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Wednesday, 9 March 2022

आम आदमी पार्टी आगामी नगर-पालिका चुनाव पार्टी सिम्बल पर लड़ेगी: महेंद्र राठी

-- आने वाला समय आम आदमी पार्टी का है और यहां पर दिल्ली मॉडल लागू किया जाएगा:डॉ गौरव गोयल
-- मेहरसिंह संधू को सौंपा चुनाव प्रभारी का नियुक्ति पत्र
घरौंडा 9 मार्च  : प्रवीण कौशिक
आगामी नगर पालिका चुनाव आम आदमी पार्टी पार्टी झाड़ू के निशान पर लड़ेगी और नगर पालिकाओं में भारी जीत दर्ज करेगी। यह बात पत्रकारों से बातचीत करते हुए महेंद्र राठी जिला अध्यक्ष ने कहीं। वे आज यहां पत्रकारों के सन्मुख बात कर रहे थे।  वे आज यहां मेहर सिंह संधू आम आदमी पार्टी के नेता को चुनाव प्रभारी का नियुक्ति पत्र देने पहुंचे थे।  पत्रकारों से बातचीत करते हुए राठी ने कहा कि एग्जिट पोल के संकेतों से स्थिति स्पष्ट है कि पंजाब में 10 तारीख को आम आदमी पार्टी भारी बहुमत से विजय प्राप्त करेगी और हम वहां  सरकार बनाएंगे।  
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली मॉडल को लेकर हरियाणा में 43 नगर पालिकाओं में पार्टी चुनाव लड़ेगी और इस संबंध में तैयारियां जोरों से चल रही है।  मेहर सिंह संधू को चुनाव प्रभारी का नियुक्ति पत्र सोंपते हुए उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं को पार्टी को भारी जीत दिलाने के लिए कमर कसने को कहा।  इस अवसर पर मेहर सिंह संधू ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है । वह उस पर खरा उतरेंगे, निष्ठा पूर्वक काम करते हुए घरौंडा क्षेत्र में नगर पालिका में जीत दर्ज करवाएंगे।
  इस अवसर पर लगभग 15 नागरिकों ने, जो  आसपास के गांवों एवं घरौंडा शहर से कम्युनिटी सेंटर नजदीक अनाज मंडी घरोंडा पहुंचे थे, को पार्टी की टोपी पहनाकर जिला अध्यक्ष के सम्मुख ज्वाइन करवाया गया। वार्ता की अध्यक्षता करते हुए डॉ गौरव गोयल पूर्व विधानसभा प्रभारी ने आवाह्न किया कि आने वाला समय आम आदमी पार्टी का है और यहां पर दिल्ली मॉडल लागू किया जाएगा।  पत्रकारों को जिला अध्यक्ष के अतिरिक्त मेहर सिंह संधू, डॉ गौरव गोयल और जिला महिला संगठन  मंत्री रिशा नैन ने  संबोधित किया। 
इस अवसर पर मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष महेंद्र राठी जिला, डॉ गौरव गोयल, सुमेर सिंह संधू, संजय गोयल, सीमा, रिशा नैन,  संदीप, प्रीतम आदि उपस्थित रहे।

