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Friday, 25 June 2021

पंचायती राज के अधिकारी को दिए निर्देश तालाब की अच्छी तरह से करवाएं जाए खुदाई:सुभाष चंद्र।

पंचायती राज के अधिकारी को दिए निर्देश तालाब की अच्छी तरह से करवाएं जाए खुदाई:सुभाष चंद्र। 
निसिंग,कौशिक
गांव बस्तली के ओवरफ्लो तालाबों की समस्याओं के समाधान को लेकर शुक्रवार को पंचायती राज के अधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन के प्रदेश वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने निरीक्षण किया। वहां मौजूद पंचायती राज एसडीओ लव कुमार, जेई राजेश नरवाल व ग्राम सचिव मुकेश कुमार को निर्देश देते हुए वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने कहा कि सडक़ के पास चार दिवारी बनाई जाए, तालाब की जेसीबी मशीन केसाथ अच्छी तरह से खुदाई करवाई जाए। जिससे दोबारा तालाब ओवरफ्लो न हो। उन्होंने वहां पहुंचे ग्रामीणों को कहा कि तालाब में आने वाले गंदे पानी को कुछ समय के लिए रोका जाए। जिससे तालाब की खुदाई के कार्य में किसी प्रकार की समस्या ना आए और तालाब को सौंदर्यकरण का रूप दिया जा सकें। उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि यह कार्य बरसात के मौसम से पहले किया जाए। इस दौरान वहां मौजूद ग्राम सरपंच प्रदीप कुमार, पंच प्रदीप सिंह, पूर्व सरपंच अनिल कुमार, किसान संघ जिला अध्यक्ष कृष्ण चौधरी, नम्बरदार धर्मपाल, प्रोग्रेसिव किसान जोगिंद्र सिंह, युवा किसान अंकित चौधरी, शिवनंदन शर्मा, सोहन शर्मा, अंर्तराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी कृष्ण उर्फ पप्पू, नंबरदार रामपाल ,सुरेंद्र दिनदयाल,मार्किट कमेटी के पूर्व वाइस चेयरमैन मुकेश गोयल व राजेंद्र भांबड़ी सहित अन्य ग्रामीणों ने वर्षों से बदहाली के आंसू बहा रहे राजकीय प्राईमरी स्कूल के पास स्थित बेहड़ी वाले ओवरफ्लो तालाब की पानी निकलवाकर इस समस्या समाधान करावाने के लिए उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के प्रदेश वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र का आभार व्यक्त किया। उसके बाद ग्राम सरपंच प्रदीप कुमार ने वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र को कोऑपरेटिव सोसायटी में खड़ा गंदा पानी व बेहड़े वाले तालाब की खुदाई करवाकर कोऑपरेटिव सोसायटी में आने वाले पानी की निकासी करवाने की बात कही और बाइस चेयरमैन ने जल्द हल करवाने का आश्वासन दिया। ग्राम सरपंच प्रदीप कुमार ने चेयरमैन को बताया कि गांव में भाजपा सरकार के सहयोग से बहुत विकास कार्य करवाएं गए है,लेकिन कई वर्षों से ओवरफ्लो तालाब के कारण गामीणों को भारी परेशानी का समाना करना पड़ रहा था आपके सहयोग से इनकी समस्या भी जल्द हल हो जाऐगी। 
इस मौके पर पहलवान अशोक, प्रताप सिंह, ब्लॉक समिति सदस्य सतीश कुमार, यशबीर, सुखविंद्र, ऋषि पाल, विरेंद्र कुमार, बलविंद्र, सुभाष, रमेश कुमार, जसवंत ,सुरेंद्र कुमार, सुरेंद्र कोच,पाला जांगड़ा बरास, अमीर सिंह मल्ली, विकास राणा अमुपुर सहित अन्य ग्रामीण ने प्रदेश वाइस चेयरमैन का आभार व्यक्त किया। 

