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Sunday, 21 November 2021

स्वच्छता में घरौंडा नगरपालिका ने हरियाणा में पाया चौथा स्थान, नॉर्थ इंडिया में 116 से 66वें रैंक पर पहुंची नगरपालिका

ये सब विधायक हरविंद्र कल्याण के प्रयासों से हुआ सम्भव:रविप्रकाश
घरौंडा:प्रवीण कौशिक
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के परिणामों में घरौंडा नगरपालिका ने प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। इतना ही नहीं नगरपालिका की स्वच्छता रैंकिंग में भी गजब का सुधार देखने को मिला है। जहां वर्ष-2020 में नॉर्थ इंडिया में घरौंडा नगरपालिका का रैंक 116 पर था, वहीं इस वर्ष नगरपालिका ने 66वां रैंक हासिल करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस उपलब्धि से नगरपालिका अधिकारियों, कर्मचारियों व स्टाफ सदस्यों में खुशी का माहौल है। वहीं शहरवासियों ने नगरपालिका के प्रयासों को सराहा है और नपा अधिकारियों को बधाई दी है।
घरौंडा के सामाजिक कार्यकर्ता, एन्टी करप्शन व मीडिया इन्वेस्टिगेशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ प्रवीण कौशिक ने कहा कि केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय की ओर से बीते फरवरी माह में देश के हजारों शहरों का सर्वेक्षण करवाया गया था। इसमें 25 से 50 हजार कैटेगिरी के शहर भी शामिल किए गए थे।
कौशिक ने कहा स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में हिस्सा लेने के लिए घरौंडा नगरपालिका ने अलग-अलग तरह से स्वच्छता कार्य किया। जिसमें में गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करने, नाइट स्वीपिंग, बेहतरीन शौचालय सुविधा, डोर-टू-डोर कचरा क्लेक्शन, स्वच्छता जागरूकता अभियान, स्वच्छता प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई। सर्वेक्षण टीम द्वारा शहरवासियों से जो फीडबैक मिला, उसके कारण भी स्वच्छता की रैंकिंग में सुधार हुआ। स्वच्छता टीम ने जो पैरामीटर निर्धारित किए गए थे, उनमें नगरपालिका खरी उतरी और स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम में हरियाणा में चौथा स्थान बनाया। 
नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा ने कहा कि नगरपालिका शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। नगरपालिका के प्रयास रंग लाए है। जिस कारण नॉर्थ इंडिया में नगरपालिका का रैंक सुधरा है। नगरपालिका 116 से 66वें रैंक पर पहुंच गई है। आने वाले सालों में घरौंडा एक मॉडल सिटी के रूप में उभरकर सामने आएगा। जिसके लिए विधायक हरविंद्र कल्याण निरंतर प्रयास कर रहे है। मॉडल सिटी बनने के बाद घरौंडा को बेहतरीन सुविधाएं मिलेगी और आने वाली स्वच्छता प्रतिस्पर्धाओं में रैंक सुधरने में ओर भी ज्यादा मदद मिलेगी। नगरपालिका शहर को अग्रणी पायदान पर लाने के लिए प्रयासरत है। जिसके लिए आगामी रूपरेखा तैयार कर स्वच्छता कार्य किया जाएगा। जिसके लिए शहरवासियों के सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत होगी। क्योंकि यदि प्रत्येक व्यक्ति कचरा ना फैलाने का प्रण ले तो शहर स्वयं ही स्वच्छ हो जाएगा।

Saturday, 20 November 2021

रेलवे रोड अंडरपास के नीचे पड़ी पराली में लगी आग, आग लगने से एफआरपी शीट जली, फायर ब्रिगेड ने पाया आग पर काबू,