Tuesday, 8 March 2022

आओ महिला दिवस मनायें ....महिला शसक्तिकरण पर आओ घड़ियाली आँसू बहायें

अभिषेक की कलम से.....
आओ 
महिला
दिवस मनाऐ
महिला
शसक्तिकरण
पर आओ
घड़ियाली
आँसू बहाऐं
मर चुकी
आँखो की
शर्म को
फिर छिपाएँ
पर्दे के पीछे
छुपे घड़ियाल
आज फिर
अपना दोहरा
चरित्र लिए
सामने आऐंगे
महिला दिवस
मनाऐंगे
आरक्षण और
संरक्षण के
बड़े बड़े
दावे होंगे
सब निर्भया
और निर्भया
चीखेंगे चिल्लायेंगे 
आज फिर नारे
लगाएँगे
यत्र नारियस्तु पूजयन्ते
रमन्ते तत्र देवता का
जयघोष होगा
होगा हाँ 
उदघोष होगा
स्त्री चरित्रम 
पुरूषस्य भागम
देवों न जानासी 
कुतो मनुष्य
की नयी परिभाषाऐं
लिक्खी जाऐंगी
लिंगभेद की
पाशविक 
चाह मे
कहीं कोई 
अजन्मी
आज भी
मारी जाऐगी
नारी 
शसक्तिकरण की
आज एक नई
इबारत
लिक्खी जाऐगी
एकतरफ़ा 
क़ानूनों की
वकालत होगी
समानता की
बात करते करते
कई चँडूखाने
अपरिपक्वता का
परिचय देंगे
खाई और चौड़ी
करने की
वकालत करेंगे
और खाई फिर
पैदा की जाएगी
सँरक्षण का मुद्दा
नेपथ्य मे 
चला जाएगा
आरक्षण आरक्षण 
की बेईमानी चीँखो
के बीच संरक्षण
की बैशाखी 
तोड़ी जाएगी
महिला 
शसक्तिकरण की
नई इबारत 
लिक्खी जाएगी
सभ्यता और
सँस्कृति की
दुहाई दी जाएगी
जिंस और टाँप की
साड़ी और ब्लाउज़ की
बेहूदा बहस
कराई जाएगी
मर्यादाओं के
नाम पर 
मानसिकताओ का
द्वन्द होगा
आज महिला 
दिवस होगा ?
माँ बहू बेटी सास
किरदार बदलते ही
महिला के रूप
बदलते जाएँगे 
हमारे समाज मे
क्या कभी
सास और बहू
पर गीत लिक्खे जाएँगे 
सास अपनी बेटी
के गीत गाती है
कहती है बेटियाँ
मयालु होती है
बहू अपनी माँ के
गीत गाती है
कहती है 
माँ तो मयालु
होती है !
इन सबके बीच
सास बहू की
अनबुझ पहेली
भी सुलझाए !
आओ सास और
बहू पर गीत बनाए
महिला दिवस मनाऐ !

