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Thursday, 24 February 2022

डीआईपीआरओ कार्यालय करनाल में सतीश कुमार व विष्णु दत्त बने अधीक्षक

करनाल,प्रवीण कौशिक
जिला सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय में कार्यरत लेखाकार सतीश कुमार व आईसी विष्णु दत्त को विभाग द्वारा अधीक्षक पद पर पदोन्नत किए जाने पर जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी कृष्ण कुमार आर्य ने बधाई दी और उनके उन्नत भविष्य की कामना की।
यह दोनों कर्मचारी इससे पहले भी कार्यालय में कार्यरत रहे जोकि लंबे समय से अच्छा कार्य कर रहे हैं। बता दें कि विभाग द्वारा अन्य 15 लेखाकारों एवं आईसीए को भी अधीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया है।
कार्यालय के अन्य कर्मचारियों एआईपीआरओ रघुबीर सिंह, लिपिक सुशील कुमार, विजय कुमार, सतपाल शर्मा, कर्म सिंह, बालकिशन, चालक विजय कुमार, प्यारे लाल सहित अन्य कर्मचारियों ने दोनों को पदोन्नति होने पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी। 
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घरौंडा दर्पण टीम व वरिष्ठ पत्रकार डॉ प्रवीण कौशिक की ओर से बहुत बहुत बधाई
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Sunday, 20 February 2022

भारत विकास परिषद् के रक्तदान शिविर में 68 लोगों ने किया रक्तदान

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी संगीता शर्मा ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरूआत की। रक्तदान शिविर में युवाओं में भारी जोश दिखाई दिया।
घरौंडा:डॉ प्रवीण कौशिक
भारत विकास परिषद शाखा घरौंडा ने सनातन धर्म मंदिर में रक्तदान शिविर लगाया।  शिविर ब्लड बैंक करनाल एवं रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से लगाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी संगीता शर्मा ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरूआत की। रक्तदान शिविर में युवाओं में भारी जोश दिखाई दिया। शिविर में महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। आज के शिविर में 86 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया, उसमें से 68 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया। कुछ लोगों की बीपी एवं अन्य समस्याओं के कारण ब्लड नहीं लिया गया।
 शाखा अध्यक्ष राहुल गर्ग ने वहां पर पहुंचें सभी डॉक्टर्स, रक्त दाताओं, भारत विकास परिषद के सभी पूर्व अध्यक्ष और सदस्यों, शहर से आए गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया। डॉक्टर संजीव द्वारा लोगों को रक्तदान करने के फायदे बताए गए। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि भारत विकास परिषद निरंतर इस तरह समाजिक  कार्य करती रहती है, जो सराहनीय है। कार्यक्रम के प्रकल्प प्रमुख राजेश जैन एवं चांद पहल रहे। इस कार्यक्रम में अध्यक्ष राहुल गर्ग, सचिव वरुण गुप्ता,  उपाध्यक्ष अरुण धीमान, सहसचिव मनीष गुप्ता, प्रांतीय महासचिव धीरज भाटिया, प्रांतीय स्थाई प्रकल्प प्रमुख विक्रांत राणा, निवर्तमान अध्यक्ष नरेंद्र राणा, पूर्व अध्यक्ष विजय गर्ग, कपिल गुप्ता, राजेश जैन, राजिंदर गोयल, डॉ. मुकेश अग्रवाल, ललित शर्मा, महिला प्रमुख मीनू शर्मा, महिला सदस्य मीनू गुप्ता, कीर्ति सचदेवा, पुरुष सदस्य हरीश गुप्ता, दीपक शर्मा, अनिल ठकराल, पुनीत चुघ, सुभाष गर्ग व अन्य मौजूद रहे।

Saturday, 19 February 2022

विधायक हरविंद्र कल्याण ने ट्रैफिक लाइट व्यवस्था का लिया जायजा। https://fb.watch/bgOrMvOfiQ/