 नगरपालिका को दो लाख का नुकसान, पुलिस ने किया अज्ञात के खिलाफ मामला दर्जघरौंडा: डॉ प्रवीण कौशिक
फ्लाईओवर के रेलवे रोड अंडरपास की एफआरपी शीट में अचानक लग गई। रेलवे अंडर पास के सौंदर्य करण के लिए करीब दो साल पहले ही लाखों की लागत से यह शीट लगाई गई थी। आग लगने से पूरी शीट धूं धूं करके जल गई। घटना की सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मोके पर पहुंच गई और आग पर काबू पाया। आग लगने का कारण एफआरपी के नजदीक पड़ी पराली को बताया जा रहा है। नगरपालिका ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
नगरपालिका ने वर्ष-2019 में दिल्ली चुंगी अंडरपास, रेलवे रोड अंडरपास और नई अनाज मंडी रोड अंडरपास पर करीब  45 लाख की लागत से एफआरपी शीट लगाई थी। जिसका उद्देश्य अंडरपास का सौंदर्यीकरण बढ़ाना था। वीरवार को रेलवे रोड अंडरपास के नीचे पराली से लदी ट्राली पलट गई थी। अधिकतर पराली को उठाया जा चुका था लेकिन कुछ पराली अभी भी अंडरपास के नीचे ही पड़ी हुई थी। नगरपालिका ने ट्रैक्टर-ट्राली चालक को जल्द से जल्द पराली उठाने के निर्देश दिए थे, लेकिन शुक्रवार की देर रात किसी अज्ञात शख्स ने पराली में आग लगा दी। पराली ने कुछ ही सैकिंड में एफआरपी शीट ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते आग की लपटे उठने लगी। राहगीरों ने आगजनी की सूचना फायर ब्रिगेड को दी तो चंद मिनटों में ही फायर की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग बुझाने के लिए पानी की बौछार शुरू कर दी। करीब 20 मिनट में आग पर काबू पाया गया। आग की वजह से एक बड़ा हिस्सा जल गया।
 नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा ने बताया कि एफआरपी शीट जलने से ना सिर्फ सौंदर्यीकरण को ग्रहण लगा है बल्कि नगरपालिका को लगभग दो लाख का नुकसान भी हुआ है। ट्रैक्टर-ट्राली चालक व अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

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हरिकिशन,अतिरिक्त थाना प्रभारी, घरौंडा
रेलवे रोड अंडरपास के नीचे आग लग गई थी। जिसकी शिकायत नगरपालिका की तरफ से मिली है। शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

Thursday, 18 November 2021

महमदपुर गांव में जागरूकता कैंप लगाकर सेफ़्टी क्लिनिक का आयोजन किया

रिफाइनरी,राजपाल प्रेमी/कौशिक
  इंडियन ऑयल की और से वीरवार को सविता गैस सर्विस द्वारा महमदपुर गांव में जागरूकता कैंप लगाकर सेफ़्टी क्लिनिक का आयोजन किया गया । जिसमें इंडेन बॉटलिंग प्लांट के प्रबंधक अतुश बदयाल ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की और गैस सिलेंडर के सुरक्षित उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी । 
उन्होंने बताया कि जब डिलीवरी मैन सिलेंडर देने आता है तो उस समय किन चीजों को देखकर सिलेंडर लेना है । घर में गैस को इस्तेमाल  करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया । उसके बाद सभा में बैठे बच्चो और महिलाओं से एलपीजी सिलेंडर की सुरक्षा के तहत प्रश्न पूछे गए । जिन महिलाओं ने सवालों के सही जवाब दिए उन महिलाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया । इस दौरान उन्होंने भारत सरकार की उज्जवला योजना के बारे में भी लोगों को बताया कि जिस भी परिवार में गैस कनेक्शन नही है, उस परिवार की महिला को केंद्र सरकार की तरफ़ से बिल्कुल फ्री कनेक्शन दिया जाएगा । जिसमें सिलेंडर, रेगुलेटर चूल्हा और सुरक्षाहोज मुफ्त दिया जाएगा । 
इसके लिए राशन कार्ड या फ़ैमिली आइडी के साथ साथ सभी वयस्क सदस्यों के आधार कार्ड और बैंक खाते की कॉपी की ज़रूरत है । 
इस अवसर पर आदित्य शर्मा , सरपंच जिंदर चीमा , कश्मीर सिंह , निर्मल सिंह , बलकार सिंह ,अमरीक सिंह  ,साहब सिंह आदि उपस्थित रहे ।

Saturday, 13 November 2021

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय पहुंचे एनयूजे कार्यकारिणी की बैठक में