Monday, 7 March 2022

संघ के नींव के पत्थर प्रोफेसर दामोदर वाशिष्ठ*

पुण्य तिथि पर विशेष                    *प्रस्तुति:डॉ प्रवीण कौशिक*
साल 1956 की एक तपती दोपहरी में ब्रज क्षेत्र आये उत्साह से लबरेज ,बलिष्ठ शरीर के स्वामी,गौरवर्णीय,25 वर्षीय तेजस्वी युवक ने जब महाभारत की धरती पर कदम रखा तो उसे नहीं पता था कि अगली आधी सदी से भी ज्यादा समय तक इस माटी के साथ उसका माँ - बेटे का रागात्मक सम्बन्ध जुड़ने वाला है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक संघ कार्य के लिए एक जेलयात्रा पूरी कर चुका था और उसे नहीं पता था कि आने वाले वर्षों  में इस ईश्वरीय कार्य के लिए अभी एक बार फिर उसे जेल जाना है। यह गाथा है हरियाणा में संघ कार्य मे नींव का पत्थर बने एक अदभुत शिक्षक और कुशल संगठनकर्ता प्रोफेसर दामोदर वाशिष्ठ की जिन्होंने अपनी कुशलता से अपने जैसे ही  सैकड़ों सक्रिय कार्यकर्ताओं को तैयार करने में सफलता प्राप्त की।
हरियाणा में पहली संघ शाखा 1937 में शाहाबाद मारकंडा में शुरू हुई। 1935-36 में वसंतराव ओक ने दिल्ली में संघ कार्य का शुभारंभ किया। संघ कार्य भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों में फैलता गया। करनाल के वैद्य रतिराम दिल्ली में स्वयंसेवक बने। नंद किशोर जी व सुशील जी ने लाहौर में संघ शिक्षा वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त कर 1937 में शाहाबाद मारकंडा में शाखा शुरू कीं। हरियाणा जो उस समय पंजाब प्रांत का एक हिस्सा था, में पहली शाखा शुरू होने का श्रेय शाहाबाद को जाता है। फिर रोहतक और हिसार तक संघ पहुंच गया।
1937 से 1947 संघ के स्वयंसेवकों के शौर्य और पुरुषार्थ का कालखंड रहा। कर्त्तव्यनिष्ठ स्वयंसेवक अपने स्वजातीय बंधुओं की रक्षा में शुरू से सजग रक्षक की तरह खड़े रहे। इसी काल में संघ का कार्य शहर और उससे सटे गांवों में शीघ्र विस्तार लेता गया। जनवरी 1948 में अचानक गांधी जी की हत्या हो गयी और कांग्रेस ने हत्या का झूठा आरोप संघ पर लगा संगठन को प्रतिबंधित कर दिया। हिंदू समाज पर भी इसका असर हुआ और इस मिथ्या दुष्प्रचार में आकर वह संघ विरोधी बन गया। संघ के स्वयंसेवकों ने असत्य का प्रतिरोध सत्याग्रह के द्वारा किया। फिर हरियाणा में 1949 से 1977 तक संघ कार्य में निरंतरता रही परंतु विकास की गति धीमी रही, पर संघ के कार्यक्षेत्र निष्ठा, धैर्य और परिश्रम से कार्य का विस्तार देने में सफल होते गए और आज हरियाणा में संघ की शाखाएं 1000 से भी ज्यादा स्थानों पर पूरे उत्साह के साथ लगती दिखाई देती हैं। इसके साथ ही समाज जीवन के हर क्षेत्र में उसका प्रभाव तथा स्वीकार्यता बढ़ी है।
ऐसे में उन निष्ठावान स्वंसेवकों को भी याद कर पुण्य स्मरण भी होता है जिनके परिक्षम और लगन से संघ हरियाणा में आज इस स्तर तक पहुंचा। इन नींव के पत्थरों में से एक थे कैथल के प्रोफेसर दामोदर वाशिष्ठ। 1956 से मृत्युपरंत 2009 तक हरियाणा में संघ के विभिन्न दायित्व निभाते हुए उन्होंने पुराने करनाल जिले, जिसकमें आज के करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र और कैथल जिले शामिल हैं, में संघ कार्य को जमाने और उसे प्रतिष्ठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
उनका जन्म 15 जुलाई 1930 को आगरा जिले के ताहरपुर गांव में किसान परिवार में हुआ। 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर देशभर में लगे प्रतिबंध के दौरान 17 साल की उम्र में आगरा में सत्याग्रह कर जेल जाने वाले दामोदर जी संघ का तृतीय वर्ष करने के पश्चात 1956 में कैथल के प्रतिष्ठित आरकेएसडी कॉलेज में हिंदी, संस्कृत के प्राध्यापक बनकर पहुंचे। अपने आकर्षक व्यक्तित्व, व्यवहार कुशलता और उत्साही स्वभाव से वे शीघ्र ही पूरे इलाके में लोकप्रिय हो गये और उनके महत्व से कस्बों, ग्रामीण क्षेत्रों में संघ का कार्य घर-घर पहुंचने लगा।
1962 में चीन से युद्ध, 1965 और 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान संघ के स्वयंसेवकों को इकट्ठा कर गली-गली में ब्लैकआउट लागू करवाने और पहरा देते हुए प्रशासन की सहायता में समाज को खड़ा कर उन्होंने एक कुशल संगठन के रूप में खुद को स्थापित किया। साठ के दशक में ही संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूजनीय गोलवलकर जी का भी कैथल में आगमन हुआ और नगर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।तृतीय सर संघचालक परम पूजनीय बाला साहब देवरस के कैथल प्रवास में भी भव्य कार्यक्रम उनके नेतृत्व में आयोजित हुए। 1975 तक जब पूरे हरियाणा में लगभग सौ के करीब संघ की शाखाएं हुआ करती थीं, तब अकेली कैथल तहसील में 30 से 35 तक संघ की शाखाएं थीं। उस दौरान उनके पास तहसील कार्यवाह, जिला कार्यवाह जैसे दायित्व थे। प्रोफेसर दामोदर जी वाशिष्ठ जो तब तक पूरे इलाके में गुरुजी के नाम से विख्यात हो चुके थे, ने क्षेत्र में सैकड़ों निष्ठावान कर्यकर्ता शहरों, कस्बों और गांव-गांव में खड़े कर दिए। उनके साथ उस समय कैथल के आरकेएसडी कॉलेज में इतिहास के प्राध्यापक सतीश चंद्र मित्तल तथा अर्थशास्त्र के प्राध्यापक मोहनलाल ग्रोवर भी अत्यंत सक्रिय थे। प्रोफेसर सतीश चंद्र मित्तल बाद में इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय प्रमुख बने तथा अयोध्या को श्रीराम मंदिर पर अदालत में चले केस के ऐतिहासिक दस्तावेज़ों को संजोने और पेश करने उनका महत्वपूर्ण योगदान हमेशा याद रहेगा।