ग्रामीण क्षेत्र में जल भंडारण का एक मात्र साधन, हमारी प्राचीन धरोहर तालाब।

स्वच्छ मिशन के वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने ग्रामीणों को कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्राचीन धरोहर रहे जल भंडारण के एकमात्र साधन तालाबों को बचाने की कवायद प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में शुरू कर दी है। इसी कड़ी में बस्तली सहित अन्य गांवों में भी प्राचीन तालाब को फिर से वजूद में लाने के लिए बदहाली के आंसू बाहा रहे तालाबों का गंदा पानी निकलवाकर कार्य शुरू करवा दिया गया है। गांव बस्तली में कई वर्षों से ओवरफ्लो तालाब का गंदा पानी सडक़,स्कूल व आंगबाड़ी केंद्र में जमा हुआ था। इस पानी की निकासी एक किसान के खेत में करवाकर गंदे पानी को निकाला गया है और तालाब की खुदाई व सडक़ के पास चार दीवारी बनवाकर इसे सौंदर्यकरण का रूप दिया जाऐगा। जिससे ग्रामीणों को गंदगी से जल्द ही छुटकार मिल जाएगा।

सडक़ पर अवैध कब्जा जमाए बैठे कबाड़ी को प्रदेश वाइस चेयरमैन ने लगाई फटकार।

बस्तली से अमुपुर की और जाने वाली सडक़ पर बस्तली गांव का एक कबाड़ी सडक़ पर कबाड़ डालकर अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठा था और वहां से गुजर रहे स्वच्छ भारत मिशन के चेयरमैन सुभाष चंद्र ने कबाड़ी को जल्द सडक़ से अपना सामान हटाने के लिए उसे फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि कबाड़ी के सामान सडक़ पर पड़ा होने के कारण आमजन व वाहन चालाकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 18 फीट की सडक़ से एक वाहन बड़ी मुश्किल से निकलपाता है। उन्होंने कबाड़ी नरेश को जल्द सडक़ खाली करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि यदि दोबारा सडक़ पर सामान पड़ा मिला तो तुमहारे खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी
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केंद्र की तरह सबका साथ,सबका विकास के सिद्धांत पर काम कर रही प्रदेश सरकार:विकास राणा।
निसिंग,कौशिक
 केंद्र की तर्ज पर सबका साथ सबका किास के सिद्धांत पर प्रदेश मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार काम कर रही है। प्रदेश मुख्यमंत्री मोदी संकल्प से सिद्धि मंत्र को अपनाते हुए प्रदेश में कार्य कर रहे है। शुक्रवार को भाजपा किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष विकास राणा बैठक में बोल रहे थे। बैठक में पहुंचे स्वच्छ भारत मिशन वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र के सामने अमुपुर माजरा गौशाला में शैड व ओम जिम बनवाने की बात रखी। जिससे गौभक्तों को इसका फायदा मिल सके और गाय के लिए शैड बनवाया जाए जिससे गाय गर्मी के मौसम में उनका बचाव हो सके। चेयरमैन ने सभी कार्य जल्द करवाने का आश्वास दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में देश व प्रदेश को एक नई दिशा देने का काम किया है। भाजपा पार्टी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में पूरी ईमानदारी से समान रूप से हर क्षेत्र का विकास कार्य करवाना है। इससे पूर्व की सरकार ने रोजगार व विकास कार्यो को लेकर जाति , क्षेत्र विशेष को तवज्जों देती थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सभी विषमताओं से प्रदेश मुक्त प्रदेश बनाने में लगे हुए है। प्रदेश गरीबी ,भ्रष्टाचार,सम्प्रदायवाद व जातिवाद से मुक्त बनाने में लगे हुए है। इस मौके मार्किट कमेटी के पूर्व वाइस चेयरमैन मुकेश गोयल, प्रताप, जगदीश राणा, जसवंत, भीम,सोनू राणा, पाला जांगड़ा,शक्ति राणा, गोलू शर्मा, शेखर राणा सहित अन्य मौजूद रहे। 

Tuesday, 22 June 2021

अरोमा राइस मिल मालिक के बेटे, भाई व फोरमैन पर सिक्योरिटी गार्ड व उसके साथियों ने किया हमला

