की हमारे पैरों में इस पानी से आते जाते खुजली लगनी शुरु हो गई है हम बीमार पड़ गए है कई बार हमारी किताबें इस पानी में गिरने से खराब हो गई है।
वहां मौजूद पंचायत के सदस्य बिलाल और परवेज का कहना है दो महीना से यह पानी स्कूल के गेट से शुरू होकर आगे लगभग 500 फुट तक खड़ा है ।जिससे छात्रों को पानी में से ही चलकर पढ़ाई करने के लिये ही आना जाना पडता है ।गांव के सरपंच के सामने कई बार गिड़गिड़ा गया है, पर ग्रांट न मिलने के कारण सरपंच हाथ खड़े कर देता है ।
आज जैसे ही छुट्टी हुई कई छात्र छात्राओं के मां बाप अपने बच्चों को लेने के लिए मोटरसाइकिल लेकर वहां खड़े थे।
वहां मौजूद तालीम गुर्जर, शकील, माजिद, सुनील ,संजय ने प्रशासन को चेतावनी भरे लहजे में कहा की
अगर इसका तुरंत समाधान नहीं किया गया तो स्कुल को ताला लगा दिया जाएगा और स्कूल के गेट के सामने खड़े इस गंदे पानी को टंकियों में भरकर घरौंडा बीडीपीओ के ऑफिस ले जाकर गिफ्ट के रूप में देंगे ।
इस मौके पर मौजूद एक सामाजिक संस्था के हरियाणा अध्यक्ष का कहना है की यह कैसी विडंबना है एक तरफ आज इसी स्कूल के हेडमास्टर रमेश पनोडी व अन्य हल्के के स्कूल में पढ़ाने वाले मास्टरो के साथ मीटिंग करके शिक्षक दिवस मनाने की तैयारी कर रहे हैं और दूसरी तरफ गांव गढी भरल की छात्र छात्राएं स्कूल में जाने के लिए इस गंदे पानी से छुटकारा पाने के लिए रास्ता मांग रही है।
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