पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स अपने स्थापना काल से ही न केवल पेट्रोलियम उत्पादों को बनाने के लिए शोधन कार्य कर रहा है बल्कि देश के उत्तरी राज्यों को निर्बाध पेट्रोलियम पदार्थो की आपूर्ति भी कर रही है । इतना ही नही पानीपत रिफाइनरी आरंभ से ही पर्यावरण संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठा रही है । और पानीपत रिफाइनरी पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सजग प्रहरी के तौर पर कार्य कर रही है । ये बातें रिफाइनरी कार्यकारी निदेशक जी.सी.सिकदर ने एक वार्ता के दौरान कही ।
उन्होंने बताया कि रिफाइनरी प्रबंधन का प्रयास हमेशा यही रहा है कि रिफाइनरी की प्रगति भी हो और पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़ें । पर्यावरण संरक्षण के लिए रिफाइनरी द्वारा समय समय पर पेड़ पौधे लगाए जाते हैं । अभी तक रिफाइनरी लाखों पेड़ लगा चुकी है । पर्यावरण संरक्षण के लिए रिफाइनरी निरंतर नए प्रयास करती रहती है । रिफाइनरी द्वारा इन्ही प्रयासों में कुछ वातावरण अनुकूलित परियोजनाएं लाई गई हैं , जैसे - 2 जी इथेनॉल परियोजना ।
- स्वदेशी तकनीक से बचेगी विदेशी मुद्रा । सिकदर ने बताया कि 2 जी इथेनॉल परियोजना पूरी होने के बाद इसमें कृषि अवशेष अर्थात धान की पराली का प्रयोग होगा । जिससे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी । इस परियोजना में स्वदेशी तकनीक इस्तेमाल करने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी जो कि कच्चे तेल के आयात में खर्च होती है । यह प्रस्तावित परियोजना भारत सरकार की पहली, ईंधन में इथेनॉल के इस्तेमाल के तहत है ।
- किसानों की बढ़ेगी आय । उन्होंने बताया कि 2 जी प्लांट लगने के बाद किसानों को कृषि अवशेषों के निस्तारण का जरिया मिलेगा । जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी । इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आस-पास के क्षेत्र में प्रदूषण भी कम होगा । - बिजली बचाने के लिए सौर उर्जा पर दिया जोर उन्होंने बताया कि पानीपत रिफाइनरी नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी प्रयासरत रहा है । जिसके परिणामस्वरूप सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए रिफाइनरी में 2.5 मैगावाट का प्लांट लगाया गया । इसके साथ ही रॉ वाटर स्टोरेज पॉन्ड में 100 किलोवाट का तैरने वाला सोलर पैनल लगाया गया है । और एक लाख से ज्यादा पारम्परिक लाइटों को एलईडी में परिवर्तन किया गया ।
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