इन तीन प्राध्यापकों की त्रयी के साथ-साथ कॉलेज में ही लाइब्रेरियन ज्ञानचंद, संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेशजी के पिताजी चमनलाल सर्राफ और व्यवसायी रघुनाथ गोयल की टीम ने कैथल क्षेत्र में संघ के सुदृढ आधार को तैयार किया। चमनलाल सर्राफ और रघुनाथ गोयल बाद में विधायक भी बने।
1975 में तत्कालीन तानाशाह प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा देशभर में लगाये गये आपातकाल के विरोध में हरियाणा से भी सैकड़ों कार्यकर्ता जेल गये। इनमें स्वाभाविक तौर पर प्रोफेसर दामोदर जी के साथ-साथ यह टीम भी कई महीने तक करनाल जेल में बंद रही। दामोदरजी की यह तीसरी जेल यात्रा थी। वह 70 के दशक में शिक्षक आंदोलन के चलते भी कुछ दिन के लिए हवालात में रह चुके थे।
अत्यंत उत्साही, सक्रिय और गतिशील प्रोफेसर साहिब अकसर कॉलेज से घर पहुंचने के बाद खाना खाकर संघ द्वारा दी गयी राजदूत मोटरसाइकिल पर किसी गांव में पहुंच जाते थे और वहां कॉलेज के मित्र भी उनकी प्रतीक्षा कर रहे होते थे। फिर शुरू होता था गांव के प्रमुख लोगों से सम्पर्क और गांव में नयी शाखा प्रारंभ करने का सिलसिला या फिर पुरानी शाखा को और मजबूत करने की प्रक्रिया। इस तरह संघ का प्रभाव पूरे क्षेत्र में तथा समाज के हर वर्ग में पहुंचा। वह क्षेत्र में चलने वाली लगभग सभी सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक तथा बौद्धिक गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। संघ की जिम्मेदारी के साथ-साथ हरियाणा कॉलेज टीचर्स यूनियन के अध्यक्ष, कैथल आर्य समाज के अध्यक्ष होने के अलावा तत्कालीन राजनीतिक गतिविधियों में भी उनकी भागीदारी रहती थी। और मूल कार्य संघ की शाखा का अलग यह बनी कैथल के क्योड़क और पाई जैसे गांवों में शाखा में स्वयंसेवकों की उपस्थिति कई बार सैकड़ों में रहती थी। क्योड़क में भी भीखमसिंह जी और पाई में पंडित ओमप्रकाश जी संघ के पर्याय बन चुके थे और दोनों ही उनके अभिन्न मित्र भी थे।
उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ तब आया जब 1989 में एक्सीडेंट के बाद पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के दौरान उनकी गर्दन में कैंसर का पता चला। लगभग 2 साल के इलाज के दौरान कैंसर को उन्होंने मात दे दी। इसी बीच कॉलेज से उनका रिटायरमेंट हो चुका तो वह घर छोड़कर रोहतक में संघ कार्यालय चले गये और एक वर्ष के रोहतक प्रवास में उन्होंने संघ की योजना से एक पुस्तक 'भारत अखंडता की ओर' भी लिखी। यह उनकी तीसरी पुस्तक थी। वापस लौटने के बाद इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय प्रमुख ठाकुर राम सिंह जी ने उन्हें हरियाणा इकाई के महामंत्री का पद सौंप प्रांत पर इतिहास लेखन की जिम्मेदारी सौंपी।
हरियाणा के वैदिक कालीन इतिहास पर उन्होंने स्वयं कार्य करते हुए इतिहास संकलन योजना के माध्यम से पूरे प्रदेश के इतिहास लेखन को एक नयी राह दी तब संगठन को एक मजबूत आधार प्रदान कर जगह-जगह इतिहास लेखकों को सक्रिय टोलियां खड़ी कर दी। कैथल जिले की वेबसाइट तैयार करते समय प्रोफेसर दामोदर वाशिष्ठ ने सरस्वती नदी के तट पर बसे इस क्षेत्र का अध्ययन राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से किया। हरियाणा के ग्रामीण जनजीवन में अभी भी उन्हें वैदिक काल के ऋषियों के आश्रमों के पवित्र वातावरण, वेद ग्रंथों के पठन-पाठन की संस्कार परंपरा का अनुभव होता रहा, हालांकि आज हमारे गांवों का वातावरण काफी कुछ बदल चुका है, परंतु वह अब भी उसी वैदिकालीन माहौल का अनुभव करते थे।
हरियाणा के सांस्कृतिक इतिहास, उसकी माटी के कण-कण में व्याप्त बोलियों और मूल्यों को एक नया अर्थ और आयाम प्रदान कर उन्होंने माटी के पुत्र का फर्ज निभाया। यह संघ का ही संस्कार और दृष्टि थी कि हरियाणा का जर्रा-जर्रा उनके लिए केवल एक भूषण का अंश भर नहीं था अपितु एक जीवंत पुस्तक की तरह था और अत्यंत आत्मीयता के साथ वह इस पुस्तक के पन्ने पलट रहे थे। दूसरे शब्दों में कहें तो यह संबंध माता और पुत्र के पवित्र संबंध जैसा भी था।
इतिहास संकलन योजना के महामंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने लोक साहित्य की रामकथा की लुप्त पोथियों को खोजने के लिए भी गरमी और खराब मौसम में हरियाणा के गांव-गांव पैदल घूमने में भी कष्ट का अनुभव नहीं किया। इस दौरान उन्होंने पूंडरी के लाला देवतरण कृत 'रामनाटक'और सीवन के पंडित "शादीराम की ग्रंथावली 'को खोज निकाला। बाद में इन दोनों पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शोध हुए और पुस्तकें भी प्रकाशित हुईं। 7 मार्च 2009 को देहावसान से एक माह पूर्व वह पंडित शादीराम ग्रंथावली का संपादित संस्करण प्रकाशित करवाने में वह सफल रहे।
संघ के संस्कारों और आदर्शों के अनुरूप एक भरपूर जीवन कैसे जिया जा सकता है यह उन्होंने अपने स्वयं के जीवन से सिद्ध करके दिखाया।
प्रोफेसर दामोदर वाशिष्ठ के संपूर्ण जीवन और दर्शन को देखते हुए अनुभव होता है कि वैदिक कालीन कोई ऋषि भटकता हुआ सायास हमारे बीच आ गया और अपने जीवन का उद्देश्य पूर्ण कर फिर उसी ब्रह्म में विलीन हो गया।
*हरेश वाशिष्ठ*
लेखक ट्रिब्यून समाचार पत्र समूह चंडीगढ़ में लंबे समय तक समाचार सम्पादक रहे हैं।

