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Wednesday, 3 March 2021

घरौंडा न्यूज़। 03032021 👉रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी बाइक चोरी, पुलिस ने किया मामला दर्ज. 👉घरेलू सिलेंडरों का व्यवसायिक तौर पर हो रहा इस्तेमाल, प्रशासन की निष्क्रियता का फायदा उठा रहे दुकानदार, प्रशासन की तरफ से नहीं लिया जाता कोई एक्शन.. 👉प्रदेश की तहसीलों में गोस्वामी जाति को जारी किए जा रहे ओबीसी के सर्टिफिकेट, केंद्र में ओबीसी नहीं बल्कि सामान्य श्रेणी का मिला है दर्जा

घरौंडा :प्रवीण कौशिक
रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी मोटरसाईकिल चोरी होने का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर चोरी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
बुधवार को हसनपुर निवासी अजमेर सिंह पुत्र पूर्ण सिंह घरौंडा रेलवे स्टेशन के बाहर अपनी स्पलेंडर बाइक खड़ी करके किसी काम के लिए स्टेशन के अंदर गया था। जब वह अपना काम निपटाकर बाहर आया तो बाइक वहां पर नहीं मिली। उसने बाइक को काफी ढूंढा लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद बाइक चालक ने मामले की शिकायत पुलिस को की। जांच अधिकारी सतबीर सिंह ने बताया कि बाइक चोरी होने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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घरौंडा : प्रवीण कौशिक
घरेलू गैस सिलेंडर का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग में किया जा रहा है जो कभी भी किसी बड़े खतरे का कारण बन सकता है। इससे राजस्व की भी भारी क्षति हो रही है, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में अवैध रिफिलिग का कारोबार जोरों पर है। प्रशासन, पुलिस और खाद्य आपूर्ति से लेकर जन वितरण विभाग की नाक के नीचे घरेलू गैस सिलेंडरों से छोटे गैस सिलेंडरों में गैस भरने काम जारी है।
शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में अधिकतर होटल, मिठाई व चाय की दुकानों में घरेलू गैस सिलेंडर का सरेआम इस्तेमाल हो रहा है। इसके बावजूद लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। दूसरी ओर नियम यह है कि इस तरह के प्रतिष्ठानों पर घरेलू गैस की जगह कमर्शियल सिलेंडरों का प्रयोग किया जा सकता है। पिछले कई सालों से घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक कामों में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। कई होटल संचालकों ने व्यावसायिक गैस के कनेक्शन ले रखे हैं। वहां उनकी खपत हर महीने 4 से 5 सिलेंडर की है। मगर वे व्यावसायिक सिलेंडर की बजाए घरेलू सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि कुछ होटल और चाय की दुकान चलाने वालों ने व्यावसायिक सिलेंडर के कनेक्शन लिए हुए हैं। मगर वे भी बड़े सिलेंडरों की बजाए घरेलू गैस सिलेंडरों का प्रयोग कर रहे हैं। यहां दुकानदार भी उपयोग के वक्त सिलेंडरों को छुपाकर रखते हैं, ताकि कोई न देख सके। ऐसे में सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।मुनाफे के चक्कर मे चल रहा अवैध कारोबार-
अवैध रिफिलिग का धंधा गैस चूल्हे व स्पेयर पार्ट बेचने वाली दुकान पर होता है। ऐसे दुकानदारों को गैस एजेंसी से 14.2 किलोग्राम का एक गैस सिलेंडर प्राप्त होता है। जबकि हैंडीगैस में प्रति किग्रा. गैस भरने के लिए 100 से 150 रुपए रुपये वसूले जा रहे हैं। गैस भरवाने वाले ग्राहक को यह पता नहीं होता कि गैस कितनी भरी गई है। जबकि गैस एजेंसी में 5 किग्रा. का गैस सिलेंडर निर्धारित रुपये की धरोहर राशि देकर प्राप्त हो सकता है। इसके पीछे जागरूक करने के लिए प्रशासन या खाद्य आपूर्ति विभाग ने कोई अभियान नहीं चलाया। इससे रिफलिग वालों को हजार रुपये तक मुनाफा होता है। मौजूदा समय में गैस सिलेंडर की कीमत 840 रुपए है यदि कोई दुकानदार इसे ब्लैक में खरीददता है तो उसे 1000 से 1200 रुपए तक देने पड़ते है।
आसानी से सिलेंडर का मिलना है कारण -