पुलिस ने किया सिक्योरिटी गार्ड सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्जंघरौंडा: प्रवीण कौशिक
अरोमा राइस मिल के सिक्योरिटी गार्ड ने अपने साथियों के साथ मिलकर मिल मालिक के भाई व बेटे पर लाठी डंडो से हमला बोल दिया। बीच बचाव के लिए आए फोरमैन के साथ भी मारपीट की गई। घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जीटी रोड स्थित अरोमा राइस मिल के मालिक सुशील गर्ग ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि बीती सोमवार की शाम करीब छह बजे मिल के सिक्योरिटी गार्ड अराईपुरा निवासी जयवीर व उसके साथियों ने उसके छोटे भाई विनोद व बेटे मयंक पर हमला कर दिया। विनोद व मयंक पर हमला होते देख बीच बचाव के लिए फोरमैन श्रीराम शर्मा भी पहुंचें, तो हमलावर उस पर भी टूट पड़े और जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए।  हमले में घायल विनोद, मयंक व श्रीराम शर्मा घायल हो गए। सभी को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया और मामले की शिकायत पुलिस को की। जांच अधिकारी रोहताश ने बताया कि सुशील कुमार की शिकायत पर सिक्योरिटी गार्ड जयवीर, उसके लड़के निक्की, दौलत पुत्र जग्गा सिंह व अन्य चार व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

Sunday, 20 June 2021

मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता के सच्चे हमदर्द, 12 लाख गरीब परिवारों के लिए 600 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा

दी जाएगी परिवारों को 5 हजार रूपये की आर्थिक सहायता:-सांसद संजय भाटिया।
करनाल 20 जून,प्रवीण कौशिक
लोकसभा क्षेत्र के सांसद संजय भाटिया ने बताया कि प्रदेश सरकार के 600 दिन पूरे होने पर 1100 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 12 लाख परिवारों के लिए 600 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत ऐसे सभी परिवारों को 5 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
सांसद ने बताया कि इसके अलावा छोटे दुकानदारों के लिए 150 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा के साथ ही, ई-ट्रैक्टर खरीदने वाले 600 किसानों को 25 प्रतिशत छूट प्रदान करने की भी घोषणा की गई है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को योजना का लाभ प्रदान करने के लिए पोर्टल बनाया गया है और इस पर 18 जून से पंजीकरण आरंभ हो जाएगा। ई-ट्रैक्टर पर दी जाने वाली छूट का लाभ 600 किसानों को दिया जाएगा। इसके लिए 30 सितंबर तक ई-ट्रैक्टर बुक करवाने वाले किसान यह लाभ पाने के पात्र होंगे। यदि आवेदन करने वाले 600 से कम हुए तो सभी को लाभ मिलेगा और यदि बुक करवाने वालों की संख्या 600 से अधिक होगी तो ड्रॉ के माध्यम से निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा आशा वर्कर्स, एनएचएम के परिवारों को 5 हजार रूपये देने की घोषणा भी की है और इसके साथ-साथ 46 परिवारों को 2-2 लाख रूपये की एक्सग्रेशिया राशि ट्रांसफर राज्य सरकार ने कोविड से जान गंवाने वाले बीपीएल परिवारों के 18 से 50 वर्ष तक की आयु के सदस्य की कोरोना के कारण मुत्यु होने पर 2 लाख रूपये एक्सग्रेशिया अनुदान देने की घोषणा की थी।

Saturday, 19 June 2021

क्या हम वास्तव में लोकतान्त्रिक व्यवस्था के नागरिक हैं ?