Sunday, 6 March 2022

घरौंडा के सर्विस रोड पर बाइक ने मारी बुजुर्ग साधु बाबा को टक्कर

बाइक चालक व बाबा घायल, अस्पताल में करवाया भर्ती
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
 घरौंडा के सर्विस रोड पर शनिवार को देर शाम हादसा हो गया। हादसे में बाइक ने बुजुर्ग साधु बाबा को टक्कर मार दी। जिसमे बाबा व युवक घायल हो गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, घरौंडा के डिंगर माजरा रोड पर रहने वाला शुभम नामक युवक पानीपत-करनाल सर्विस रोड से रेलवे रोड की तरफ जा रहा था। जैसे ही वह अरायपुरा रोड की पुलिया के पास पहुंचा तो इसी दौरान एक बुजुर्ग साधु बाबा रोड क्रॉस कर रहा था, अचानक बाबा के आने से बाइक चालक ने ब्रेक मारने का प्रयास किया लेकिन सन्तुलन बिगडने से बाइक बाबा से टकरा गई। जिसमें बाइक चालक को गंभीर चोटें आई और बाबा भी घायल हो गया। राहगीरों ने दोनों घायलों को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई।
 पुलिस अधिकारी बलबीर ने बताया कि हादसे की सूचना मिली थी । युवक डिंगर माजरा रोड का रहने वाला है लेकिन बुजुर्ग के बारे में अभी कोई जानकारी नही मिल पाई है। जांच की जा रही है।

Saturday, 5 March 2022

प्रदेश के हर गरीब व्यक्ति की 15 हजार रूपये होगी मासिक आय, गरीब लोगों का आर्थिक स्तर बढ़ाने के लिए खण्ड़ स्तर पर लगाए जा रहे मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेले-मुख्यमंत्री मनोहर लाल।