राष्ट्र निर्माण पर फोकस करे मीडिया:राज्यपाल
चंडीगढ़, प्रवीण कौशिक
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विस्तारित मीडिया के आज के दौर में मुख्य धारा मीडिया को आगे आना होगा और राष्ट्र निर्माण में फोकस करना होगा। पत्रकारों के सामने व्यापक चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीत पत्रकारिता से बचते हुए सरकार की आलोचना भी हो और जनहितकारी योजनाओं का प्रचार भी। 
चंडीगढ़ स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईटीटीटीईआर) में शुरू नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया यानी एनयूजेआई की दो दिवसीय बैठक में देशभर की विभिन्न संबद्ध इकाइयों के पदाधिकारियों समेत 80 से अधिक पत्रकार शामिल हुए। बैठक में पत्रकारों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। 
बैठक के उद्घाटन सत्र में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आज 62 करोड़ जनता सोशल मीडिया से जुड़ी है। सूचनाओं के तुरंत आदान-प्रदान में तथ्यों की प्रामाणिकता की चुनौती है। तथ्यों के साथ पत्रकारों को जनता और सरकार के बीच सेतु का काम करना है। उन्होंने माना कि पत्रकारों को धमकियां भी मिलती हैं, लेकिन सच्चाई सामने लाने वाला पत्रकार फ्रंटलाइन वर्कर होता है। 
इससे पहले एनयूजेआई के अध्यक्ष मनोज मिश्र एवं महासचिव सुरेश शर्मा ने दो दिवसीय बैठक के मुद्दों पर प्रकाश डाला। चंडीगढ़ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ वशिष्ठ एवं एनयूजेआई के पूर्व अध्यक्ष अशोक मलिक ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गई कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिलने वाली सुविधाओं का विस्तार करते हुए सभी श्रमजीवी पत्रकारों को दी जाएं।
  मंच संचालन वरिष्ठ पत्रकार हरेश वशिष्ठ ने किया, जबकि सीजेए के महासचिव दुष्यंत पुंडीर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Tuesday, 9 November 2021

लोक आस्था का महापर्व छठ

रिफायनरी,राजपाल प्रेमी,कौशिक
छठ  लोक आस्था का महापर्व  है  जो हमारी प्राचीन परंपरा, महान सभ्यता एवं संस्कृति का एक अनुपम  प्रतीक है। कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला यह  महान  पर्व  मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। इस पर्व मे मुख्य रूप से  भगवान दीनानाथ यानि सूर्य भगवान की आराधना की जाती है और छट्ठी मईया की पुजा की जाती है ।यह पर्व  मुख्य रूप से बिहार मे बड़े धुम धाम से मनाया जाता है और ऐसी मान्यता है कि यह पर्व  पूरे भारत का ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है। यह पर्व बिहार की  वैदिक आर्य संस्कृति की  एक  झलक दिखाता हैं। छठ पूजा सूर्य, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी म‌इया को समर्पित है ।
इस पर्व  के नियम बहुत  कठोर हैं और  यह चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना, और प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है।  पर्व की शुरुवात नहाय खाय से होती है जिसमे  पर्व करने वाली महिलाएं एवं पुरुष शुद्ध शाकाहारी  बिना लहसुन और प्याज का खाना बनाती है। खाना में व्रती कद्दू की सब्जी ,मुंग चना दाल, चावल का उपयोग करते है .यह खाना मिटटी के बर्तन में  लकड़ी की आँच पर पकाया जाता है।। जब खाना बन जाता है तो सर्वप्रथम व्रती खाना खाते है उसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्य खाना खाते है।
