10000

Wednesday, 23 September 2020

धान की कीमतों ने किसानो को तगड़ा झटका देने का काम किया

घरौंडा – प्रवीण कौशिक

कोरोना संकट के कारण छाई आर्थिक मंदी के बीच धान की कीमतों ने किसानो को तगड़ा झटका देने का काम किया है। अनाज मंडी में 1509 धान का भाव 1700 से 1800 रूपये प्रति किवंटल मिल रहा है जो कि बीते सीजन की तुलना में 700 से 800 रूपये कम है। धान की कीमतों में आई मंदी से फसल बेचने वाले किसान मायूस है। भाव और पैदावार में आई गिरावट से किसानो को प्रति एकड़ लगभग पन्द्रह हजार का नुकसान होने की आशंका है ।

नई अनाज मंडी में धान की आवक ने रफ़्तार पकड ली है।  बीते दो दिनों में मंडी में लगभग पच्चीस हजार किवंटल की आवक दर्ज की गई है। सीजन में आई तेजी के बावजूद फसल बेचने वाले किसानो के चेहरों से ख़ुशी गायब है। किसान कृष्ण, सुलतान सिंह, जितेन्द्र, रामसिंह, गुलाब, लखविन्द्र, धर्मवीर कश्यप ने बताया कि वे 1509 वैरायटी की जीरी लेकर आये है। इस बार 1509 वैरायटी पर कम पैदावार और कम भावो की दोहरी मार पड़ी है। चालू सीजन में 1509 वैरायटी बुरी तरह से पिट रही है , मंडी में खरीदार नहीं मिल रहे। बीते साल उनकी धान 2400 से 2500 रूपये प्रति किवंटल बिकी थी लेकिन इस बार भाव में बहुत अधिक गिरावट हुई है। बहुत अच्छी क्वालिटी की ढेरी भी 1800 रूपये किवंटल के रेट में बिक रही है। इन भाव पर फसल बेचने से उन्हें मोटा घाटा हुआ है। किसानो ने बताया कि इस बार पैदावार में भी कमी आई है प्रति एकड़ में सिर्फ 17 से 18 किवंटल का झाड निकल रहा है। धान उत्पादक किसानो के मुताबिक धान की पैदावार पर प्रति एकड़ 20 से 22 हजार का खर्च आता है। जबकि इस बार धान की पैदावार और भाव में आई कमी के कारण प्रति एकड़ से किसान को 30 से 32 हजार रूपये की फसल मिली है।

निर्यात बंद होने से गिरे चावल के दाम:गोयल

धान के भाव में आई गिरावट के बारे में मंडी एसोसिएशन के प्रधान राम लाल गोयल ने कहा कि ईरान और सऊदी अरब भारतीय चावल के सबसे बड़े खरीदार है लेकिन बीते चार माह से चावल का निर्यात बिल्कुल बंद है। वही घरेलु बाजार में चावल की डिमांड नहीं होने के कारण 1509 वैरायटी के चावल की कीमतों में प्रति किवंटल एक हजार रूपये की गिरावट आ चुकी है। रामलाल गोयल ने बताया कि जब तक चावल का एक्सपोर्ट नहीं होगा तब तक धान के भाव बढ़ने की उम्मीद नहीं की जा सकती।


भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति का गन्नौर में धरना जारी : महेंद्र राठी


गन्नौर:दर्पण
 भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के हरियाणा प्रदेश प्रभारी महेंद्र राठी, प्रदेश संयोजक बलबीर नरवाल तथा जिला करनाल महिला सचिव वर्षा आज गन्नौर पहुंचे। विदित हो कि भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति  की सोनीपत जिला अध्यक्ष सरोज बाला 19 तारीख से किसानों पर हुए बर्बरता पूर्वक  लाठीचार्ज व तीन अध्यादेशों   के विरोध में गन्नौर में धरने पर बैठी है। धरना स्थल पर महेंद्र राठी ने सरोज बाला का किसानों के मुद्दे को लेकर धरना देने के लिए धन्यवाद किया और  पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होती तब तक अलग-अलग स्थानों पर  धरना जारी रहेगा । महेंद्र राठी ने कहा  कि 28 सितंबर 2020 को भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति की ओर  से   हरियाणा की तहसील स्तर पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपें जायेंगे। धरना स्थल पर सरोज बाला, देवेंद्र राठी, आरके मलिक,  राम रूप, नरेंद्र, शिव  राज चौहान, विमला,  कमला, किसान यूनियन की जिला करनाल महिला सचिव वर्षा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