सरकारी नौकरियों के पीछे भागने की बजाए स्वरोजगार अपनाएं पढ़े-लिखे लोग, बने स्वावलम्बी।    
घरौंडा, 5 मार्च,  प्रवीण कौशिक
           हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति 15 हजार रूपये मासिक आय से नीचे नहीं रहेगा, इसके लिए सभी जिलो में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेले लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे 11 लाख परिवारों की पहचान की गई थी और बीते दिसम्बर में उनके लिए 160 मेले लगाए गए, उनके माध्यम से साढे 3 लाख लोगों को लाभ पहुंचाया गया। अब 2 मार्च से दूसरा राउण्ड शुरू हो गया है, जिसमें कम से कम 250 मेले लगाए जाएंगे और यह मेले आगामी 17 मार्च तक लगेंगे। मुख्यमंत्री शनिवार को करनाल जिला के घरौंडा में आयोजित मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेले में आई जनता को सम्बोंधित कर रहे थे।
प्रदेश में मुख्यमंत्री शतो उद्यमी सारथी योजना की शुरूआत- उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज से मुख्यमंत्री शतो उद्यमी सारथी योजना की शुरूआत की गई है। इसके लिए 100-100 व्यक्तियों के समूह पर 5-5 अनुभवी लोग सारथी के रूप में रहेंगे। समाजसेवा की भावना रखने वाले सारथी होंगे, जो एक समर्पण पोर्टल पर अपना नाम देंगे। यह लोग, ऐसे व्यक्तियों को समझाएंगे, जो सरकार की किसी भी स्कीम का लाभ लेकर उसमें अपना काम नहीं कर रहे। मुख्यमंत्री का कहना था कि स्वरोजगार स्कीम में ऋण लेकर लाभार्थी को अपना काम शुरू करना चाहिए, पैसे का दुरूपयोग न हो। उन्होंने कहा कि परिवार उत्थान मेले, सस्ता ऋण लेकर अपना काम शुरू करने और उसके बढ़ाने के लिए है, ऐसे ऋण से मकान और विलासता की कोई चीज भी नहीं खरीदनी चाहिए।
गरीब की मदद करना है सरकार का मकसद- मुख्यमंत्री ने बताया कि समाज में गरीब और अमीर दो तरह के लोग हैं। अगर कोई व्यक्ति सम्पन्न है तो उसके प्रति ईष्या का भाव नहीं होना चाहिए, बल्कि तरीका यह है कि गरीब की किसी न किसी तरीके से मदद की जाए। प्रदेश में वर्षों पहले भी अनेक योजनाएं थी, लेकिन उनका फायदा चतुर लोग ही उठा लेते थे, वास्तविक लोगों को उनका लाभ नहीं मिलता था। अब गरीब कौन और कितने हैं, इसका पता लगाने के लिए प्रदेश में परिवार पहचान पत्र बनाए गए। कौन व्यक्ति किस योजना का लाभ ले सकता है, इसका खाका भी तैयार किया गया और जरूरतमंदों को मुख्यमंत्री परिवार समृद्घि योजना से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री जन ज्योति बीमा योजना व जन सुरक्षा बीमा जैैसी ऐसे योजनाएं है, जिसकी व्यक्ति को प्रीमियम नहीं देना पड़ता, उसका वहन सरकार खुद करती है।
भावी पीढ़ी के लिए कारगर साबित होंगे अंत्योदय परिवार उत्थान मेले- मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे नम्बरो से उत्तीर्ण होते हैं, वे सरकारी नौकरी में आते हैं, जो नौकरी नहीं ले सकते, वह स्वरोजगार के लिए आगे आएं। प्रदेश में स्वरोजगार की अनेक स्कीमे हैं, जिनमें प्रशिक्षण के अलावा आसान किस्तों का ऋण और सब्सिडी दी जा रही है। कारीगर लोग प्रशिक्षण लेकर विदेशों में भी जा सकते हैं, जहां उनकी मांग है। अब पढ़े-लिखे लोग भी स्वरोजगार को अपना रहे हैं, इससे अगली पीढ़ी का सुधार होगा।
5 लाभार्थियों को दिए स्वीकृति पत्र- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेले में आए 5 लाभार्थियों को बॉक्स मेकिंग मशीन, पशु डेयरी और मनियारी की दुकान जैसे कार्यों के लिए  23 लाख 88 हजार रूपये ऋण के स्वीकृति पत्र प्रदान किए। इनमें कमलजीत को 15 लाख रूपये, विकास कुमार को 1 लाख 60 हजार, बाला देवी को 2 लाख, रेशमा देवी को 1 लाख 50 हजार तथा लोकेश को 98 हजार रूपये का ऋण स्वीकृति पत्र दिया गया। इसके अलावा आज ही इस मेले में 20 इसी तरह के लाभार्थियों को करीब 39 लाख रूपये के ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। बता दें कि इन  सभी लाभार्थियों ने गत मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेले में ऋण के लिए आवेदन दिया था।
मुख्यमंत्री ने अंत्योदय मेले का किया अवलोकन- मंच पर सम्बोधन से पहले मुख्यमंत्री ने आयोजित मेेले में सभी स्टालो का अवलोकन किया और उनमें मौजूद स्कीमो का लाभ लेने आए लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि जिस स्कीम में ऋण प्राप्त करेंगे, उसका सदुपयोग करें। अधिकारियों से उन्होंने कहा कि कोई भी आवेदनकर्ता खाली हाथ न जाए, उसे किसी न किसी स्वरोजगार स्कीम का लाभ दिया जाए।    
                   घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने इस अवसर पर इलाके की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में हरियाणा विकास की बुलंदियों को छू रहा है। घरौंडा हल्का में भी अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई अंत्योदय परिवार उत्थान योजना ऐसे अनूठी योजना है, जिसमें गरीब व्यक्ति सरकारी स्कीमो का लाभ उठाकर अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है। इसे लेकर प्रदेश में अंत्योदय परिवार उत्थान मेले लगाए जा रहे हैं। मेलो की कारगुजारी देखने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं यहां का दौरा किया है। बता दें कि मेले में 1 हजार से अधिक लाभार्थियों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें से दोपहर तक 400 से अधिक ने भिन्न-भिन्न स्कीमो में आवेदन किया।  
                   इस अवसर पर करनाल के सांसद संजय भाटिया, हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की चेयरपर्सन निर्मला बैरागी, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के मिशन डायरेक्टर मनदीप सिंह बराड़, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया, नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल, भाजपा के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र राणा, मीडिया कॉर्डिनेटर जगमोहन आनंद, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला, भाजपा के महामंत्री राजबीर शर्मा, भाजपा नेता सतीश राणा, रजनी चुघ,  जिला परिषद के सीईओ सुशील कुमार तथा एसडीएम घरौंडा अभय जांगड़ा मौजूद रहे। 