छठ पर्व का दूसरा दिन जिसे खरना या लोहंडा के नाम से जाना जाता है । इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं एवं पुरुष  पुरे दिन  निर्जला उपवास रखती है। शाम को चावल,  गुड़ और गन्ने के रस का प्रयोग कर खीर बनाया जाता है।  पुजा करने के बाद  सबसे पहले व्रती  यह प्रसाद खाती हैं और  अपने सभी परिवार जनों एवं मित्रों-रिश्तेदारों को वही ‘खीर-रोटी' का प्रसाद खिलाते हैं। । चावल का पिठ्ठा व घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में वितरीत की जाती है। इसके बाद अगले 36 घंटों के लिए व्रती निर्जला व्रत रखते है।  मुख्य रूप से इसी दिन मध्य रात्रि को व्रती छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद ठेकुआ बनाती है।
छठ पर्व का तीसरा दिन जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। पुरे दिन सभी लोग मिलकर पूजा की तैयारिया करते है। छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू जिसे लरुवा भी कहा जाता है, बनाया जाता है । छठ पूजा के लिए एक बांस की बनी हुयी टोकरी जिसे दउरा कहते है में पूजा के प्रसाद,फल  इत्यादि  रखा  जाता है। शाम को एक सूप में नारियल,पांच प्रकार के फल,और पूजा का अन्य सामान लेकर दउरा में रख कर घर का पुरुष अपने हाथो से उठाकर छठ घाट पर ले जाता है। छठ घाट की तरफ जाते हुए रास्ते में प्रायः महिलाये छठ का गीत गाते हुए जाती है।सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा का सारा सामान लेकर घुटने भर पानी में जाकर खड़े हो जाते है और डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करते है।।  बहुत सारे लोग घाट पर रात भर ठहरते है वही कुछ लोग छठ का गीत गाते हुए सारा सामान लेकर घर आ जाते है और उसे पुजा घर  में रख देते है । 
आज कल लोग अपने अपने घरों के छत पर भी  सूर्य भगवान को अर्घ्य  देने लगे हैं।
छठ पर्व के चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदियमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्योदय से पहले ही व्रती लोग घाट पर उगते सूर्यदेव की पूजा हेतु पहुंच जाते हैं और शाम की ही तरह उनके परिजन उपस्थित रहते हैं। सभी नियम-विधान सांध्य अर्घ्य की तरह ही होते हैं। सिर्फ व्रती लोग इस समय पूरब की ओर मुंहकर पानी में खड़े होते हैं व सूर्योपासना करते हैं। पूजा-अर्चना समाप्तोपरान्त घाट का पूजन होता है। वहाँ उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरण करके व्रती घर आ जाते हैं और घर पर भी अपने परिवार आदि को प्रसाद वितरण करते हैं। पूजा के पश्चात् व्रती  कच्चे दूध का शरबत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण करते हैं जिसे पारण कहते हैं। व्रती लोग खरना दिन से आज तक निर्जला उपवासोपरान्त आज  ही नमकयुक्त भोजन करते हैं। 
 छठ व्रत के सम्बन्ध में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं कथा के अनुसार प्रथम देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य के देव सूर्य मंदिर में छठी मैया की आराधना की थी। तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद अदिति के पुत्र हुए त्रिदेव रूप आदित्य भगवान, जिन्होंने असुरों पर देवताओं को विजय दिलायी। कहा जाता हैं कि उसी समय से देव सेना षष्ठी देवी के नाम पर इस धाम का नाम देव हो  गया और छठ का चलन भी शुरू हो गया।
दूसरी  कथा के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गये, तब श्री कृष्ण द्वारा बताये जाने पर द्रौपदी ने छठ व्रत रखा। तब उनकी मनोकामनाएँ पूरी हुईं तथा पांडवों को उनका राजपाट वापस मिला। लोक परम्परा के अनुसार सूर्यदेव और छठी मइया का सम्बन्ध भाई-बहन का है। लोक मातृका षष्ठी की पहली पूजा सूर्य ने ही की थी।
इस पर्व के संबंध  मे लोक आस्था यह है कि  इस पर्व को जो लोग  पूरे नियम और साफ सफाई से करते हैं तो छठी मैया  उनकी सब मनोकामनाएँ पूरी कर देती है। यही वजह है कि यह पर्व अब भारत के अन्य राज्यों के साथ साथ  विदेशों मे भी बहुत धूम धाम से मनाया जाने लगा है।
 (राकेश रौशन)
 