- वीरेन्द्र पाठक,पूर्व सैन्य कर्मचारी एवं पूर्व बैंक अधिकारी
         राज तन्त्र व्यवस्था के अन्तर्गत सत्ता परिवार विशेष तक सीमित रहती है,  सत्ता हथियाने व प्रसार के लिए सेनाओं के बल पर युद्ध लड़े जाते थे, जो विजयी होता सत्ता उसके हाथ आ जाती।
     हमारा वर्तमान लोकतन्त्र भी उसी सिद्धांत पर आधारित है, अन्तर केवल युद्ध के प्रकार में आता है, इस व्यवस्था में युद्ध तलवार व तोप जैसे अस्त्र शस्त्रों से नहीं अपितु वोट नामक अचूक शस्त्र से लड़ा जाता है, जिसे हथियाना दलों को बख़ूबी आ गया है, जो वोटों पर मज़बूत पकड़ बना गया, सत्ता वैभव उसी का।
      राजतंत्र में विदूषक व राजपुरोहित शासक की कृपा पाने के लिए विभिन्न अलंकारों का प्रयोग करते, वर्तमान में यह काम मिडिया करता है, चुनावों के समय मिडिया द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले प्रमुख अलंकार लगभग हर चैनल पर सुनने को मिल जाते हैं:
  “सिंहासन, राजमुकुट, ताज, राजतिलक रथयात्रा, युवराज आदि,
पिछले चुनावी समय एक चैनल ने तो अपने चुनाव प्रसारण कार्यक्रम का नाम ही राजतिलक रखा था।
       क्या ऐसे अलंकार लोकतन्त्र में उपयुक्त है?
स्वतंत्रता पूर्व संयुक्त भारत 584 रियासतों में बंटा हुआ था, 1947 के बँटवारे के समय 14 पाकिस्तान के भाग में आई, एक पाक अधिकृत आज़ाद काश्मीर बनी तो एक को चीन ने दबोच लिया, बाक़ी 568      का 1949 तक भारत में विलय किया, व देश को 17 बड़ी रियासतों में बाँट दिया गया जिनकी संख्या आज 29 हो गई है। देश का हर राज्य एक राजशाही विरासत का हिस्सा बन चुका है जिस पर क्षेत्रीय दल रूपी शासकों का अधिपत्य स्थापित हो चुका है।राजाओं व राजपरिवारों का जो दबदबा सुनने में आता था वो आज देखने को मिलता है, राजा की सवारी जब निकलती तो लोगों को घरों में बन्द रहने का आदेश होता, आज भी जब किसी नेता का क़ाफ़िला चलता है तो रास्ता आम जनता के लिए बन्द कर दिया जाता है, राजा अंगरक्षक सैनिकों के सुरक्षा घेरे में रहते थे, आज भी नेता के क़द के अनुरूप सुरक्षा कवच मिला है, आज भी आम लोगों के लिए अपने तथाकथित लोकप्रिय नेता से मिलना उतना ही कठिन है जितना राजवंशों के समय राजा से मिलने में हुआ करता था, आज नेताओं से जनता की दूरी उस समय के राजा से प्रजा की दूरी कई गुणा अधिक हो गई है। 
       राजा महाराजाओं के काल में कर वसूली के उपरान्त पहले राजा, राजपरिवार व दरबारियों के भोग-विलास पर व्यय किया जाता, बाद में कुछ बचता तो जन कल्याण के विषय में सोचा जाता, आज भी वैसा ही है, नेताओं व अफ़सरों के सुख साधन जुटाने के उपरान्त कुछ बचे तो वोट बैंक पर लुटा दिया जाता है, कर दाता तो बस निहारता रह जाता है, कहाँ अन्तर पड़ा आम नागरिकों के स्तर पर? जैसे राजतंत्र में थे वैसे के वैसे प्रजातन्त्र में, अन्तर केवल व्यवस्था के नाम में आया है शायद, वरना आज के नेता तो पूर्व राजाओं से कहीं अधिक समृद्ध व शक्तिशाली हो चुके हैं
         1952 के प्रथम चुनावों में लगभग सभी पूर्व शासक सत्ता पुनः प्राप्त करने के उद्देश्य से चुनाव मैदान  में कूदे व लोकसभा या राज्य विधानसभाओं के सदस्यों के रूप में फिर से सत्तारूढ़ हो गए, जिनके वंशज हाल में भी सत्ता सुख भोग रहे।
