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Thursday, 13 June 2019

मात्र डेढ माह मे ही खूल गई नगरपालिका के कार्य की पोल, घटिया सामग्री के लग रहे है आरोप

नपा द्वारा कार्य की देखरेख केन्द्र विभाग पर थोपने की कौशिश, केन्द्र का कहना इस कार्य से हमारा कोई लेना देना नही।
सोन्दर्यकर्ण पर ग्रहण, जांच की मांग
नपा द्वारा किये गये कार्यों की जांच करवाई जाये तो ओर भी लापरवाही के मामले सामने आ सकते है?
घरौंडा : 13 जून,प्रवीण कौशिक

शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सौन्दर्यकरण के लिए बनाए गए चबूतरों के पत्थर व टाइल्स कुछ दिन भी अपनी जगह पर टिक नहीं पाए। पेड़ों के चारों ओर बनाए गए चबूतरों के पत्थर व टाइल्स उखडऩे शुरू हो गए है। दूसरा चबूतरें बना दिए गए लेकिन उनमें मिट्टी तक डाली नहीं गई। नगरपालिका अधिकारियों के मुताबिक मिट्टी के लिए कोई बजट ही नहीं था, जो बजट था वह अस्पताल की इंटरलोकिंग व चबूतरें बनाने में ही खर्च हो चुका है। चबूतरों के पत्थर व टाइल्स उखडऩे और चबूतरों के अंदर मिट्टी न डाले जाने से सौंदर्यकरण को चार चांद लगने की बजाए ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। जिससे शहरवासियों में भी नपा अधिकारियों के प्रति नाराजगी है।
नगरपालिका अधिकारियों के मुताबिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सौंदर्यकरण के लिए डी-प्लान के तहत बजट आया था। जिसमें अस्पताल के अंदर इंटरलोकिंग व चबूतरों की चारदीवारी के साथ-साथ टाइल्स व पत्थर लगाया जाना था। इस निर्माण कार्य के लिए टेंडर छोड़ा गया था। ठेकेदार द्वारा यह निर्माण कार्य किया गया है। वहीं दूसरी ओर अस्पताल में पहुंचनें वाले लोगों का आरोप है कि चबूतरों को महंगी टाइल्स और पत्थरों के साथ सजा दिया गया है लेकिन चबूतरों की शोभा बढ़ाने वाले पत्थर व टाइल्स ही धराशाई हो चुके है। जिन लोगों ने चबूतरों का काम किया था उन्होंने पत्थरों के टुकड़ें चबूतरों के अंदर ही छोड़ दिए है। चबूतरों का कोई लेवल नहीं किया गया है और ना ही इनके अंदर मिट्टी भरी गई है। प्रशासन लाखों रुपए खर्च करता है लेकिन निर्माण के दौरान कोई देख रेख नहीं की जाती। जिससे निम्न दर्जे की सामग्री का इस्तेमाल होता है। शहरवासियों ने इस निर्माण कार्य की जांच की मांग की है। 

हैरानी की बात है कि कार्य मे कोताही बरती गई या नही ये चर्चा का विषय है। मिटटी पहले क्यो नही डाली गई। लोगों को कहना है कि अगर से पत्थर ना उखडे होते तो ये लापरवाही सामने नही आती। लोगों की मांग है कि नपा द्वारा किये गये कार्यों की जांच करवाई जाये तो ओर भी लापरवाही के मामले सामने आ सकते है?
मिट्टी कौन डालेगा-
नगरपालिका ने लाखों रुपए इंटरलोकिंग और चबूतरें बनाने में खर्च कर दिए लेकिन चबूतरों के अंदर मिट्टी डालने के लिए नपा अधिकारियों के पास पैसा
ही नहीं बचा है। नपा अधिकारियों का कहना है कि मिट्टी डालने के लिए कोई बजट नहीं था और यह कायँ डेढ माह पहले पूरा हो चुका है अब इसकी देखरेख अस्पताल प्रबंधन करेगा। जबकि दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उनका इस निर्माण कार्य से कोई लेना देना ही नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि चबूतरों के अंदर मिट्टी कौन डालेगा?
वर्जन-
अस्पताल में सौंदर्यकरण के लिए इंटरलोकिंग व पेड़ों के चबूतरे बनाने का
काम डी-प्लान के तहत किया गया है। जो करीब डेढ माह पहले पूरा हो चुका है। इंटरलोकिंग और चबूतरों की चारदीवारी व पत्थर लगाने का ही एस्टीमेट था। मि_ी डालने के लिए पैसे नहीं बचे है। चबूतरों के अंदर मिट्टी डालने के
लिए अलग से ठेका दिया जाएगा।
-अंकित छौक्कर, जेई नपा घरौंडा।
वर्जन:
सीएचसी में डी-प्लान के तहत काम किया गया है। यदि चबूतरे की टाइल्स टूटी है या खिसकी है तो उसको ठीक करवा दिया जाएगा। चबूतरों के अंदर मिट्टी अस्पताल वाले डलवा लेगें या फिर अलग से ठेका छोड़ जाएगा।
-रविप्रकाश शर्मा, सचिव नपा घरौंडा।
वर्जन-
नगरपालिका ने अस्पताल में इंटरलोकिंग व चबूतरे बनाने का काम किया है।
अस्पताल प्रबंधन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। नपा अधिकारी अपने आधार पर कार्य कर रहे है।
-डॉ. प्रदीप कुमार, एसएमओ (एडिशनल चार्ज), सीएचसी घरौंडा।

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