 
 

छठ लोक आस्था का महापर्व

 रिफाइनरी, राजपाल प्रेमी/कौशिक

छठ लोक आस्था का महापर्व  है  जो हमारी प्राचीन परंपरा, महान सभ्यता एवं संस्कृति का एक अनुपम  प्रतीक है। कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला यह  महान  पर्व  मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। इस पर्व मे मुख्य रूप से  भगवान दीनानाथ यानि सूर्य भगवान की आराधना की जाती है और छट्ठी मईया की पुजा की जाती है ।यह पर्व  मुख्य रूप से बिहार मे बड़े धुम धाम से मनाया जाता है और ऐसी मान्यता है कि यह पर्व  पूरे भारत का ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है। यह पर्व बिहार की  वैदिक आर्य संस्कृति की  एक  झलक दिखाता हैं। छठ पूजा सूर्य, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी म‌इया को समर्पित है ।

इस पर्व  के नियम बहुत  कठोर हैं और  यह चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना, और प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है।  पर्व की शुरुवात नहाय खाय से होती है जिसमे  पर्व करने वाली महिलाएं एवं पुरुष शुद्ध शाकाहारी  बिना लहसुन और प्याज का खाना बनाती है। खाना में व्रती कद्दू की सब्जी ,मुंग चना दाल, चावल का उपयोग करते है .यह खाना मिटटी के बर्तन में  लकड़ी की आँच पर पकाया जाता है।। जब खाना बन जाता है तो सर्वप्रथम व्रती खाना खाते है उसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्य खाना खाते है।
छठ पर्व का दूसरा दिन जिसे खरना या लोहंडा के नाम से जाना जाता है । इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं एवं पुरुष  पुरे दिन  निर्जला उपवास रखती है। शाम को चावल,  गुड़ और गन्ने के रस का प्रयोग कर खीर बनाया जाता है।  पुजा करने के बाद  सबसे पहले व्रती  यह प्रसाद खाती हैं और  अपने सभी परिवार जनों एवं मित्रों-रिश्तेदारों को वही ‘खीर-रोटी' का प्रसाद खिलाते हैं। । चावल का पिठ्ठा व घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में वितरीत की जाती है। इसके बाद अगले 36 घंटों के लिए व्रती निर्जला व्रत रखते है।  मुख्य रूप से इसी दिन मध्य रात्रि को व्रती छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद ठेकुआ बनाती है।
छठ पर्व का तीसरा दिन जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। पुरे दिन सभी लोग मिलकर पूजा की तैयारिया करते है। छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू जिसे लरुवा भी कहा जाता है, बनाया जाता है । छठ पूजा के लिए एक बांस की बनी हुयी टोकरी जिसे दउरा कहते है में पूजा के प्रसाद,फल  इत्यादि  रखा  जाता है। शाम को एक सूप में नारियल,पांच प्रकार के फल,और पूजा का अन्य सामान लेकर दउरा में रख कर घर का पुरुष अपने हाथो से उठाकर छठ घाट पर ले जाता है। छठ घाट की तरफ जाते हुए रास्ते में प्रायः महिलाये छठ का गीत गाते हुए जाती है।सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा का सारा सामान लेकर घुटने भर पानी में जाकर खड़े हो जाते है और डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करते है।।  बहुत सारे लोग घाट पर रात भर ठहरते है वही कुछ लोग छठ का गीत गाते हुए सारा सामान लेकर घर आ जाते है और उसे पुजा घर  में रख देते है । 
आज कल लोग अपने अपने घरों के छत पर भी  सूर्य भगवान को अर्घ्य  देने लगे हैं।
छठ पर्व के चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदियमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्योदय से पहले ही व्रती लोग घाट पर उगते सूर्यदेव की पूजा हेतु पहुंच जाते हैं और शाम की ही तरह उनके परिजन उपस्थित रहते हैं। सभी नियम-विधान सांध्य अर्घ्य की तरह ही होते हैं। सिर्फ व्रती लोग इस समय पूरब की ओर मुंहकर पानी में खड़े होते हैं व सूर्योपासना करते हैं। पूजा-अर्चना समाप्तोपरान्त घाट का पूजन होता है। वहाँ उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरण करके व्रती घर आ जाते हैं और घर पर भी अपने परिवार आदि को प्रसाद वितरण करते हैं। पूजा के पश्चात् व्रती  कच्चे दूध का शरबत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण करते हैं जिसे पारण कहते हैं। व्रती लोग खरना दिन से आज तक निर्जला उपवासोपरान्त आज  ही नमकयुक्त भोजन करते हैं। 
 
छठ व्रत के सम्बन्ध में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं कथा के अनुसार प्रथम देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य के देव सूर्य मंदिर में छठी मैया की आराधना की थी। तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद अदिति के पुत्र हुए त्रिदेव रूप आदित्य भगवान, जिन्होंने असुरों पर देवताओं को विजय दिलायी। कहा जाता हैं कि उसी समय से देव सेना षष्ठी देवी के नाम पर इस धाम का नाम देव हो  गया और छठ का चलन भी शुरू हो गया।
दूसरी  कथा के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गये, तब श्री कृष्ण द्वारा बताये जाने पर द्रौपदी ने छठ व्रत रखा। तब उनकी मनोकामनाएँ पूरी हुईं तथा पांडवों को उनका राजपाट वापस मिला। लोक परम्परा के अनुसार सूर्यदेव और छठी मइया का सम्बन्ध भाई-बहन का है। लोक मातृका षष्ठी की पहली पूजा सूर्य ने ही की थी।
 

Thursday, 4 November 2021

न्यूज़

 पट्रोल 5 रुपये व डीजल 10 रुपये हुआ सस्ता.नई दरें 4 नवंबर से होंगी लागू





मनीष गुप्ता भाविप घरौंडा के अध्यक्ष,दीपक शर्मा सचिव व हरीश गर्ग कोषाध्यक्ष बने।

दायित्व ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत घरौंडा, डॉ प्रवीण कौशिक           भारत विकास परिषद्, शाखा घरौंडा द्वार...