तुम बिन शव हूँ

तुम बिन शव हूँ
------------------

तुम बिन शव हूँ तुम हो शक्ति
तुम्हारा भक्त हूँ तुम से भक्ति
तुम से खुशी अन्यथा विरक्ति
तुम जीवन तुम से आसक्ति 

                                    मैं तेरा हूँ मेरा सब कुछ तेरा
                                   चहुँ और जैसे तेरा ही बसेरा
                                    तुम से रोशन जीवन ये मेरा
                                    तुम बिन है चहुँ और अँधेरा

तुम से ही अस्तित्व है मेरा 
तुम से ही व्यक्तित्व है मेरा
तुम से बना आधार है मेरा
तुम से बना संसार है मेरा

                                    तुम से ही सब रचा हुआ है
                                    तुम में ही सब बसा हुआ है 
                                 तुम पर ही सब टिका हुआ है
                                  तुम पर ही सब सटा हुआ है

तुम श्वास हो तुम ही प्राण हो
तुम ही जिव्हा तुम ही घ्राण हो
तुम हो नयन तुम ही कान हो
तुम दिल हो तुम ही जान हो

                                   तुम हो तो जीवन है मधुबन 
                                  वरना जैसे काँटों का उपवन
                                 तुम से जुड़ा इस तरह ये मन
                                जैसे जुड़ी जीवन से धड़कन 

***डॉ मुकेश अग्रवाल

प्यार तो है अथाह सागर......

प्यार तो है अथाह सागर......

प्यार तो है अथाह सागर 
आओ भर ले अपनी गागर

                        प्यार बिन जिंदगी है सून
                       आओ इसकी गलियां ले चुन 

प्यार नफरत की दीवारों को है तोड़ता
टूटे रिश्तो को भी बिना गांठ के है जोड़ता

       प्यार  देता है कुछ भी कर गुजरने की प्रेरणा
       इसकी ताकत से संभव है हर मंजिल को पाना 

प्यार की होती हर बात है निराली
लाती है ये जीवन में हमारे खुशहाली

                  दिल से *रौशन* कहे आज यही बात
            आओ मिलकर हमसब नफरत को दे मात
                                     -राकेश रोशन

Monday, 21 September 2020

कोविड 19 के चलते बंद हुए स्कूलों को खोलने की शुरुआत शिक्षा विभाग ने कर दी

घरौंडा – प्रवीण कौशिक

कोविड 19 के चलते बंद हुए स्कूलों को खोलने की शुरुआत शिक्षा विभाग ने कर दी है। प्रथम चरण में कक्षा नौवी से 12वीं के छात्रों को परामर्श के लिए स्कूल आने की अनुमति दी गई है। लेकिन सरकारी स्कूल फ़िलहाल तक विभाग के आदेशो को लागू करने की स्थिति में दिखाई नही दे रहे। स्कूलों में नियुक्त सभी अध्यापको का कोरोना टेस्ट भी नही हुआ है।

सरकार के निर्देशानुसार सोमवार को शहर में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय व गर्ल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल छात्रों के लिए खोले गए। विभाग के आदेशो के बावजूद सरकारी स्कूल पूरी तैयारी में दिखाई नही दिए। बॉयज सीनियर सेकंडरी के लेक्चरर विजेंद्र सिंह ने बताया कि स्कूल में 70 अध्यापको का स्टाफ है जिनमे से अभी तक करीब चालीस अध्यापको का कोरोना टेस्ट हुआ है जबकि तीस अध्यापको का टेस्ट होना बाकी है। विजेंद्र सिंह ने कहा कि जब सभी अध्यापको की टेस्ट रिपोर्ट आ जाएगी उसके बाद ही छात्रों को स्कूल बुलाया जायेगा। रेलवे रोड पर स्थित राजकीय कन्या स्कूल में नियुक्त स्टाफ के पचास फीसदी अध्यापको का टेस्ट अभी नही हुआ है। सोमवार को कक्षा नौवी से 12 वीं कक्षा की लगभग पचास छात्राए परामर्श के लिए विधालय पहुंची। स्कूल खुलने के बाद छात्रों से अधिक उनके अभिभावक विधालयो में पहुँच रहे है ताकि बच्चो को स्कूल भेजने की प्रक्रिया और विधालय के प्रबंधो को समझ सके। सरकारी स्कूलों की तरह निजी स्कूलों में रुझान कम रहा। कोरोना के खतरे को देखते हुए बहुत कम संख्या में छात्र व अभिभावक स्कूल में पहुँच रहे है।