Thursday, 3 March 2022

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के अभिभावकों की उड़ी रातों की नींद

 घर वापिसी की जद्दोजहद में छात्र, घरौंडा क्षेत्र के सात छात्र यूक्रेन में फंसे, अभिभावकों ने सरकार से लगाई फ्लाइटों की संख्या बढ़ाने की गुहारघरौंडा: प्रवीण कौशिक
यूके्रन में रूस की बमबारी के बीच यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हजारों भारतीय छात्र जहां घर वापिसी की जद्दोजहद में लगे हुए है, वहीं छात्रों के अभिभावकों की रातों की नींद और दिन चैन उड़ा हुआ है। घरौंडा शहर व आसपास के गांवों से छह छात्र यूक्रेन में फंसे हुए है। छात्रों के अभिभावक सरकार के प्रयासों को नाकाफी बता रहे है। अम्बेसी से भी सहयोग ना मिलने के आरोप लगाए जा रहे है। अभिभावकों की माने तो उनके जिगर के टुकड़ों को माइनेस पांच डिग्री तापमान भूखे-प्यासे कई-कई किलोमीटर तक चलना पड़ रहा है। ना खाने को है और ना ही पीने को। अभिभावकों का कहना है कि जिस स्पीड से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है उससे अनुसार तो उनके बच्चों को वापिस आने क्या पता कितने दिन लग जाएगें।
डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए अभिभावकों ने लाखों रुपए खर्च कर यूक्रेन भेजा, लेकिन रूस के हमले ने यूक्रेन में खलबली मचा दी। डर के साय में यूक्रेन में फंसे छात्र बॉर्डरों तक पहुंचने की कोशिश में लगे हुए है। भारत सरकार ने भी ऑपरेशन गंगा शुरू किया हुआ है। जिसके बाद छात्रों में उम्मीद जगी है कि वे सकुशल घर तक पहुंच जाएंगें। घरौंडा शहर से चार और पुंडरी, डिंगर माजरा व बरसत गांव से एक-एक छात्र यूके्रन में फंसा हुआ है।
कौन-सा छात्र कहां पर है फंसा-
घरौंडा की धर्मबीर कालोनी में रहने वाला स्पर्श पुत्र सुरेंद्र यूक्रेन के बुडापेस्ट एयरपोर्ट पर है, जबकि धर्मबीर कालोनी की तिशा काजल पुत्री प्रमाल सिंह पोलेंड में है। वहीं वार्ड-14 की रिधी शर्मा पुत्री सुदर्शन शर्मा रोमानिया बॉर्डर पर है। घरौंडा के अराईपुरा रोड का रहने वाला विशाल पुत्र राजेंद्र बुडापेस्ट में है। पुंडरी गांव का शुभम पुत्र पवन कुमार रोमानिया बॉर्डर पर है। बरसत गांव का गौरव पुत्र ऋषिपाल हंगरी बॉर्डर पर और डिंगर माजरा का योगेश पुत्र विनोद कुमार रोमानिया बॉर्डर पर फंसा हुआ है। सभी छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों के सकुशल लौटने की कामना कर रहे है।
जितना सहयोग मिलना चाहिए था उतना नहीं मिला-रिद्दी शर्मा के अभिभावक सुदर्शन शर्मा व रेखा शर्मा का कहना है कि सरकार की तरफ से जितना सहयोग मिलना चाहिए था उतना नहीं मिला। जिन लोगों के माध्यम से रिद्दी को भेजा गया था उन्हीं ने किसी तरह से बॉर्डर तक पहुंचाया, लेकिन उसके बाद तीन दिन तक उनकी बच्ची तीन दिन तक भूखी प्यासी रही। नाईजीरिया के विद्यार्थियों ने भी उनकी बच्ची के साथ बुरा व्यवहार किया। एंबेसी फोन तक नहीं उठा रही। तीन दिन तक हमे भी नहीं पता था कि हमारी बच्ची कहां है और किस हालत में है। जब से गोलीबारी में एक युवक की मौत हुई है उसके बाद उनकी चिंता ओर भी बढ़ गई है। सरकार फ्लाईटों की संख्या बढ़ाए और जल्द से जल्द उनके बच्चों को वापिस लेकर आए।हमारी रातों की नींद उड़ी हुई है-
विशाल के पिता राजेंद्र सिंह व माता मीनू का कहना है कि जिसका बच्चा युद्ध क्षेत्र में फंसा हुआ हो, उनके दिलों पर क्या बीत रही है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यूक्रेन में छात्र की मौत के बाद तो दहशत ओर भी ज्यादा बढ़ गई है। उनके बच्चें को कभी बंकर में छिपना पढ़ रहा है तो कभी कहीं ओर शरण लेनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी उनके पास सिर्फ डिटेल लेने के लिए पहुंच रहे है और डिटेल लेकर चले जा रहे है। लेकिन उनका बच्चा कब तक आएगा इसका कोई अंदाजा नहीं है। अभी उनका बच्चा बुडापेस्ट एयरपोर्ट पर है और उसको थोड़ी बहुत हेल्प ही मिल पा रही है। सरकार जल्द से जल्द सभी भारतीयों को वहां से निकाले।