लोगों ने रखी ट्रैफिक पुलिस और सीसीटीवी की डिमांड, विधायक ने लोगों से की ट्रेफिक नियमों का पालन करने की अपीलघरौंडा,प्रवीण कौशिक
शहर के रेलवे रोड चौक पर ट्रैफिक लाइट शुरू हो गई है। विधायक हरविंद्र कल्याण ने रेलवे रोड चौंक पहुंचकर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जहां उन्होंने ट्रैफिक की प्रोसेसिंग चैक की और लोगों से भी फीडबैक लिया। विधायक के सामने लोगों ने चौक पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने तथा ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाने की डिमांड रखी। विधायक हरविंद्र कल्याण ने लोगों के विचारों को सुना और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें ताकि स्वयं के साथ-साथ दूसरे भी सुरक्षित रहें।
रेलवे रोड चौक पर ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए नगरपालिका ने करीब 13 लाख रुपए की लागत से ट्रैफिक लाइट लगवाई है। शनिवार को विधायक हरविंद्र कल्याण ट्रैफिक व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पहुंचें। विधायक ने स्वंय डेढ घंटे तक चौक पर खड़े होकर स्थिति जांची। विधायक के सामने ही बहुत से वाहन चालक रेड लाइट के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर क्रोसिंग करते दिखाई दिए, जबकि कुछ वाहन चालकों ने ट्रैफिक नियमों का पालन भी किया और रेड लाइन होने पर रूके और ग्रीन होने पर चल पड़े। इसके साथ ही दोनों साइडों में ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग पर भी ध्यान दिया गया। जिसमें सामने आया कि ज्यादा टाइम होने की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग रही है। जिसको कम किए जाने पर भी मंथन किया गया, ताकि ट्रैफिक सुचारू रूप से चले। इसके अलावा जेब्रा क्रॉसिंग भी सड़क पर लगवाई जाएगी। जिससे वाहन चालक एक निश्चित दूरी पर रूके। शहरवासियों ने भी विधायक के सामने सीसीटीवी व पुलिस की व्यवस्था चौक पर करवाए जाने की डिमांड रखी।
 शहरवासी डॉ प्रवीण कौशिक, मोहिंद्र सोनी, राजेंद्र भट्ट, रविंद्र राणा, अंकित, नरेश, देवेंद्र व अन्य का कहना है कि ट्रैफिक लाइट की डिमांड कई दशक पुरानी है। जिस पर बीजेपी के शासनकाल में मुहर लगी। विधायक के प्रयास से ट्रैफिक लाइट का सपना साकार हो पाया है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भी जरूरी है। वहीं विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि ट्रैफिक लाइट लग चुकी है। अब ट्रैफिक नियमों का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति और वाहन चालक की जिम्मेदारी बनती है। मौके का मुआयना किया गया है, जिसमें कुछ डिमांड भी लोगों ने रखी है। जिन पर मंथन किया जाएगा और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगें।इस मौके पर नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा, पूर्व चेयरमैन व स्वच्छता ब्रांड अम्बेसडर सुभाष गुप्ता,स्वच्छता ब्रांड अम्बेसडर डॉ प्रवीण कौशिक, स्वच्छता ब्रांड अम्बेसडर महेंद्र सोनी, पूर्व मंडी प्रधान सुशील गर्ग, स्वच्छता ब्रांड अम्बेसडर पवन जैन, संजीव सैन, रोहित भंडारी, देवेंद्र कौशिक व अन्य मौजूद रहे।

प्रोपर्टी आईडी को लेकर नगरपालिका लगा रही है 21 फरवरी से 28 फरवरी तक विशेष कैंप, https://fb.watch/bgMFfzFN-B/