          आज देश कुल मिलाकर  4549 ( जिनमें राष्ट्र प्रमुख, राज्यपाल, उपराज्यपाल, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभाओं व विधानपरिषदों के सदस्य) रजवाड़ों के हाथों में है या इस संख्या से कहीं और अधिक! इनसे तो ये व्यवस्था यदि 1947  वाली संख्या 568 तक ही सीमित रहती तो उचित था, करदाताओं पर  असंख्य नेताओं व भारी भरकम अफ़सरशाही के खर्च का बोझ तो कम पड़ता।
        धीरे-धीरे राजनैतिक दल भी कुछ परिवारों की धरोहर बनती गई, पंचायत से पार्लियामैंट तक लगभग हर स्तर पर राजशाही परम्परा के अनुरूप पीढ़ियों का शासन स्थापित हो चुका।
        पूर्व शासकों को गुज़ारे हेतु राजकोष से शाही भत्ता (privey purse) दिया जाता था जिसके चलते उन्हें दोहरा लाभ मिलता रहा।
पारिवारिक परम्परा का वर्चस्व एकछत्र रूप से स्थापित करने की नीयत से 1971 में संविधान में उल्लिखित नागरिकों के समान अधिकारों की रक्षा का हवाला देकर 26वां संशोधन सदन में पारित कर पूर्व शासकों को दिया जाने वाला शाही भत्ता समाप्त कर दिया, परिणाम क्या निकला? आज पूर्व सांसदों विधायकों को पैंशन व सुविधाओं के रूप में कई गुणा शाही भत्ता दिया जा रहा है जो राजकोष पर अनुचित व अवांछनीय भार हैं। कहाँ रह गया नागरिक समानता का मौलिक अधिकार? 
     नागरिकों से तो 35 से 40 साल सेवा करने के बाद भी पैंशन का अधिकार छीन लिया व मिलने वाली सभी मूलभूत सुविधाओं का अधिकार भी सेवानिवृत्ति के साथ ही वापिस ले लिया जाता है।नागरिक सेवाओं में कार्यरत सभी कर्मियों के वेतन व भत्ते पर आयकर देय होता है तो इन रजवाड़ों के वेतन व भत्ते आयकर से मुक्त क्यों?
     आज भी किसी राष्ट्रीय संकट के समय आर्थिक सहायता का सारा भार आम नागरिकों के कन्धों पर ही टिका दिया जाता है, हाल ही के कोविड काल में भी केवल कर्मचारियों के ही भत्ते आदि में कटौती की गई यहाँ तक कि पैंशन धारियों को भी नहीं बख्शा गया, क्यों नहीं विधायिका के वर्तमान या पूर्व सदस्यों के वेतन, भत्ते, व सुख सुविधाओं में कभी कटौती कर राहत कोष में योगदान दिया जाता? क्या यह सब सिद्ध नहीं कर रहा कि हम लोकतंत्र के नाम पर राजतंत्र की पीड़ा झेल रहे।
         राजनीति शास्त्र के अनुसार लोकतन्त्र के मूल सिद्धांत “Government by the people, of the people and for the people”  ये परिभाषा भी वर्तमान में लोकतन्त्र में परिवर्तन के परिणामस्वरूप परिवर्तित हो कर कुछ इस प्रकार हो गई है:
Government buy the people, off the people and far the people” राजनीति की नींव स्वार्थ पर रखी जा चुकी है जो विशेषतः राजपरिवारों में होता था। राजनीति सेवा नहीं एक आकर्षक व अत्यन्त लाभकारी पेशा बन चुकी है।
        मेरी इस रचना का सृजन हाल में लोक जनशक्ति पार्टी के पारिवारिक विवाद से प्रेरित होकर हुआ।
यही एकमात्र पर्याप्त उदाहरण नहीं, जहाँ तहाँ राजशाही परम्परा ही दिखाई देती है,  बस मात्र दावा करने के लिए हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र रह गए हैं।
प्रस्तुति:डॉ. प्रवीण कौशिक,घरौंडा

