घरौंडा : प्रवीण कौशिक/पवन अग्रवाल/गुरदीप रंगा
ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी साजिश का शिकार हुए कल्हेड़ी गांव के विशाल जूड की रिहाई को लेकर प्रदर्शन शुरू हो चुके है। कल्हेड़ी गांव के युवाओं ने खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और शहर में रोष मार्च निकालते हुए विशाल की रिहाई को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के नाम एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विशाल जुुुड़
ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी साजिश का शिकार हुए कल्हेड़ी गांव के विशाल जूड की रिहाई को लेकर प्रदर्शन शुरू हो चुके है। कल्हेड़ी गांव के युवाओं ने खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और शहर में रोष मार्च निकालते हुए विशाल की रिहाई को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के नाम एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विशाल जुुुड़
देश का गौरव और तिरंगें का मान बढ़ाने के लिए आवाज उठाई लेकिन खालिस्तानियों ने उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की और करीब तीन माह से विशाल ऑस्ट्रेलिया की जेल में बंद है। यदि जल्द से जल्द उसकी रिहाई नहीं हुई तो आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे कल्हेड़ी गांव के सैंकड़ों युवा स्थानीय हर्बल पार्क में एकत्रित हुए। करीब आधा घंटे तक युवाओं ने पार्क में ही खालिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद युवाओं ने शहर के मुख्य मार्गो से रोष मार्च निकाला। प्रदर्शन हर्बल पार्क से शुरू हुआ और रेलवे रोड, मंडी मनीराम, तकिया बाजार, एसडी मंदिर चौक, मेन बाजार व दिल्ली चुंगी से होता हुआ एसडीएम कार्यालय में पहुंचा। जहां एसडीएम की गैर मौजूदगी में कार्यालय सुपरीटेंडेंट नरेंद्र कुमार को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, हरियाणा मुख्यमंत्री, विदेश मंत्रालय व गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। विशाल जूद के भाई रवि जूद, ग्रामीण सुल्तान, सरपंच प्रतिनिधि कश्मीरी लाल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जहां पर देश के तिरंगे का अपमान किया जा रहा था। विशाल ने इसका विरोध किया। खालिस्तानियों ने उसके साथ मारपीट भी की और साजिश के तहत उसे जेल में बंद करवा दिया। करीब तीन माह का समय बीत चुका है, वह जेल में ही बंद है। उन्होंने अपने स्तर पर विशाल की रिहाई की मांग भी उठाई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। लिहाजा, विशाल की रिहाई के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर है ताकि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचें।
सर्विस स्टेशन पर मैनेजर था विशाल
विशाल के भाई रवि का कहना है कि वे मूल रूप से कल्हेड़ी गांव के रहने वाले है। विशाल 2017 में स्टडी बेस वीजा पर आस्ट्रेलिया में गया था और करीब पांच साल से ऑस्ट्रेलिया में है। विशाल एक सर्विस स्टेशन पर मैनेजर का काम करता था। उसने देश के मान सम्मान के लिए आवाज उठाई थी। सरकार को उसकी रिहाई के लिए प्रयास करना चाहिए और इस मामले को फास्टे्रक कोर्ट में भेजा जाए, ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
सर्विस स्टेशन पर मैनेजर था विशाल
विशाल के भाई रवि का कहना है कि वे मूल रूप से कल्हेड़ी गांव के रहने वाले है। विशाल 2017 में स्टडी बेस वीजा पर आस्ट्रेलिया में गया था और करीब पांच साल से ऑस्ट्रेलिया में है। विशाल एक सर्विस स्टेशन पर मैनेजर का काम करता था। उसने देश के मान सम्मान के लिए आवाज उठाई थी। सरकार को उसकी रिहाई के लिए प्रयास करना चाहिए और इस मामले को फास्टे्रक कोर्ट में भेजा जाए, ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
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