प्रोपर्टी आईडी की गलतियों को सुधारने का मौका, एक अप्रैल से लागू होगा नया प्रोपर्टी टैक्सघरौंडा : प्रवीण कौशिक
प्रोपर्टी आईडी की त्रुटियों को दुरूस्त करवाने को लेकर नगरपालिका एक विशेष कैंप लगा रही है। जिसमें कोई भी मकान मालिक अपनी प्रोपर्टी आईडी से जुड़ी त्रुटि को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है। 21 फरवरी से 28 फरवरी तक चलने वाले कैंप में नगरपालिका कर्मचारी की टीम भी कंपनी के कर्मचारियों का पूरा सहयोग करेगी। अधिकारियों की माने तो यदि कैंप के दौरान भी कोई व्यक्ति अपनी प्रोपर्टी आईडी से जुड़ी गलती को ठीक नहीं करवाता है तो एक अप्रैल से नया प्रोपर्टी टैक्स लागू हो जाएगा और प्रोपर्टी मालिक को उसी नियम के तहत भुगतान करना होगा।
प्रोपर्टी टैक्स का नया सर्वे करवाने के लिए सरकार ने यासी कंसलटेंसी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी थी।  प्राइवेट एजेंसी ने ड्रोन व्यू व व्यक्तिगत तौर पर पूरे शहर की प्रोपर्टी का सर्वे किया और अस्समेंट नोटिस बांटे। अधिकारियों की माने तो कुल 11395 प्रोपर्टी शहर में है। जिनमें से एजेंसी द्वारा 10 हजार 370 प्रोपर्टी मालिकों को अस्समेंट नोटिस बांटे थे। जिसमें से 1535 लोगों ने अपने दावे व आपत्तियां दर्ज करवाई है। जबकि 1025 लोगों ने नोटिस नहीं लिए। अधिकारियों की माने तो यदि नोटिस में प्रोपर्टी से जुड़ी किसी तरह की गलती है, चाहे वह नाम से संबंधित हो या फिर एड्रेस से संबंधित, वह नगरपालिका कार्यालय में आकर उस गलती को दुरूस्त करवा सकता है। लाल डोरे में आने वाली प्रोपर्टी को लेकर कुछ दिक्कतें सामने आई और व्यवस्थाओं को लेकर भी परेशानियां सामने आई। नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा ने यासी एजेंसी के अधिकारियों के साथ बातचीत की है और कुछ दिक्कतों का समाधान भी निकाला है तो लोगों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। 
नपा सचिव रविप्रकाश शर्मा ने बताया कि लाल डोरे वाले प्रोपर्टी मालिक अपना पुराना रिकॉर्ड लेकर आ सकते है, उसी के आधार पर प्रोपर्टी आईडी तैयार की जाएगी। इसके साथ ही 21 फरवरी से 28 फरवरी तक विशेष कैंप लगाया जाएगा। जिसमें प्रोपर्टी आईडी बनवाने वाले व्यक्ति अपनी जमीन या मकान संबंधी त्रुटि को ठीक करवा सकते है अथवा अपने दावे या आपत्तियां दर्ज करवा सकते है। लोगों की सहायता के लिए नगरपालिका के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी।

Friday, 18 February 2022

हिंदुत्व ही नही राष्ट्रीयता के पोषक थे मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी - डॉ मुकेश अग्रवाल,घरौंडा

डॉ मुकेश अग्रवाल की कलम से....
जयंती पर विशेष
शिवाजी राजे भोंसले पश्चिमी भारत के मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे, उनका जन्म 19 फ़रवरी 1630  
एवं मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को हुई थी। शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था। सेनानायक के रूप में शिवाजी की महानता निर्विवाद रही है। शिवाजी भारत के महान् योद्धा एवं रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुग़ल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वे छत्रपति बने। शिवाजी ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध की नयी शैली (शिवसूत्र) को विकसित किया। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनैतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फ़ारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया।

हिंदवी स्वराज्य की अवधारणा:

1645 ई. में किशोर शिवाजी ने प्रथम बार हिंदवी स्वराज्य की अवधारणा दादाजी नरस प्रभु के समक्ष प्रकट की। शिवाजी प्रभावशाली कुलीनों के वंशज थे। उस समय भारत पर मुस्लिम शासन था। उत्तरी भारत में मुग़लों तथा दक्षिण में बीजापुर और गोलकुंडा में मुस्लिम सुल्तानों का, ये तीनों ही अपनी शक्ति के ज़ोर पर शासन करते थे और प्रजा के प्रति कर्तव्य की भावना नहीं रखते थे। शिवाजी की पैतृक जायदाद बीजापुर के सुल्तान द्वारा शासित दक्कन में थी। उन्होंने मुसलमान शासकों द्वारा किए जा रहे दमन और धार्मिक उत्पीड़न को इतना असहनीय पाया कि 16 वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते उन्हें विश्वास हो गया कि हिन्दुओं की मुक्ति के लिए ईश्वर ने उन्हें नियुक्त किया है। उनका यही विश्वास जीवन भर उनका मार्गदर्शन करता रहा।

औरंगजेब से संधि:
 
पुरन्दर की संधि के दौरान अपनी सुरक्षा का पूर्ण आश्वासन प्राप्त कर शिवाजी आगरा के दरबार में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब से मिलने के लिए तैयार हो गये। वह 9 मई, 1666 ई. को अपने पुत्र शम्भाजी एवं 4000 मराठा सैनिकों के साथ मुग़ल दरबार में उपस्थित हुए। मुग़ल दरबार में बादशाह औरंगज़ेब द्वारा उचित सम्मान न प्राप्त करने पर शिवाजी ने भरे हुए दरबार में औरंगज़ेब को 'विश्वासघाती' कहा, जिसके परिणमस्वरूप औरंगज़ेब ने शिवाजी एवं उनके पुत्र को 'जयपुर भवन' में क़ैद कर दिया। वहाँ से शिवाजी 13 अगस्त, 1666 ई. को फलों की टोकरी में छिपकर फ़रार हो गये और 22 सितम्बर, 1666 ई. को रायगढ़ पहुँचे। जसवंत सिंह की मध्यस्थता से 9 मार्च, 1668 ई. को पुनः शिवाजी और मुग़लों के बीच सन्धि हुई। इस संधि के बाद औरंगज़ेब ने शिवाजी को जागीर दी तथा उनके पुत्र शम्भाजी को पुनः उसका मनसब 5000 प्रदान कर दिया।

राज्याभिषेक एवं छत्रपति की उपाधि:
 
सन 1674 तक शिवाजी ने उन सारे प्रदेशों पर अधिकार कर लिया था, जो पुरन्दर की संधि के अन्तर्गत उन्हें मुग़लों को देने पड़े थे। पश्चिमी महाराष्ट्र में स्वतंत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के बाद शिवाजी ने अपना राज्याभिषेक करना चाहा, परन्तु ब्राह्मणों ने उनका घोर विरोध किया। विभिन्न राज्यों के दूतों, प्रतिनिधियों के अलावा विदेशी व्यापारियों को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया। शिवाजी ने छत्रपति की उपाधि ग्रहण की। काशी के पण्डित विशेश्वर जी भट्ट को इसमें विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, पर उनके राज्याभिषेक के 12 दिन बाद ही उनकी माता का देहांत हो गया। इस कारण से 4 अक्टूबर, 1674 ई. को दूसरी बार उनका राज्याभिषेक हुआ। दो बार हुए इस समारोह में लगभग 50 लाख रुपये खर्च हुए। इस समारोह में हिन्दू स्वराज की स्थापना का उद्घोष किया गया था। विजयनगर के पतन के बाद दक्षिण में यह पहला हिन्दू साम्राज्य था। एक स्वतंत्र शासक की तरह उन्होंने अपने नाम का सिक्का चलवाया। इसके बाद बीजापुर के सुल्तान ने कोंकण की विजय के लिए अपने दो सेनाधीशों को शिवाजी के विरुद्ध भेजा, पर वे असफल रहे।
 
मराठा साम्राज्य की स्थापना:

अपनी मृत्यु से पूर्व ही शिवाजी ने मुग़लों, बीजापुर के सुल्तान, गोवा के पुर्तग़ालियों और जंजीरा स्थित अबीसिनिया के समुद्री डाकुओं के प्रबल प्रतिरोध के बावजूद दक्षिण में एक स्वतंत्र हिन्दू राज्य की स्थापना कर दी थी। धार्मिक आक्रामकता के युग में वह लगभग अकेले ही धार्मिक सहिष्णुता के समर्थक बने रहे थे। उनका राज्य बेलगांव से लेकर तुंगभद्रा नदी के तट तक समस्त पश्चिमी कर्नाटक में विस्तृत था। इस प्रकार शिवाजी एक साधारण जागीरदार के उपेक्षित पुत्र की स्थिति से अपने पुरुषार्थ द्वारा ऐसे स्वाधीन राज्य के शासक बने, जिसका निर्माण स्वयं उन्होंने ही किया था। उन्होंने उसे एक सुगठित शासन-प्रणाली एवं सैन्य-संगठन द्वारा सुदृढ़ करके जन साधारण का भी विश्वास प्राप्त किया। जिस स्वतंत्रता की भावना से वे स्वयं प्रेरित हुए थे, उसे उन्होंने अपने देशवासियों के हृदय में भी इस प्रकार प्रज्वलित कर दिया कि उनके मरणोंपरान्त औरंगज़ेब द्वारा उनके पुत्र का वध कर देने, पौत्र को कारागार में डाल देने तथा समस्त देश को अपनी सैन्य शक्ति द्वारा रौंद डालने पर भी वे अपनी स्वतंत्रता बनाये रखने में समर्थ हो सके। उसी से भविष्य में विशाल मराठा साम्राज्य की स्थापना हुई। शिवाजी यथार्थ में एक व्यावहारिक और आदर्शवादी व्यक्ति थे।
 
शिवाजी का व्यक्तित्व:
 
भारत के जिन वीरों ने अपनी असाधारण वीरता, त्याग और बलिदान से भारतभूमि को धन्य किया है, उनमें वीर शिवाजी का नाम अग्रगण्य है। मातृभूमि भारत की स्वतन्त्रता एवं गौरव के रक्षक वीर शिवाजी एक साहसी सैनिक, दूरदर्शी इंसान, सतर्क व सहिष्णु देशभक्त थे। उनकी चारित्रिक श्रेष्ठता, दानशीलता के अनेक उदाहरण गौरवगाथा के रूप में मिलते हैं। वे महाराष्ट्र के ही नहीं, समूची मातृभूमि के सेवक थे। वे हिन्दुत्व के नहीं, राष्ट्रीयता के पोषक रहे थे।

समर्पित एवं उदार हिन्दू:

शिवाजी एक समर्पित हिन्दू होने के साथ-ही-साथ धार्मिक सहिष्णु भी थे। उनके साम्राज्य में मुसलमानों को पूरी तरह से धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त थी। कई मस्जिदों के निर्माण के लिए शिवाजी ने अनुदान दिया। उनके मराठा साम्राज्य में हिन्दू पण्डितों की तरह मुसलमान सन्तों और फ़कीरों को भी पूरा सम्मान प्राप्त था। उनकी सेना में मुसलमान सैनिक भी थे। शिवाजी हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देते थे। पारम्परिक हिन्दू मूल्यों तथा शिक्षा पर बल दिया जाता था। वह अपने अभियानों का आरंभ भी अकसर दशहरा के अवसर पर करते थे।

आदर्श पुत्र:

शिवाजी की माता, जो स्वतंत्र विचारों वाली हिन्दू कुलीन महिला थीं, ने जन्म से ही उन्हें दबे-कुचले हिंदुओं के अधिकारों के लिए लड़ने और मुस्लिम शासकों को उखाड़ फैंकने की शिक्षा दी थी। छत्रपति शिवाजी महाराज को अपने पिता से स्वराज की शिक्षा मिली, जब बीजापुर के सुल्तान ने शाहजी भोंसले को बन्दी बना लिया तो एक आदर्श पुत्र की तरह उन्होंने बीजापुर के शाह से सन्धि कर शाहजी को छुड़वा लिया। इससे उनके चरित्र में एक उदार अवयव नजर आता है।शाहजी के मरने के बाद ही उन्होंने अपना राज्याभिषेक करवाया।
 