Friday, 18 June 2021

विशाल जूूड की रिहाई की मांग को लेकर कल्हेड़ी गांव के युवाओं ने शहर में किया रोष प्रदर्शन

खालिस्तान मुर्दाबाद के लगाए नारे, केंद्र व प्रदेश सरकार के नाम सौंपा ज्ञापन
घरौंडा : प्रवीण कौशिक/पवन अग्रवाल/गुरदीप रंगा
ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी साजिश का शिकार हुए कल्हेड़ी गांव के विशाल जूड की रिहाई को लेकर प्रदर्शन शुरू हो चुके है। कल्हेड़ी गांव के युवाओं ने खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और शहर में रोष मार्च निकालते हुए विशाल की रिहाई को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के नाम एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विशाल जुुुड़
देश का गौरव और तिरंगें का मान बढ़ाने के लिए आवाज उठाई लेकिन खालिस्तानियों ने उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की और करीब तीन माह से विशाल ऑस्ट्रेलिया की जेल में बंद है। यदि जल्द से जल्द उसकी रिहाई नहीं हुई तो आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी। 
शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे कल्हेड़ी गांव के सैंकड़ों युवा स्थानीय हर्बल पार्क में एकत्रित हुए। करीब आधा घंटे तक युवाओं ने पार्क में ही खालिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद युवाओं ने शहर के मुख्य मार्गो से रोष मार्च निकाला। प्रदर्शन हर्बल पार्क से शुरू हुआ और रेलवे रोड, मंडी मनीराम, तकिया बाजार, एसडी मंदिर चौक, मेन बाजार व दिल्ली चुंगी से होता हुआ एसडीएम कार्यालय में पहुंचा। जहां एसडीएम की गैर मौजूदगी में कार्यालय सुपरीटेंडेंट नरेंद्र कुमार को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, हरियाणा मुख्यमंत्री, विदेश मंत्रालय व गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। विशाल जूद के भाई रवि जूद, ग्रामीण सुल्तान, सरपंच प्रतिनिधि कश्मीरी लाल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जहां पर देश के तिरंगे का अपमान किया जा रहा था। विशाल ने इसका विरोध किया। खालिस्तानियों ने उसके साथ मारपीट भी की और साजिश के तहत उसे जेल में बंद करवा दिया। करीब तीन माह का समय बीत चुका है, वह जेल में ही बंद है। उन्होंने अपने स्तर पर विशाल की रिहाई की मांग भी उठाई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। लिहाजा, विशाल की रिहाई के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर है ताकि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचें।
सर्विस स्टेशन पर मैनेजर था विशाल
विशाल के भाई रवि का कहना है कि वे मूल रूप से कल्हेड़ी गांव के रहने वाले है। विशाल 2017 में स्टडी बेस वीजा पर आस्ट्रेलिया में गया था और करीब पांच साल से ऑस्ट्रेलिया में है। विशाल एक सर्विस स्टेशन पर मैनेजर का काम करता था। उसने देश के मान सम्मान के लिए आवाज उठाई थी। सरकार को उसकी रिहाई के लिए प्रयास करना चाहिए और इस मामले को फास्टे्रक कोर्ट में भेजा जाए, ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

आईजी सीआईएसएफ ने किया तीनों ईकाइयों का दौरा ।रिफाइनरी ईकाई कांप्लेक्स मे किया नर्सरी का उद्घाटन ।

ददलाना , पुरुषोत्तम :  
एनसीआर क्षेत्र केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के आईजी दयाल गगंवार आईपीएस ने पानीपत स्थित सीआईएसएफ की तीन इकाईयो एनएफएल , पीटीपीएस और आईओसीएल पानीपत का दौरा कर किया निरीक्षण । और रिफाइनरी स्थित सीआईएसएफ कांप्लेक्स में वृक्षारोपण कर औषधीय नर्सरी का शुभारम्भ किया । इसके साथ ही उन्होंने कांप्लेक्स में वैक्सीनेशन कैंप का उद्घाटन किया जिसमें100 लोगों को कोरोना रोधक वैक्सीन लगाई गई ।

शुक्रवार को दयाल गंगवार भा.पु.से. महानिरीक्षक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल एनसीआर खण्ड ने पानीपत की तीनो इकाइयो की दौरा कर सुरक्षा में तैनात बल सदस्यो और परिवारजनो के साथ मिलकर औषधीय , छायादार और फल देने वाले पौधे लगाए । जिसमें केऔसुब इकाई एनएफएल और पीटीपीएस पानीपत में लगभग 300 औषधीय पौधे लगाये गये। 

वंही सीआईएसएफ इकाई आईओसीएल पानीपत में स्वर्गीय आरक्षक जी.डी. नारायण सिंह (कोरोना वारियर) की याद में औषधीय नर्सरी का उद्घाटन किया गया । इस नर्सरी मे मुख्यतः ऐसे पौधे लगाए गये है जिनका औषधिय महत्व है ।  इस अवसर पर दयाल गंगवार द्वारा जरूरतमंदो को कोविड आइसोलेशन कीट एवं भोजन वितरण किया गया । तदोपरातं केऔसुब महानिरीक्षक द्वारा इकाई के बल सदस्यो के परिवारजनो के कोविड-19 महामारी से बचाव हतेु 100  लोगों को कोरोना रोधक वैक्सीनेशन करवाया गया । 
महानिरीक्षक ने केऔसुब सदस्यों के परिवारजनो को सम्बोधित करते हुये आवाहन किया कि सुरक्षा संबंधी प्रतिबद्धताओ के साथ-साथ हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिये भी समर्पित रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी आने वाली पीढी को स्वच्छ वातावरण है तो हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिएं और उनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करनी चाहिए । इतना ही नहीं हमें जल संरक्षण का भी ध्यान रखना है । 

