दूर परदेसी को भी खींचकर जो लाए अपने द्वार
दोस्तों संग फिर से जीने का मौका दे जो बार बार
ऐसा होता है होली का शुभ त्योहार
रंगों की जो सब पर करें बौछार
खुशियों से जो भर दे घर संसार
हर तरफ फैलाएं जो प्यार ही प्यार
ऐसा होता है होली का शुभ त्योहार
बचपन में जिसका, रहता था बेसब्री से इंतजार
जा जा कर घर दोस्तों के , रंगते थे उनको बार-बार
नए कपड़े पहन कर मिलते थे गले ,हम सब यार
होली साथ अपने लाती है ,भूली बिसरी यादों की सौगात
रहते थे कितने खुश हम ,ना होती थी दुख की कोई बात
जेब खाली रहने पर भी, कम नहीं होती थी अपनी औकात
एक बार फिर, प्यार और भाईचारे वाली होली है आई
इसबार कोरोना से बचाव हेतु, डिजिटल होली खेले हम सब भाई
"रौशन " कहे ,चलो प्यार के रंग में आज सबको रंग डाले
आओ मिलकर नफरत को, हम सब अपने जीवन से निकाले
👉राकेश रौशन
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