उत्तम कूटनीतिज्ञ:

वह एक अच्छे सेनानायक के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे। कई जगहों पर उन्होंने सीधे युद्ध लड़ने की बजाय युद्ध से भाग लिया था। लेकिन यही उनकी कूटनीति थी, जो हर बार बड़े से बड़े शत्रु को मात देने में उनका साथ देती रही। शिवाजी महाराज की "गनिमी कावा" नामक कूटनीति, जिसमें शत्रु पर अचानक आक्रमण करके उसे हराया जाता है, विलोभनियता से और आदरसहित याद किया जाता है। 
प्रस्तुति:-

छत्रपति शिवाजी
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ओढ़ी चादर राष्ट्रवाद की
जीत का शंख बजा दिया
हिंदवी की कल्पना का
बीज जिसने उगा दिया

ता उम्र सीना कर चौड़ा
लड़ता रहा एक सिंह सा
औरंगजेब सा शासक भी
अपने आगे झुका दिया

गोरिल्ला युद्ध मे जिससे
कभी ना जीत पाया कोई
युद्ध की एक नई शैली से 
सब का दर्प गिरा दिया

कभी दूध जीजा माता का
जिस ने ना लजने दिया
मस्तक पिता का अपने
ऊंचा कर के दिखा दिया

नमन उस वीरता को आज
आओ हम सब मिलके करें
जिसने शिवाजी मराठे को
छत्रपति महाराज बना दिया

-- डॉ मुकेश अग्रवाल

बीजना गांव के समीप सड़क पर खेल रहे चार बच्चों को तेज रफ्तार से आ रही कार ने कुचला

घरौंडा, प्रवीण कौशिक
बीजना गांव के समीप सड़क पर खेल रहे चार बच्चों को तेज रफ्तार से आ रही कार ने कुचल दिया। कार दुर्घटना मे दो बच्चों क़ी मौक़े पर ही मौत हो गयी, जबकि दो अन्य बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को करनाल के कल्पना चावला अस्पताल मे दाखिल करवाया गया है। गुस्साए ग्रामीणों ने मूनक करनाल मार्ग को जाम कर दिया। सुचना मिलते ही पुलिस मौक़े पर पहुंच गई। और ग्रामीणों को समझा कर जाम खुलवाया व कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही आरम्भ कर दी है।
शुक्रवार को देर शाम बीजना गांव मे सिंगला भट्टे पर कार्यरत श्रमिक वकील के दो बच्चे साहिल 13 सोहिल 7 व रहिस के  लड़का अन्नू 12 व लड़की आलिया 3 साल  सड़क किनारे खेल रहे तो करनाल क़ी और तेज गति से जा रही डिजायर कार ने चारों बच्चो को कुचल दिया। दुर्घटना होते ही भट्टे कर कार्य करने वाले श्रमिक व ग्रामीण मौक़े पर पहुंच गए और घटना स्थल पर चीख पुकार मच गई। ग्रामीणों के अनुसार साहिल और सोहिल क़ी मौक़े पर ही मौत हो गई। और अन्नू व आलिया को गंभीर अवस्था मे करनाल के कल्पना चावला अस्पताल मे दाखिल करवाया गया है। जैसे ही दुर्घटना क़ी सुचना ग्रामीणों को लगी वे भी भारी संख्या मे मौक़े पर पहुंच गए और रोष स्वरूप मुनक  करनाल मार्ग जाम कर दिया। घटना क़ी सुचना मिलते ही डीएसपी विजय देशवाल समेत पुलिस मौक़े पर पहुंच गईऔर ग्रामीणों को समझा कर जाम खुलवाया गया।पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच आरम्भ कर दी है।
गांव बीजना के पास एक कार चालक ने चार बच्चो को कुचल दिया था जिसमे दो सगे भाइयो क़ी मौत हो गई व दो घायल हुए है परिजनों क़ी शिकायत पर कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरम्भ कर दी है।
--- तरसेम सिंह
थाना प्रभारी सदर करनाल ..