महानिरीक्षक ने खास तौर पर बच्चो से संवाद किया गया और बच्चों को पर्यावरण सरंक्षण एवं कोविड 19 से बचाव हेतु जागरूक किया । तथा उन्हे प्रेरित किया  कि वे पर्यावरण सरंक्षण के लिए वृक्षारोपण अभियान में बढ-चढ कर भाग ले।  बता दें की दयाल गगंवार 1998 बैच के उडिशा कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं । और केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल मे एनसीआर खण्ड मे महानिरीक्षक की जिम्मेदारियो को सम्पुर्ण निष्ठा से निभा रहे है । दयाल पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और अपने क्षेत्र में आने वाली इकाईयो मे वृक्षारोपण करवा रहे हैं।
इस अवसर पर हरदीप सिंह, उप महानिरीक्षक एनसीआर  , वी.एम. जोशी.वरिष्ठ कमांडेंट , राकेश कुमार उप कमांडेंट , किरणपाल सिंह सैनी उप कमांडेंट , जितेंद्र कुमार उप कमांडेंट सहित केऔसुब के उच्च अधिकारी, बल सदस्य तथा उनके परिवारजन उपस्थित रहे ।

वैक्सीन का हमारे शरीर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता , बल्कि वैक्सीन लगवाने से हमारा शरीर मजबूत बनेगा :मालती अरोड़ा

पानीपत, राजपाल प्रेमी
 कोरोना काल में जहां लोग अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए घरों में दुबके बैठे थे , वहीं ज्यूनाइल जस्टिस बोर्ड की मैंम्बर और सोशल एंड चाइल्ड ऐक्टिविस्ट अधिवक्ता मालती अरोड़ा कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सैनेटाईजर और मास्क बांटने के अलावा लोगों को वैक्सीन नेशन करवाने के लिए प्रेरित कर रही थी । इतना ही नहीं मालती अरोड़ा ने सेवा रसोई कार्यक्रम में भागीदारी के साथ-साथ जरुरतमंद लोगों को घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाने का काम किया ।
मालती अरोड़ा ने एक वार्ता के दौरान बताया कि कोरोना महामारी के कारण जब लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों में बैठे थे तब हमारी टीम में घर से बाहर निकलकर जमीनी स्तर पर कार्य करने का काम किया । टीम ने मिलकर पानीपत के कई क्षेत्रों में हर गली कुचे में जाकर घर-घर सैनेटाईजर कराया और लोगों को मास्क बांटे । इतना ही नहीं हमारी टीम ने असंध रोड पर रेहडी और फडी लगाने वाले लोगों के साथ साथ वहां से आने-जाने वाले हर व्यक्ति को मास्क और सैनेटाईजर बांटे । और लोगों को सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रेरित किया ।
- वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रेरित किया ।
मालती अरोड़ा ने बताया कि जब लोग कोरोना रोधक वैक्सीन लगवाने से डर रहे थे । तब हमारी टीम ने घर-घर जाकर लोगों को समझाया की वैक्सीन का हमारे शरीर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता , बल्कि वैक्सीन लगवाने से हमारा शरीर मजबूत बनेगा और कोरोना से लड़ने की शक्ति हमारे अंदर पैदा होगी । और हजारों लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर पर ले जाकर कोरोना रोधक वैक्सीन लगवाई ।
 - बाल एवं महिला शोषण के खिलाफ जागरुकता कैंप लगाया ।
अरोड़ा ने बताया कि ज्यूनाइल जस्टिस बोर्ड की मैंम्बर और सोशल एंड चाइल्ड ऐक्टिविस्ट होने के नाते हमने महिला एवं बाल शोषण के खिलाफ जागरूकता केम्पों का भी आयोजन किया।

मनीष गुप्ता भाविप घरौंडा के अध्यक्ष,दीपक शर्मा सचिव व हरीश गर्ग कोषाध्यक्ष बने।

दायित्व ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत घरौंडा, डॉ प्रवीण कौशिक           भारत विकास परिषद्, शाखा घरौंडा द्वार...