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Thursday, 15 April 2021

अधिकारियों के जागने से पहले ही मंडी में शुरू हो जाती है यूपी के गेहूं की ट्रेडिंग

यूपी की गेहूं ने बिगाड़ी मंडी की व्यवस्था, लोकल किसानों के लिए बढ़ चुकी है दिक्कतें
सुबह छह बजे मार्किट कमेटी सचिव चन्द्रप्रकाश एंट्री गेट पर पहुंचे और बिना रजिस्ट्रेशन गेंहू को लेकर मंडी में दाखिल हो रहे वाहनों को रोकना शुरू किया। गेंहू लेकर पहुंचे वाहन चालक कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए जिसके बाद इन वाहनों को मंडी में एंट्री नहीं दी गई। हालाँकि रोके गए ट्रैक्टर-ट्राली व केंटर थोड़ी देर बाद ही आढ़तियों के ठिकानों पर पहुँच गए। जिससे प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं ?घरौंडा:प्रवीण कौशिक
मंडी में ट्रेडिंग का खेल जारी है।  व्यापारी सरेआम यूपी से मंगवाई गई सस्ती गेंहू मंडी में उतारे रहे है। हालांकि मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी मंडी गेट पर चेकिंग का दावा करते है, बावजूद इसके दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रालियों व ट्रकों से गेंहू उतारा गया। गेंहू ट्रेडिंग का ये सिलसिला प्रतिदिन देर रात से शुरू होकर अलसुबह तक जारी रहता है। प्रशासन द्वारा ट्रेडर्स के खिलाफ एक्शन नहीं होने से इस धंधे में लगे लोगों के हौसलें बुलंद है।
अनाज मंडियों में जारी यूपी के गेंहू की ट्रेडिंग ने मंडी व्यवस्था को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। मंडियों में उत्पन्न हुई बारदाने की शोर्टेज दरअसल बड़ी मात्रा में हो रही गेंहू की ट्रेडिंग का ही इफेक्ट है। मंडी से मिली जानकारी के अनुसार रोजाना सैकड़ों क्विंटल गेंहू ट्रेडिंग के जरिये मंडी पहुँच रहा है। आढ़ती यूपी से सस्ता गेंहू खरीद कर सरकारी एजंसियों को एमएसपी पर बेचकर मोटी कमाई में जुटे है। 
गुरूवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे अनाज मंडी में कई स्थानों पर यूपी से लाई गेंहू उतारी गई। मंडी में मीडिया के पहुँचने के बाद मार्किट कमेटी के अधिकारी हरकत में आये। सुबह छह बजे मार्किट कमेटी सचिव चन्द्रप्रकाश एंट्री गेट पर पहुंचे और बिना रजिस्ट्रेशन गेंहू को लेकर मंडी में दाखिल हो रहे वाहनों को रोकना शुरू किया। गेंहू लेकर पहुंचे वाहन चालक कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए जिसके बाद इन वाहनों को मंडी में एंट्री नहीं दी गई। हालाँकि रोके गए ट्रैक्टर-ट्राली व केंटर थोड़ी देर बाद ही आढ़तियों के ठिकानों पर पहुँच गए।
ट्रेडिंग के जरिये लाया गया गेंहू पकडऩे जाने के बाद भी मंडी अधिकारियों ने यूपी का गेंहू मंगवाने वाले आढ़तियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।
लोकल किसानों को अपनी गेहूं बेचने के लिए करना पड़ रहा इंतजार-
स्थानीय किसानों को मंडी में अपना गेंहू बेचने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। बहुत से किसानों का गेंहू बीते कई दिनों से मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। बारदाने की शोर्टेज बता कर लोकल किसानों के गेंहू की तुलाई नहीं हो रही जबकि ट्रेडर्स के पास पर्याप्त बारदाना उपलब्ध है। मंडी में यूपी के गेहूं की पहुँच का भाव 1880 से 1920 रूपये प्रति क्विंटल है। ट्रैक्टर ट्राली में करीब 150 क्विंटल गेहूं आता है जिसका रेट 1910-1920 रूपये किवंटल है जबकि 300 किवंटल गेहूं लेकर आये ट्रक का भाव करीब 1880 रूपये प्रति किवंटल है। इस बार सरकार ने गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रूपये निर्धारित किया है। ऐसे में व्यापारी को भाव में 55 से 85 रूपये और कमिशन में पचास रूपये की कमाई होती है। यूपी से गेंहू लेकर आये वाहनों को पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों के नाम पर मंडी में एंट्री दी जाती है।उपज 20 से 22 किवंटल प्रति एकड़, खरीद लिमिट कम करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा: डीसी निशांत यादव।
जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि मार्किट कमेटी सचिवों की बैठक में प्रति एकड़ उपज व पोर्टल पर तय की गई 33 किवंटल लिमिट की बात आई थी। वास्तविक उपज और तय लिमिट के अंतर की वजह से ट्रेडिंग के लिए लूपहोल बचता है। हमने सरकार को प्रति किवंटल खरीद लिमिट 22 किवंटल तय करने को कहा है। शुक्रवार को इस बारे में सरकार का फैसला आने की उम्मीद है। 
डीसी ने कहा कि सीमावर्ती नाको पर जबरदस्ती ट्रैक्टर ट्रालियां निकाली जा रही थी। चेकिंग के लिए यूपी सीमा लगते मंगलौरा व शेरगढ़ टापू पर कड़ी नाकेबंदी की गई है। बिना रजिस्ट्रेशन के उपज लेकर आने वाले वाहनों की मंडी में एंट्री नहीं होगी और न ही ऐसे लोगों को गेट पास दिए जायेंगे।

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