खंड शिक्षा अधिकारी सुदेश रानी ने बताया कि शेड्यूल के तहत अध्यापको के कोरोना टेस्ट करवाए जा रहे है। बच्चो के परिजन पूछताछ के लिए स्कूल आ रहे है। परिजनों की अनुमति के बाद ही छात्र परामर्श के लिए स्कूल आ सकेंगे।  



नैशनल हाइवे पर बने अवैध ढाबो को गिराने पहुंचे डीटीपी की कार्रवाई पर एक बार फिर उठे सवाल

बिना अनुमति के बने दर्जन भर ढाबो को ध्वस्त करने में विभागीय अधिकारियो ने खुलेआम भेदभाव किया

घरौंडा – प्रवीण कौशिक

नैशनल हाइवे पर बने अवैध ढाबो को गिराने पहुंचे डीटीपी की कार्रवाई पर एक बार फिर सवाल उठ रहे है। बिना अनुमति के बने दर्जन भर ढाबो को ध्वस्त करने में विभागीय अधिकारियो ने खुलेआम भेदभाव किया। सात ढाबों पर पीला पंजा चला, दो ढाबों को मात्र सील करने की कार्रवाई की गई जबकि शगुन स्टार, हरी ढाबा व रंगला पंजाब ढाबे को विभाग की टीम ने छुआ भी नहीं। तोड़े गए ढाबो के मालिको का आरोप है कि डीटीपी ने प्रभावशाली लोगो के ढाबे छुए भी नही जबकि अन्य ढाबो को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया।

सोमवार को डीटीपी विक्रम सिंह की अगुवाई में जिला नगर योजनाकार विभाग की टीम पुलिस बल के साथ हाइवे के किनारे अवैध रूप से बने ढाबो को ध्वस्त करने पहुंची। उपायुक्त निशांत यादव के निर्देशानुसार डीटीपी की इस कार्रवाई के दौरान बिजली निगम की टीम भी मौजूद रही ताकि अवैध ढाबों के बिजली कनेक्शन काटे जाए। तोड़फोड़ दस्ते को आया देख ढाबों संचालको में हडकम्प मचा गया और उन्होंने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया। विभाग के पीले पंजे ने सबसे पहले ख़ुशी ढाबे पर कार्रवाई करते हुए ढाबे के स्ट्रक्चर को पूरी तरह से जमीदोज कर दिया और बिजली निगम की टीम ने ढाबे का बिजली कनेक्शन भी काट दिया। डीटीपी यह कार्रवाई हाइवे पर बने आशीर्वाद ढाबा, अभी ढाबा, चढ़ती कला, दी पंजाबी ढाबा, ब्रेक पॉइंट ढाबा, गुरुनानक ढाबा और दाना पानी ढाबे के खिलाफ भी रही। इनमे शामिल चारो ढाबों को तोड़फोड़ दस्ते ने पूरी तरह से ध्वस्त किया गया जबकि कुछ पर आंशिक कार्रवाई हुई। 


ढाबा मालिक बलविन्द्र व सुभाष ने आरोप लगाया कि हाइवे पर सभी ढाबे बिना अनुमति के बने हुए है लेकिन तोड़फोड़ की कार्रवाई चुनिदा ढाबो पर की गई है। जिन लोगो की सिफारिश होती है उनके ढाबो पर कोई कार्रवाई नही की जाती।