खासकर छोटे दुकानदारों को अवैध रिफिलिग के जरिए आसानी से मन मुताबिक गैस मिल जाते है। इसी का नतीजा है कि दुकानों पर घरेलू गैस सिलेंडर देखे जा सकते हैं। शहर में ऐसे कई होटल हैं, जिनमें अवैध रूप से घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। यदि किसी होटल में सिलेंडर फटता है तो बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिस पर खाद्य विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लिहाजा अवैध रूप से बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर में गैस रिफिलिग की जाती है और इन लोगों के हौसले बुलंद हैं।
वर्जन-
घरेलू गैस सिलेंडर का कमर्शियल तौर पर उपयोग नहीं किया जा सकता। यह नियमों के विरूद्ध है। घरेलू गैस सिलेंडर सिर्फ घर में इस्तेमाल के लिए ही होता है। दुकानों व होटलों के लिए कमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। यदि कोई घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहा है तो विभाग की ओर से जांच करवाई जाएगी।
-निशंात राठी, जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग करनाल
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ओबीसी सर्टिफिकेट बना गोस्वामी समाज के गले की फांस, गोस्वामी समाज ने की सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग
घरौंडा :प्रवीण कौशिक
अन्य पिछड़ी जाति वर्ग के प्रमाण-पत्र गोस्वामी समाज के गले की फांस बन गए है। प्रदेश की तहसीलों में गोस्वामी जाति को केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित ओबीसी सर्टिफिकेट तो जारी किए जा रहे है, लेकिन केंद्र में गोस्वामी जाति को ओबीसी में नहीं, बल्कि सामान्य श्रेणी में शामिल किया गया है। जिसका खामियाजा सरकारी नौकरियों में सलेक्ट होने वाले युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। हरियाणा दसनाम गोस्वामी समाज सभा करनाल ने हरियाणा में जारी होने वाले ओबीसी सर्टिफिकेट पर रोक लगाने की मांग की है। इसको लेकर सभा के जिला प्रधान केमपाल गोस्वामी व समाज के लोगों ने उपमंडलाधिकारी डॉ. पूजा भारती को प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंपा है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जब तक गोस्वामी जाति केंद्र में भी ओबीसी वर्ग में शामिल नहीं होती, तब तक गोस्वामी समाज को हरियाणा में केंद्रीय सरकार द्वारा ओबीसी का प्रमाण पत्र जारी न किया जाए।
बुधवार को अखिल भारतीय गोस्वामी समाज से संबंधित हरियाणा दसनाम गोस्वामी समाज सभा के जिला प्रधान केमपाल गोस्वामी, समाज का युवा वर्ग विकास कुमार, रामपाल, रोहित, दीपक, सुमित व अन्य घरौंडा के उपमंडल कार्यालय पहुंचें। समाज के लोगों ने एसडीएम डॉ. पूजा भारती को प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि गोस्वामी समाज को हरियाणा राज्य में बीसी-बी व ओबीसी दोनों श्रेणियों का लाभ मिल रहा है लेकिन केंद्र सरकार की नौकरियों में गोस्वामी जाति समाज को ओबीसी में शामिल न करके सामान्य श्रेणी रखा गया है। जबकि हरियाणा की तहसीलों में केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित ओबीसी के सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे है। ऐसे में यदि कोई युवा केंद्र की नौकरी के लिए सलेक्ट होता है और अपने शैक्षणिक कागजात के साथ गोस्वामी जाति का ओबीसी सर्टिफिकेट पेश करता है तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। नतीजन युवा को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है, जो कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। जिला प्रधान ने सीएम से मांग की है कि हरियाणा में बनाए जा रहे ओबीसी सर्टिफिकेट पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए और यह रोक तब तक लगी रहे, जब तक केंद्र में भी गोस्वामी जाति को ओबीसी में शामिल नहीं किया जाता। वहीं एसडीएम डॉ. पूजा भारती ने समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि उनके ज्ञापन को उपायुक्त कार्यालय में माध्यम से सीएमओ ऑफिस भिजवा दिया जाएगा।


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