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Wednesday, 13 February 2019

हजारों नम आँखों के साथ शहीद के अंतिम दर्शन करने उमड़ी भीड़

भारत माता के जयकारों के बीच अंतिम संस्कार,जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए थे करनाल जिला के उपमंडल घरौंडा के डिंगर माजरा गांव के बलजीत सिंह ।
घरौंडा,प्रवीण कौशिक
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हुए जवान बलजीत सिंह (35) का पार्थिव शरीर बुधवार को पैतृक गांव डिंगर माजरा पहुंचा। हजारों लोगों ने  नम आँखों से भारत माता के जयकारों व बलजीत सिंह अमर रहे नारों के साथ शहीद के अंतिम दर्शन किए। मंगलवार शाम को ही शहीद का पार्थिव शरीर जम्मू-कश्मीर से हेलीकॉप्टर द्वारा अम्बाला कैंट लाया गया था ! जहां से आज सुबह उनके पैतृक गांव डिंगर माजरा उनका पार्थिव शरीर लाया गया।
शहीद के अंतिम संस्कार में स्थानीय विधायक हरविंदर कल्याण, पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, सतीश राणा,पूर्व विधायक रेखा राणा, रामस्वरूप जांबाज ,सोहन लाल गुप्ता, अनूप संधू के इलावा राजनैतिक,धार्मिक,सामाजिक संस्थाओं के सदस्य,पत्रकार तथा पुरे जिले का प्रशासन उपायुक्त करनाल, एसपी करनाल, डीएसपी घरौंडा,एसडीएम घरौंडा,एस एच ओ घरौंडा व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे व शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी हवलदार बलजीत सिंह की शहादत पर संवेदना प्रकट करते टवीट किया कि मां भारती की सेवा में, कत्र्तव्य पथ पर अपना जीवन न्यौछावर करने वाले करनाल के गांव डिंगर माजरा के हवलदार बलजीत सिंह जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। आपके बलिदान को हम कभी नहीं भुला पाएंगे, इस शहादत को मेरा नमन। 
अंतिम संस्कार से पूर्व सुरक्षाबलों के जवानों , जिला पुलिस के जवानों ने उन्हें सलामी दी।
शहीद बलजीत सिंह 50 राष्ट्रीय राइफल में हवलदार के पद पर तैनात थे। सोमवार रात 2:30 बजे आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर रत्नीपोरा  इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आतंकी एक घर व स्कूल में जा छिपे। आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी !

इस दौरान हवलदार बलजीत सिंह ने एक आतंकी को ढेर कर दिया। तभी सामने से आतंकियों की दो गोली बलजीत सिंह को लग गई। दो अन्य जवान भी घायल हो गए। घायल नायक सानीद व हवलदार बलजीत सिंह की अस्पताल में मौत हो गई। वहीं, जवान चंदर पाल को 92 बेस अस्पताल में रेफर किया है !

जनवरी 2002 में हवलदार बलजीत सिंह 2 मैक इनफेंट्री में भर्ती हुआ था व महाराष्ट्र के अहमदनगर में ट्रेनिंग की थी। इसके बाद अपनी अच्छी फिटनेश के चलते हवलदार बलजीत ने एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग पूरी की थी व वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक नई दिल्ली में एनएसजी में वीवीआईपी डयूटी में तैनात रहे । इससे पहले भी तीन साल तक हवलदार बलजीत राष्ट्रीय राइफल में पोस्टिंग था। पिछले तीन वर्षों से 50 राष्ट्रीय राइफल में श्रीनगर क्षेत्र में पोस्टिंग था।
 परिवार में हवलदार बलजीत की पत्नी अरूणा, एक तीन वर्षीय बेटा अरनव, सात वर्षीय बेटी जन्नत, 75 वर्षीय किसान पिता किशनचंद है। शहीद की माता मूर्ति का पहले ही देहांत हो चुका है !
विधायक हरविन्द्र कल्याण ने इस मौके पर कहा कि हरियाणा सरकार के द्वारा शहीदों को जो आर्थिक सहयोग दिया जाता है वह बलजीत के परिवार को भी मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि जीटी रोड कुटेल पर उनका सनराईजिंग वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल है आगे से शहीद के दोनों बच्चों को 12वीं कक्षा तक निशुल्क पढ़ाया जाएगा। 
फोटो:शहीद के अंतिम संस्कार के समय की तस्वीरें।

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