कैमला में छत से गिरने पर व्यक्ति की मौत, परिजनों ने लगाया छत से धक्का देकर हत्या करने का आरोप,

 पुलिस ने तीन के खिलाफ किया हत्या का मामला दर्जघरौंडा: प्रवीण कौशिक
कैमला गांव में एक व्यक्ति की छत से गिरने पर मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकद्मा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
कैमला निवासी धर्म सिंह उर्फ पीनू पुत्र रामकुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि बुधवार की शाम करीब साढ़े चार बजे उसे किसी परिचित ने फोन पर सूचना दी कि उसके छोटे भाई राममेहर उर्फ सोनू गांव के अनिल उर्फ कालू के घर की छत से नीचे गिरने पर चोट लग गई है। जिसके बाद वह अनिल के घर पहुंचा तो उसने पाया कि उसके भाई को सिर में चोट लगी हुई थी और उसके मुहं, नाक व कान से खून निकल रहा था। इसके साथ ही दाहिने कान पर एक कट का निशान भी था। उसी समय वह अपने चचेर भाई रवि के साथ राममेहर को उठाकर घरौंडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शिकायतकर्ता धर्म सिंह का आरोप है कि उसके भाई को छत से धक्का दिया गया है। धर्म सिंह ने अनिल पुत्र सुंदरा, बाला पुत्र फता लुहार व एक अन्य व्यक्ति पर राममेहर को छत से धक्का देने का आरोप लगाया है। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है और वीरवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने अनिल, बाला व एक अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
वर्जन-
कैमला गांव में छत से गिरकर राममेहर नामक व्यक्ति की मौत हो गई है। परिजनों ने तीन लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। फिलहाल किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
-दीपक कुमार, थाना प्रभारी घरौंडा। 

मनीष गुप्ता भाविप घरौंडा के अध्यक्ष,दीपक शर्मा सचिव व हरीश गर्ग कोषाध्यक्ष बने।

दायित्व ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत घरौंडा, डॉ प्रवीण कौशिक           भारत विकास परिषद्, शाखा घरौंडा द्वार...