दो ढाबे किये सील, कई ढाबो को छोड़ा

ढाबों के खिलाफ की गई डीटीपी की कार्रवाई पर भेदभाव के आरोप लग रहे है। डीटीपी ने बिना सीएलयू के बने मयूर ढाबे व बांसुरी वाले ढाबे पर कोई तोड़फोड़ नहीं की। मयूर व बांसुरी वाले ढाबा मालिको के प्रति नरमी बरतते हुए डीटीपी ने उनके ढाबे सील कर दिए। । इतना ही नही इन ढाबो के बिजली की कनेक्शन भी नही काटे गए। आपको बता दे कि ढाबों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पहले भी डीटीपी पर भेदभाव के आरोप लगे थे। डीटीपी का निशाना बने ढाबो के मालिको ने एक बार फिर विभाग की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े किये है।

वर्जन

हाइवे पर बने अवैध ढाबों के खिलाफ अभियान चलाया गया है। दस ढाबों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, दो ढाबों पर स्टे आर्डर थे उन्हें सील किया है। तीन ढाबों के बिजली कनेक्शन भी काटे गए है, शगुन स्टार ढाबे के मालिक ने अपना ढाबा खुद ही तोड़ लिया है।

--विक्रम सिंह डीटीपी

वर्जन

हाइवे पर बने ढाबों के खिलाफ डीटीपी द्वारा की गई कार्रवाई की जांच करवाई जाएगी।

--निशांत यादव डीसी करनाल

Sunday, 20 September 2020

बरकरार रहेगा किसानों का एमएसपी का अधिकार, कोई आंच आई तो छोड़ दूंगा पद - दुष्यंत चौटाला

- अपने कार्यकाल में ओपन मार्केट और कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की वकालत करने वाले कांग्रेसी आज क्यूं कर रहे हैं विरोध ? -  डिप्टी सीएम
चंडीगढ़,प्रवीण कौशिक

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि केंद्र सरकार के कृषि संबंधित नए अध्यादेशों में कहीं भी फसलों के एमएसपी को समाप्त करने की बात नहीं कही गई है। किसानों की फसल अनाज मंडियों में बिना किसी रूकावट के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर ही खरीदी जाएंगी और ज्यादा कीमत का अवसर मिलने पर किसान चाहेंगे तो ओपन मार्केट में भी बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिस दिन अन्नदाताओं को उनकी फसल का एमएसपी देने की व्यवस्था पर कोई आंच आएगीउसी दिन वे अपने पद को छोड़ देंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों के लिए एमएसपी का अधिकार बरकरार रहेगा और इस विषय पर आम लोग किसी के बहकावे में ना आएं। वहीं डिप्टी सीएम ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने राजनीतिक स्वार्थ की खातिर भोले-भाले किसानों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नए अध्यादेशों का विरोध करने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री रहते हुए ना केवल ओपन मार्किट की वकालत की थी बल्कि केंद्र की तात्कालिक मनमोहन सिंह सरकार द्वारा गठित समिति के चेयरमैन के तौर पर इन सिफारिशों पर दस्तख़त भी किए थे। उन्होंने हुड्डा से सवाल किया कि वे किसानों को बताएं कि उनके इस दोगली नीति को अपनाने के पीछे क्या मजबूरी है और कांग्रेस प्रदेश के किसानों को क्यूं गुमराह कर रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में भी कांग्रेस पार्टी के विजन डॉक्यूमेंट में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की वकालत की गई थीलेकिन राजनीति से विवश कांग्रेसी आज व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं जबकि यह किसानों के लिए खुशहाली के नए रास्ते खोलने वाला कदम है।

 उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अगले माह से खरीफ फसलों का एक-एक दाना तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि बाजराधान के अलावा पहली बार मक्के की फसल की भी सरकार एमएसपी पर खरीद करेगी। 

मनीष गुप्ता भाविप घरौंडा के अध्यक्ष,दीपक शर्मा सचिव व हरीश गर्ग कोषाध्यक्ष बने।

दायित्व ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत घरौंडा, डॉ प्रवीण कौशिक           भारत विकास परिषद्, शाखा घरौंडा द्वार...