बरसत में पानी की निकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने किया काम शुरू

आश्वासन के अनुसार  तीन दिन के अंदर पानी की निकासी का हल करने का कार्य शुरू होने पर ग्रामीणों ने विधायक हरविंद्र कल्याण का आभार जताया है।
घरौंडा:प्रवीण कौशिक
गांव बरसत में पानी की निकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है।ग्रामीणों का कहना है कि पानी निकासी की समस्या का हल होने से गांव बरसत के साथ -साथ दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को फायदा मिलेगा। विधायक कल्याण के निर्देश पर प्रशासन ने तीन दिन के अंदर पानी की निकासी का हल करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया गया था।जिसके चलते गांव में नालों की सफाई का कार्य जेसीबी से शुरू करवा दिया है। आश्वासन के अनुसार  तीन दिन के अंदर पानी की निकासी का हल करने का कार्य शुरू होने पर ग्रामीणों ने विधायक हरविंद्र कल्याण का आभार जताया है।
बता दें कि गांव बरसत में पानी की निकासी की समस्या काफी दिनों से चली आ रही थी।ग्रामीणों ने पानी की निकासी के लिए अधिकारियों को गुहार भी लगाई थी, लेकिन समस्या का हल नहीं हो रहा था।जिसके चलते ग्रामीणों ने गत सोमवार की सांय बरसत-कलहेड़ी रोड को बंद करके सड़क पर ही चारपाई बिछाकर बैठ गए थे।ग्रामीणों ने ऐलान कर दिया था कि जब तक समस्या का हल नही होता, तब तक सड़क ही बैठे रहेंगे।जैसे ही मामला विधायक हरविंद्र कल्याण के सामने आया, तो उन्होंने मंगलवार को सुबह एसडीएम अभय सिंह जांगड़ा व अन्य विभाग के संबधित अधिकारियों सहित अपने निजी सहयोगियों को भेजा।
एसडीएम अजय जांगड़ा  ने ग्रामीणों से बातचीत की और दो-तीन दिन के अंदर पानी निकासी का हल कराने का आश्वासन दिया था।जिसके चलते गांव में पानी निकासी का हल करने के लिए कार्य पूरे जोरों से शुरू हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि विधायक कल्याण व  प्रशासन ने जो आश्वासन दिया था उसी के चलते गांव में पानी की निकासी का हल करने का कार्य शुरू हो चुका है जिससे ग्रामीणों की कठिनाईयॉ कम होगीं। वही पब्लिक हेल्थ विभाग के एसडीओ रविन्द्र सिंह ने बताया कि गांव बरसत को माहग्राम  योजना में शामिल किया गया है।जिसमें जल्दी ही सीवर लाइन बिछाई जाएगी।जिससे पानी निकासी का स्थायी हल हो जाएगा।
क्या कहते हैं विधायक हरविंद्र कल्याण:-
बरसत गांव में पानी की निकासी की पिछले कुछ महीनों से दोबारा दिक़्क़त आई है। जिसके स्थायी समाधान की योजना लगभग अन्तिम चरण में है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तब तक महाग्राम योजना के अन्तर्गत काम शुरू नहीं होता तब तक कोई अस्थायी हल निकाला जाए।मैंने ग्रामवासियों से भी अपील की है कि अगर पानी निकालने के लिए साथ लगती ज़मीन की ज़रूरत पड़ती है तो उसके लिए प्रशासन का सहयोग करें।

मनीष गुप्ता भाविप घरौंडा के अध्यक्ष,दीपक शर्मा सचिव व हरीश गर्ग कोषाध्यक्ष बने।

दायित्व ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत घरौंडा, डॉ प्रवीण कौशिक           भारत विकास परिषद्, शाखा घरौंडा द्वार...